Move to Jagran APP

Jharkhand Lok Sabha Election 2019: आज इन दिग्‍गजों की प्रतिष्‍ठा दांव पर; जानें मुकाबले के कोण

Lok Sabha Election 2019. झारखंड की इन चार सीटों पर मुकाबला रोचक है। रांची हजारीबाग कोडरमा और खूंटी संसदीय क्षेत्र में शाम चार बजे तक वोट डाले जाएंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 09:14 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 07:07 PM (IST)
Jharkhand Lok Sabha Election 2019: आज इन दिग्‍गजों की प्रतिष्‍ठा दांव पर; जानें मुकाबले के कोण
Jharkhand Lok Sabha Election 2019: आज इन दिग्‍गजों की प्रतिष्‍ठा दांव पर; जानें मुकाबले के कोण

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Lok Sabha Election 2019 - झारखंड में दूसरे चरण के महासमर की जंग के परिणाम ईवीएम में कैद हो गए। राज्य की सबसे अहम मानी जाने वाली रांची, हजारीबाग, खूंटी और कोडरमा संसदीय सीट पर मुकाबला खासा रोचक है। राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और पार्टी के रणनीतिकारों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं। जीत के दावे मतदान शुरू होने के साथ ही किए जाने लगे।

loksabha election banner

भाजपा ने इन चार संसदीय सीटों में से तीन रांची, खूंटी और कोडरमा में अपने चेहरे बदले हैं। सिर्फ हजारीबाग में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा पर पार्टी ने दोबारा भरोसा जताया है। वहीं, महागठबंधन ने भी इस राजनीतिक बिसात में अपने मोहरों के साथ छेड़छाड़ की है। रांची और कोडरमा में पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी जैसे पुराने पके पकाए चेहरों पर दांव लगाने के साथ-साथ खूंटी में कालीचरण मुंडा और हजारीबाग में गोपाल साहू जैसे नए क्षत्रपों पर दांव लगाया है। बड़ी बात यह है कि मरांडी और सहाय के साथ पूरा गठबंधन खड़ा है जो पिछले चुनावों में अलग-अलग लड़े थे।

झारखंड के लिए सर्वाधिक अहम माने जाने वाले दूसरे चरण के चुनाव में राजनीतिक दलों ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है। स्टार प्रचारकों की होड़ भी देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 29 अप्रैल को कोडरमा की विजय संकल्प रैली ने जहां भाजपा को ताकत दी, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिमडेगा में रैली कर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में झारखंड में अपनी पहली जनसभा कर माहौल बनाया।

स्टार वार में भाजपा की ओर से हेमा मालिनी, पीयूष गोयल, भूपेंद्र यादव सहित कई शीर्ष नेता कूदे। तो कांग्रेस ने भी अपनी शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा को उतारा। तीखे हमलों के लिए जाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू और असरानी जैसे हास्य कलाकारों को भी कांग्रेस ने इस चरण में अपने प्रत्याशियों के पक्ष में उतारा। मुख्यमंत्री रघुवर दास, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार तो अपने दम पर जोर लगाते ही रहे।

भाजपा ने इस चरण के लिए छत्तीसगढ़ की टीम को भी उतारा। झारखंड में दूसरे चरण के चुनाव की इस सियासी बिसात पर कौन किस पर भारी पड़ेगा यह तो 23 मई को ही तय होगा लेकिन ईवीएम में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला सोमवार को ही कैद हो गया। 

हजारीबाग : जात-पात, धर्म-अधर्म, विकास-विनाश सब है मुद्दा
राज्य के इस वीआइपी सीट पर कई प्रकार के मुद्दे हावी हैं। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके मुकाबले में कांग्रेस के गोपाल साहू और वामपंथी भुवनेश्वर मेहता मैदान में हैं। सभी प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं और हर मुद्दे का असर कुछ न कुछ जरूर है। जहां विकास की बातें हो रही हैं वहीं विकास के लिए कृषि भूमि अधिग्रहण का आरोप लगाकर विनाश की कथा बुनी जा रही है। धर्म-अधर्म की दास्तां भी यहां की वादियों में है। मॉब लिंचिंग को भी विपक्षी पार्टियां कुछ इलाकों में मुद्दा बनाने में सफल रही हैं। भाजपा ने इस क्षेत्र से सांसद ही नहीं मंत्री भी दिए हैं और इस बात को भुनाने की कोशिश जारी है। विपक्ष कई प्रकार के मुद्दे उठा रहा है। जात-पात और धर्म-अधर्म भी हजारीबाग की फिजां का अहम हिस्सा है। 

कोडरमा : हाईप्रोफाइल इस सीट पर बाबूलाल के साथ जुड़ी महागठबंधन की प्रतिष्ठा

हाईप्रोफाइल मानी जा रही कोडरमा संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के साथ-साथ महागठबंधन की प्रतिष्ठा जुड़ी है। भाजपा ने भी इस सीट से लोकप्रिय उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी को उतारा है। यह सीट भाजपा के लिए किस कदर अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में दूसरे चरण के लिए एकमात्र रैली इसी संसदीय क्षेत्र में की। माले के राजकुमार यादव अपने समर्पित कैडरों के सहारे मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। कोडरमा संसदीय सीट को यादव बहुल माना जाता है। अल्पसंख्यकों की भी बड़ी आबादी है। बावजूद इसके यहां माई समीकरण प्रभावी नहीं होता। सवर्ण मतदाताओं की भी बड़ी आबादी है, लेकिन इस बार बिखराव यहां भी है।

खूंटी में मुंडाओं के रोचक रण पर टिकी सबकी निगाहें
खूंटी में दो मुंडाओं की रोमांचक जंग पर सबकी निगाहें लगी हैं। यहां भाजपा ने वरिष्ठ नेता कडिय़ा मुंडा का टिकट काट पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पर दांव लगाया है। आदिवासी बहुत इस सीट से कांग्रेस ने कालीचरण मुंडा को चुनाव में उतारा है। कालीचरण मुंडा झारखंड सरकार के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के भाई है। यहां सियासी राजनीति ने परिवार को भी बांट दिया है। शुरुआती दौर में अर्जुन मुंडा के लिए सहज मानी जा रही इस सीट पर जंग अब रोचक हो गई है। भाजपा के स्टार प्रचारक होने के बावजूद वह अपना संसदीय क्षेत्र छोड़ नहीं पा रहे हैं।

रांची में भाजपा-कांग्रेस के मुकाबले को रोचक बना रहे रामटहल
रांची में भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ और महागठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय के बीच सीधा मुकाबला है। इस मुकाबले को रांची लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान सांसद रामटहल चौधरी रोचक बना रहे हैं। संबंधित क्षेत्र का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके चौधरी भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं और फुटबॉल छाप से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। चौधरी की ताकत अबतक भाजपा का कैडर वोट और कुर्मी मतदाताओं का समर्थन रहा है। निर्दलीय लडऩे से जहां उन्हें कैडर वोट तो नहीं ही मिलेगा, वहीं यह भी आशंका है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के कुर्मी वोटर, जो उनके चुनाव चिह्न से अनभिज्ञ हैं, भाजपा के समर्थन में मत कर दें। ऐसे में फायदा भाजपा को ही होगा। इधर, बतौर सांसद रांची का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके सुबोधकांत सहाय की ताकत मुस्लिम और ईसाई वोटर रहे हैं। चुनाव मैदान में इन दोनों ही वर्ग के एक भी प्रत्याशी नहीं हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.