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Lok Sabha Election 2019 : कभी सूबे में चर्चित थी यहां की 'पुलिया पार्लियामेंट'

इमरजेंसी के बाद एजी आफिस चौराहे के निकट नाले पर बनी पुलिया किसी जमाने में पुलिया पार्लियामेंट के नाम से प्रसिद्ध थी। केंद्र व राज्य कर्मचारी यहां लंच के दौरान जुटते थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 07:51 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 07:51 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : कभी सूबे में चर्चित थी यहां की 'पुलिया पार्लियामेंट'
Lok Sabha Election 2019 : कभी सूबे में चर्चित थी यहां की 'पुलिया पार्लियामेंट'
प्रयागराज, जेएनएन। लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद का नाम तो सभी ने सुना होगा, लेकिन 'पुलिया पार्लियामेंट' (संसद) का नाम शायद ही सुना हो। एक जमाने में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की ऐसी ही एक पार्लियामेंट सूबे में भी खूब चर्चित थी। यह पार्लियामेंट एजी ऑफिस चौराहे से इंदिरा गांधी चौराहे की तरफ जाने वाले रास्ते पर नाले की बड़ी पुलिया पर लगती थी। इस पार्लियामेंट में प्रधानमंत्री से लेकर मंत्रियों के किरदार तक कर्मचारी नेता निभाते थे। पुलिया पार्लियामेंट अब भी लगती है, लेकिन अब इसकी चर्चा अस्सी के दशक जैसी नहीं होती। 
केंद्र व राज्य के कर्मचारी लंच में पुलिया पर जुटते थे 
दरअसल इमरजेंसी में खुले तौर पर किसी के बोलने, भाषण आदि पर प्रतिबंध था। इसलिए जब इमरजेंसी खत्म हुई तो इसी पुलिया पर लंच में दोपहर एक से तीन बजे के बीच विचार गोष्ठी शुरू की गई। एजी ऑफिस, शिक्षा निदेशालय, यूपी बोर्ड, राजस्व परिषद, पीएचक्यू के कर्मचारी वहां जुटते थे। धीरे-धीरे इसका नाम 'पुलिया पार्लियामेंट' पड़ गया।

बाकायदा नेताओं का किरदार भी निभाते थे कर्मचारी
उस समय इस पार्लियामेंट में एजी ऑफिस के तत्कालीन धुरंधर कर्मचारी नेता बीएन सिंह को प्रधानमंत्री का विशेषण दिया गया था। वह इंदिरा गांधी की तरह बोलते थे। मुंजी सहाय हेमवती नंदन बहुगुणा की भूमिका अदा करते थे। वह उन्हीं के शक्ल के थे और आवाज भी लगभग वैसी ही थी। रेलमंत्री जगजीवन राम का रोल शीलू भार्गव निभाते थे। उनकी शक्ल-सूरत भी जगजीवन राम से बहुत मिलती थी। शिक्षा निदेशालय कर्मचारी संघ के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीनारायण लाल स्पीकर के रूप में भूमिका निभाते थे। 

बहुगुणा बोले, कि मेरी भूमिका अदा करने वाले मुंजी सहाय कहां गए? 
इस पार्लियामेंट की चर्चा कांग्रेस के तत्कालीन दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा तक पहुंची थी। एक दिन पुलिया पार्लियामेंट जोरों पर थी, तभी वह कार से सर्किट हाउस के नजदीक अपने घर जा रहे थे। वह कार से उतरकर पुलिया पार्लियामेंट में पहुंचे और बोले कि मेरी भूमिका अदा करने वाले मुंजी सहाय कहां गए? सामने आने पर उनसे पूछा कि वह किस कार्यालय में काम करते हैं, तो उन्हीं की आवाज में मुंजी सहाय बोले, कि मैं एजी का कर्मचारी हूं। 
 
...पुलिया पार्लियामेंट अब भी पर पहले वाली बात नहीं 
वरिष्ठ कर्मचारी नेता कृपाशंकर श्रीवास्तव बताते हैं कि पुलिया पार्लियामेंट अब भी चलती है, लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रह गई है। यहां तक कि शहर के लोग भी नहीं जानते इस पुलिया संसद के बारे में। 

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