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घर में पड़ी थी बेटे की लाश लेकिन नहीं भूले मतदान, फिर अंतिम संस्‍कार को गए श्मशान

बिहार के मुंगेर में एक परिवार ने घर में हुई मौत के गम के बीच मतदान कर उदाहरण पेश किया। वे मतदान करने के बाद शव को दाह संस्‍कार के लिए ले गए।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 09:58 PM (IST)
घर में पड़ी थी बेटे की लाश लेकिन नहीं भूले मतदान, फिर अंतिम संस्‍कार को गए श्मशान
घर में पड़ी थी बेटे की लाश लेकिन नहीं भूले मतदान, फिर अंतिम संस्‍कार को गए श्मशान

मुंगेर [जेएनएन]। मतदान के प्रति प्रतिबद्धता की मिसाल पेश की है मुंगेर के हवेली खडग़पुर प्रखंड क्षेत्र के खंडबिहारी गांव के एक परिवार ने। परिवार के बीमार सदस्य की रविवार की देर रात मौत हो गई थी। परिवार वालों ने पहले वोट दिया, फिर शव को दाह संस्कार के लिए वाहन से सुल्तानगंज श्मशान घाट ले गए।

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ग्रामीणों ने दिलाई मतदान की याद

जानकारी के मुताबिक खंडबिहारी गांव निवासी स्वर्गीय सूबेदार सिंह के 40 वर्षीय पुत्र पिंटू सिंह काफी दिनों से बीमार थे। बीमारी के कारण रविवार की देर रात उनकी मृत्यु हो गई। दाह संस्कार की तैयारी की जाने लगी। इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने सोमवार को मतदान की बात याद दिलाई।

शमशान जाने के पहले किया मतदान

सुबह एक ओर घर के पुरुष सदस्य दाह संस्कार की तैयारी में थे तो महिलाओं ने मतदान केंद्र पर पहुंचकर मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद पुरुष सदस्यों ने भी खंडबिहारी गांव स्थित बेसिक स्कूल मतदान केंद्र संख्या 307 पर जाकर मतदान किया। फिर, शव को सुल्तानगंज श्मशान घाट ले जाया गया।

बोले: दाह संस्कार धर्म तो मतदान भी कर्तव्य

परिजन सुभाष सिंह, हरिहर सिंह, शालिग्राम सिंह, शुक्र सिंह, अशोक सिंह आदि ने बताया कि शव का दाह संस्कार करना धर्म है तो लोकतंत्र में महापर्व में भाग लेना भी परम कर्तव्य है।


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