Lok Sabha Election 2019: ईवीएम की GPS ट्रैकिंग, पल-पल मिलेगा सही लोकेशन
Lok Sabha Election 2019. राज्य में चार हजार सेक्टर आफिसरों की प्रतिनियुक्ति हुई है। सभी सेक्टर आफिसर चुनाव के दौरान किसी भी हालत में मोबाइल स्विच ऑफ नहीं करेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Lok Sabha Election 2019 - भारत निर्वाचन आयोग इस बार लोकसभा चुनाव में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक सूचना तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस क्रम में सभी रिजर्व इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जीपीएस से ट्रैकिंग करने का निर्णय लिया गया है। धुर्वा स्थित मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग में इस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर संबंधित नोडल पदाधिकारियों और कंप्यूटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल खियांग्ते ने इस प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि रिजर्व ईवीएम को लाने तथा मतदान केंद्रों तक ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जाएगी। इसके लिए मोबाइल बेस्ड जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेक्टर आफिसरों द्वारा मतदान के दिन के लिए रिजर्व ईवीएम के प्राप्त करने से लेकर उसे निर्धारित स्थान पर जमा करने तक के मूवमेंट की इस सिस्टम से लगातार ट्रैकिंग की जाएगी।
इसके लिए प्रत्येक जिला मुख्यालयों में नियंत्रण कक्ष बनाया जाना है। उन्होंने सभी सेक्टर आफिसरों को इस दौरान किसी भी हालत में मोबाइल स्विच ऑफ नहीं करने का निर्देश दिया। बताया कि उनके मोबाइल फोन के माध्यम से ही लोकेशन आदि की सही जानकारी नियंत्रण कक्ष को मिल पाएगी। इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मनीष रंजन ने कहा कि मोबाइल बेस्ड जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग लेने के बाद सभी नोडल पदाधिकारी ईवीएम कोषांगों में प्रतिनियुक्त सेक्टर आफिसरों को इस सिस्टम के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देंगे। बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे राज्य में लगभग चार हजार सेक्टर ऑफिसरों की प्रतिनियुक्ति की गई है। कार्यशाला को अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे आदि ने भी संबोधित किया।
वाहनों के लोकेशन और स्पीड का चलेगा पता
मोबाइल बेस्ड जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से रिजर्व ईवीएम के परिवहन को लेकर सेक्टर आफिसर के वास्तविक लोकेशन, वाहनों की गति जानकारी मिलेगी। निर्धारित रूट में जा रहे वाहनों का स्टापेज कहां-कहां और कितने समय के लिए हुआ यह भी पता चलेगा।
मोबाइल फोन कितना चार्ज यह भी चलेगा पता
इस जीपीएस ट्रैकिंग के माध्यम से सेक्टर आफिसरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एंड्रायड फोन की बैट्री के परसेंटेज की भी जानकारी मिलेगी। यदि बैट्री का चार्ज लो होगा तो सेक्टर आफिसरों को चार्ज करने के लिए कहा जाएगा ताकि उनका मोबाइल स्वीच ऑफ न हो।