Lok Sabha Election 2019 : यहां टमाटर-गोभी संग सूख रही किसानों की किस्मत; BIG ISSUE
Lok Sabha Election 2019. सिंचाई की सुविधा का अभाव और मंडी व सड़क न होने के कारण किसानों ने टमाटर और बंद गोभी फूल गोभी की पूरी की पूरी फसल खेत में ही छोड़ दी है।
जमशेदपुर, विश्वजीत भट्ट। सुविधाओं का अभाव पटमदा-बोड़ाम के बाशिंदों के मुंह का निवाला छीन रहा है। अभी अप्रैल का तीसरा ही सप्ताह है। पूरे इलाके में कहीं पानी नहीं दिख रहा है। सब्जी की खेती इस इलाके की पहचान है। थोड़ी हो या ज्यादा, पूरी आबादी किसी न किसी रूप में इसी पर निर्भर है। सिंचाई की सुविधा का अभाव और मंडी व सड़क न होने के कारण किसानों ने टमाटर और बंद गोभी, फूल गोभी की पूरी की पूरी फसल खेत में ही छोड़ दी है। गोभी सूख कर कांटा हो गई है तो टमाटर का हाल किशमिश जैसा है।
क्षेत्र के किसान सिंचाई की सुविधाएं बहाल होने का आश्वासन बचपन से ही सुनते-सुनते बूढ़े हो गए, लेकिन न सुविधाएं बहाल हुईं न हालात बदले। हर साल किसान हाड़तोड़ मेहनत करके सब्जियां उगाते हैं और हर साल यही हाल होता है। हर साल हजारों टन सब्जियां सूख जाती हैं और फेंक दी जाती हैं। ऐसा नहीं है कि हुक्मरानों और माननीयों ने इलाके में सिंचाई की सुविधा बहाल करने की कोशिश नहीं की। दोनों प्रखंडों को मिलाकर इलाके में 150 से अधिक चेकडैम हैं, लेकिन बेकार।
कर्ज के पैसे भी डूबे
इलाके में एक भी जिंदा नाला या नदी नहीं है। 500 से अधिक छोटे-बड़े तालाब खुदवाए गए हैं, लेकिन किसी की गहराई 10 फीट भी नहीं है। क्योंकि, ऐसी तमाम योजनाएं 'पीसीÓ की भेंट चढ़ गई हैं। क्षेत्र के किसानों के लिए सब्जी की खेती 'जुआÓ बन गई है। बारिश ने साथ दिया तो कुछ फायदा हुआ, नहीं तो कर्ज लेकर लगाई गई पूंजी भी डूबी।
शहरों में जाते मजदूरी करने
हालत यह है कि खेत में उगाई अपनी फसल छोड़कर इलाके के पांच से छह हजार लोग हर रोज शहरों में मजदूरी करने जाते हैं। ऐसा इसलिए है कि इलाके में न कोई सब्जी की मंडी है और न ही चलने लायक सड़कें। यदि किसान अपनी सब्जी बेचने के लिए आस-पास के शहरों में जाना चाहें तो किलो पीछे उनको एक रुपये ढुलाई देनी पड़ती है। इसके कारण सब्जी की कीमत बढ़ जाती है। शहर में जब दूसरे इलाके से आई सस्ती सब्जी लोगों को मिल रही है तो महंगी कौन खरीदेगा? इसलिए सब्जी की फसल खेत में ही छोड़ दी गई सूखने के लिए। बांसगढ़ के किसान यदुनाथ गोराई की मानें तो जब वे छोटे से बच्चे थे तभी से इस इलाके का प्रतिनिधित्व करने वाले माननीय सिंचाई की सुविधा और कोल्ड स्टोर का वादा कर रहे हैं। यदुनाथ को अपने बूढ़े होने तक यह वादा पूरा होता नहीं दिखता।
चुनाव के वादे भूल जाते नेता
जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत यह इलाका आता है। हर चुनाव में वायदे होते हैं, लेकिन पूरे नहीं होते। मतदान में कुछ दिन ही बचे हैं, लेकिन इलाके में प्रचार बहुत जोर नहीं पकड़ रहा है। कारण, कोई भी नेता या उसका प्रतिनिधि किसानों का ताब नहीं सह पा रहा है। इस चुनाव में इस इलाके का सबसे बड़ा मुद्दा यही है।
बड़ा मुद्दा
- पटमदा-बोड़ाम की आबादी 1,60,000
- कुल मतदाता 1,04,000
- क्षेत्रफल 50265.81 हेक्टेयर
- खेती योग्य जमीन 10524.32 हेक्टेयर
- सिंचित जमीन 438.98 हेक्टेयर
कोई तो सुध ले
- हर रोज मजदूरी के लिए शहर जाते हैं लगभग पांच हजार लोग
- जुआ बन गई है दोनों प्रखंडों की पहचान सब्जी की खेती