RJD के फातमी ने नहीं छोड़ी आस, अब मधुबनी के प्रत्याशी की घोषणा का कर रहे इंतजार
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री फ़ातमी टिकट कोलेकर राजद में असुतुष्ट हैं। उन्हाेंने मधुबनी से टिकट की आशा सेंने जताई है। उन्होंने फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 06:36 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 07:45 PM (IST)
दरभंगा [जेएनएन}। राजद के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने बुधवार को भी अपने पत्ते नहीं खोले। बहुद्देशीय भवन के सभागार में दरभंगा एवं मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से जुटे हजारों समर्थकों के बीच इतना जरूर कहा कि महागठबंधन मधुबनी सीट से जब तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं करता है तब तक वे प्रतीक्षा करेंगे। घोषणा के बाद ही समर्थकों की सलाह पर कोई निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि सिद्दीकी साहब (अब्दुल बारी सिद्दीकी) ने प्रस्ताव दिया था कि मधुबनी से मैं और दरभंगा से आप दोनों लगातार दो चुनाव हार चुके हैं, इसलिए इस बार सीट बदल लीजिए। आप मधुबनी जाइए और हमको दरभंगा आने दीजिए। इसके बाद मुंबई जाकर लालू यादव से मिला। सिद्दीकी के प्रस्ताव से अवगत कराया। सिद्दीकी को दरभंगा से टिकट दे दिया गया, लेकिन मधुबनी की उम्मीदवारी अभी भी लटकी हुई है। वह सीट घटक दल को दी गई है।
निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे कार्यकर्ता
फातमी चार चुनाव लाख मतों से अधिक अंतर से जीते। तीन चुनाव हजार के अंतर से हारे। मोदी लहर में 36 हजार वोटों से हारे। इस बार तीन चुनाव हारने वाले और पार्टी तोड़ने वालों को टिकट मिला है, जबकि उनका टिकट काट दिया गया है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि खून से भी मजबूत रिश्ता दोस्ती का होता है आपने जो दोस्ती निभाई है उसे मैं याद रखूंगा। सभा में उपस्थित कार्यकर्ता फातमी से मधुबनी के अलावा दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। वहां राजद किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रामनरेश यादव, पूर्व जिप अध्यक्ष भोला सहनी, नारद यादव, शत्रुधन यादव, मुस्लिम बेदारी कारवां के नजरे आलम, जिला राजद प्रवक्ता राशिद जमाल, मुखिया इरशाद आलम आदि मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि सिद्दीकी साहब (अब्दुल बारी सिद्दीकी) ने प्रस्ताव दिया था कि मधुबनी से मैं और दरभंगा से आप दोनों लगातार दो चुनाव हार चुके हैं, इसलिए इस बार सीट बदल लीजिए। आप मधुबनी जाइए और हमको दरभंगा आने दीजिए। इसके बाद मुंबई जाकर लालू यादव से मिला। सिद्दीकी के प्रस्ताव से अवगत कराया। सिद्दीकी को दरभंगा से टिकट दे दिया गया, लेकिन मधुबनी की उम्मीदवारी अभी भी लटकी हुई है। वह सीट घटक दल को दी गई है।
निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे कार्यकर्ता
फातमी चार चुनाव लाख मतों से अधिक अंतर से जीते। तीन चुनाव हजार के अंतर से हारे। मोदी लहर में 36 हजार वोटों से हारे। इस बार तीन चुनाव हारने वाले और पार्टी तोड़ने वालों को टिकट मिला है, जबकि उनका टिकट काट दिया गया है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि खून से भी मजबूत रिश्ता दोस्ती का होता है आपने जो दोस्ती निभाई है उसे मैं याद रखूंगा। सभा में उपस्थित कार्यकर्ता फातमी से मधुबनी के अलावा दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। वहां राजद किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रामनरेश यादव, पूर्व जिप अध्यक्ष भोला सहनी, नारद यादव, शत्रुधन यादव, मुस्लिम बेदारी कारवां के नजरे आलम, जिला राजद प्रवक्ता राशिद जमाल, मुखिया इरशाद आलम आदि मौजूद थे।
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