Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019: बाबूलाल मरांडी बोले, जीरो पर आउट होगी भाजपा; Exclusive Interview

Lok Sabha Election 2019. झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दैनिक जागरण के उठाए मुद्दे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करेंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 08:42 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 12:20 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: बाबूलाल मरांडी बोले, जीरो पर आउट होगी भाजपा; Exclusive Interview
Lok Sabha Election 2019: बाबूलाल मरांडी बोले, जीरो पर आउट होगी भाजपा; Exclusive Interview

रांची। Lok Sabha Election 2019 - दैनिक जागरण पत्र ही नहीं, मित्र की भूमिका में आम जनता के मुद्दे उठाता रहा है। झाविमो भी जनहित के इन मुद्दों को लेकर सदन से सड़क से आंदोलन करता आया है। मुद्दों की राजनीति पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। ऐसे में ये मुद्दे निश्चित तौर पर चुनावी एजेंडे के हिस्से बनेंगे। इस बाबत पार्टी स्तर पर व्यापक विमर्श होगा।

loksabha election banner

झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि स्वस्थ समाज, नारी सशक्तिकरण, गरीबी उन्मूलन, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, जनसंख्या नियोजन, सुशिक्षित समाज, विधि-व्यवस्था, सरना धर्मकोड, जमीन अधिग्रहण जैसे मौजू मुद्दों को जागरण ने जिस बेबाकी से अपने समाचार पत्र में उठाया, उसपर लोगों की राय ली, एक्सपर्ट से इन समस्याओं को निदान जानने की कोशिश की, यह काबिले तारीफ है। उन्होंने इस दौरान जनहित के मुद्दों और राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालातों पर खुलकर बातें की। प्रस्तुत है दैनिक जागरण के सीनियर कारेस्पोंडेंट विनोद श्रीवास्तव की बाबूलाल मरांडी से बातचीत के मुख्य अंश - 

आपकी नजर में झारखंड स्तर पर जनहित के वे कौन-कौन से बड़े मुद्दे है, जिसे राजनीतिक दलों को न सिर्फ घोषणापत्र का हिस्सा बनाना चाहिए, बल्कि उसका स्थाई समाधान भी ढूंढना चाहिए?
- आजादी के सात दशक बाद भी गरीबी झारखंड के लिए अभिशाप बनी हुई है। बेरोजगारी के कारण पलायन का सिलसिला बदस्तूर जारी है। डायन-बिसाही के नाम पर आज भी महिलाएं मारी जा रही हैं। भूमि विवाद राज्य की बड़ी समस्या है। लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। विधि-व्यवस्था यहां तार-तार है। ये सारे मुद्दे हैं, जिनके निदान की अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाएं बनानी चाहिए। 

आसन्न लोकसभा चुनाव में महागठबंधन किन एजेंडों के साथ जनता के बीच जाएगा?
- मौजूदा सरकार में एजेंडे ही एजेंडे हैं। इस सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया है। रिजर्व बैंक, सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया है। देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं। इस सरकार ने देश की जनता से झूठ बोला है। न तो किसानों को उनकी उपज का ड्योढ़ा दाम मिला, न ही दो करोड़ युवकों को रोजगार मिला और न ही विदेशों से कालाधन ही वापस आया। 

महागठबंधन में शामिल कुछ क्षेत्रीय दल नाखुश है। वामदल अलग हो गए। राजद का बड़ा धड़ा भाजपा में चला गया। कहीं इसका प्रतिकूल असर तो नहीं पड़ेगा?
- ऐसा कुछ भी नहीं है। महागठबंधन एकजुट है। वाम दल को विधानसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने की तैयारी है। राजनीति में आना-जाना लगा रहता है। जहां तक राजद के कुनबे की नाराजगी की बात है, इसे भी समय रहते दूर कर लिया जाएगा। 

झाविमो को अपनी सांगठनिक ताकत पर कितना भरोसा है?
- विपरीत परिस्थितियों में भी झाविमो ने अपनी शक्ति प्रदर्शित की है। उसे जनता का समर्थन मिलता रहा है। पिछले चुनावों में दल का वोट प्रतिशत पूर्व की अपेक्षा बढ़ा है। आसन्न चुनाव में इसके सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। 

मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कोडरमा और गोड्डा सीट के प्रति आप कितने आश्वस्त हैं?
- महागठबंधन की नजर सिर्फ कोडरमा और गोड्डा पर ही नहीं है। राज्य के सभी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को फतह करने और भाजपा को जीरो पर आउट करने की तैयारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.