चुनाव धनबलियों का खेल, पिछले लोस.चुनाव में 319 में से 93 करोड़पति प्रत्याशी मैदान में उतरे थे
चुनाव अब केवल धनबलियों का खेल रह गया है यह बात अब पूरी तरह स्थापित होती जा रही है। यही वजह है कि राजनीतिक दल भी टिकट देने में करोड़पतियों को ही तवज्जो दे रहे है ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। चुनाव अब केवल धनबलियों का खेल रह गया है, यह बात अब पूरी तरह स्थापित होती जा रही है। यही वजह है कि राजनीतिक दल भी टिकट देने में करोड़पतियों को ही तवज्जो दे रहे है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के 2014 के लोकसभा चुनाव से जुड़े तथ्य और आंकड़ों को देखें तो यह बात पूरी तरह पुष्ट होती नजर आती है।
पिछले चुनाव की ही अगर बात करें तो राजस्थान में राजनीतिक पार्टियों द्वारा जिन प्रत्याशियों को टिकट दिया गया उनमें से अधिकांश करोड़पति थे। इतना ही नहीं चुनाव के मैदान में अपनी किस्मत आजमाने वाले दूसरे प्रत्याशियों में से भी एक बड़ी तादाद करोड़पतियों की ही थी। चुनाव का दिलचस्प पहलू यह रहा कि यहां करोड़पति भी चुनाव मैदान में थे और बिल्कुल सीमांत स्तर के प्रत्याशी भी अपना भाग्य आजमा रहे थे। कुल मिलाकर पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने वाले 319 प्रत्याशियों में से 93 करोड़पति थे ।
करोड़पति प्रत्याशियों का विवरण
कांग्रेस के 25 में से 22 और भाजपा के 23 प्रत्याशी करोड़पति थे। वहीं बसपा ने 23 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे,इनमें से 8 प्रत्याशी करोड़पति थे। सबसे ज्यादा सम्पत्ति बसपा के चन्दूलाल मीणा 121 करोड़,भाजपा के सुखबीर सिंह जौनापुरिया की 71 करोड़,कांग्रेस के उदयपुर लाल आंजना की 65 करोड़ और ज्योति मिर्धा की 58 करोड़ एवं सपा के धीरज गुर्जर की 41 करोड़ संपाति थी। इन सभी ने अपनी संपति का विवरण नामांकन पत्र दाखिल करते हुए दिया था।
सबसे कम सम्पत्ति वाले प्रत्याशी
गोपाल बाल्मिकी (निर्दलीय) - 1 हजार
रतनलाल धोबी (निर्दलीय) - 1 हजार
मास्टर भैराराम (निर्दलीय) - 20 हजार
रमेश पनावल (निर्दलीय) - 16 हजार
कंचन बाई (निर्दलीय) - 45 हजार
पांच टॉप करोड़पति प्रत्याशी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार थे
प्रदेश में सबसे ज्यादा संपत्ति वाले सभी पांचों प्रत्याशी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार थे, जबकि सबसे कम संपत्ति वाले पांचों प्रत्याशियों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा । इससे यह साफ जाहिर होता है कि राजनीतिक दलों का टिकट लेने के लिए उम्मीदवार का धनबली होना भी जरुरी हो गया है ।