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Aligarh Election Result 2019 Live: जानिए कौन बनेगा अलीगढ़ व हाथरस का सांसद

इंतजार खत्म हुआ। अलीगढ़ व हाथरस के सांसद कौन होंगे इसका जवाब गुरुवार को मिल जाएगा। दोपहर एक बजे तक तस्वीर साफ होगी।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 01:48 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 08:43 AM (IST)
Aligarh Election Result 2019 Live: जानिए कौन बनेगा अलीगढ़ व हाथरस का सांसद
Aligarh Election Result 2019 Live: जानिए कौन बनेगा अलीगढ़ व हाथरस का सांसद

अलीगढ़ (जेएनएन)। इंतजार खत्म हुआ। अलीगढ़ व हाथरस के सांसद कौन होंगे, इसका जवाब गुरुवार को मिल जाएगा। दोपहर एक बजे तक तस्वीर साफ होगी। घोषणा भले देर शाम तक हो। अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र की मतगणना धनीपुर मंडी में होगी। इस लोकसभा क्षेत्र में 14 प्रत्याशी हैं। सुबह आठ बजे शुरू होगी, पर छह बजे से प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अलीगढ़ में दूसरे चरण के तहत 18 अप्रैल को मतदान हुआ था। 61.42 फीसद वोट डाले गए। यह पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले डेढ़ फीसद ज्यादा हैं।

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सा़ढ़े छह बजे स्ट्रांग रूम का खुलेगा ताला

अलीगढ़ के डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि सुबह छह बजे कार्मिकों को मतगणना स्थल पर प्रवेश मिलेगा। साढ़े छह बजे  प्रत्याशियों की सहमति से स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाएगा। सात बजे से पहले  प्रत्याशियों के एजेंट को भी प्रवेश मिल जाएगा। किसी भी गनर धारी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। आठ बजे  मतगणना शुरू होगी। पहले डाक मत पत्रों की गिनती होगी। इसके बाद ईवीएम के वोट गिने जाएंगे। राउंड खत्म होने के बाद सहायक रिटर्निंग ऑफिसर वोटों के परिणाम की घोषणा करेंगे। दोपहर एक बजे तक सभी विधानसभाओं के राउंड पूरे हो जाएंगे। इसके बाद हर विधानसभा से पांच बूथों के वीवी पैट की पर्चियों का ईवीएम के वोटों से मिलान किया जाएगा। इसके लिए बूथों का चयन वहीं किया जाएगा। तकनीकी खामी के कारण अतरौली के बूथ संख्या 306 की गिनती वीवी पैट के पर्ची से ही मान्य होगी। हाथरस में पॉलीटेक्निक कॉलेज में मतगणना होगी। हाथरस लोकसभा क्षेत्र के 95 हजार मतदाता हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 17.58 लाख थी। इस बार 60 फीसद मतदान हुआ।

अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र में मतदान की स्थिति

विधानसभा, कुल मतदाता, पड़े वोट, मतदान फीसद

खैर, 381004, 237000, 61.20

बरौली, 361759, 234733, 64.89

अतरौली, 383867, 224468, 58.48

कोल, 381104, 229415, 60.20

शहर, 374313, 130638, 61.62

छर्रा, 366651, 225301, 61.45

इगलास, 375813, 234233, 62.33

अलीगढ़ में ये प्रत्याशी हैं मैदान में

भाजपा से सतीश गौतम, बसपा से अजीत बालियान कांग्रेस के बिजेंद्र सिंह, सजराजा से अमर सिंह, पीस पार्टी से दिलीप कुमार, प्रगतिशील सपा से दीपक चौधरी, राष्ट्रवादी से मनोज, लोकदल से शकील, आप से सतीश शर्मा, भाईचारा पार्टी से संजय, निर्दलीय अशोक पांडेय, चरन सिंह, लक्ष्मी धनगर, शाहिन बेगम।

विधानसभा वार कहां कितने राउंड होंगे

विधानसभा, राउंड

अतरौली, 34

बरौली, 31

खैर, 32

कोल, 29

शहर,  28

इगलास, 31

छर्रा, 31

सबसे अधिक बार शीला बनीं सांसद

अलीगढ़ लोकसभा सीट पर पांच बार भाजपा, चार बार कांग्र्रेस, दो बार भारतीय क्रांति दल, एक-एक बार रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, जनता पार्टी, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता दल व बसपा भी खाता खोल चुकी है। बसपा की जीत को छोड़ दें तो भाजपा को ज्यादातर चुनाव में गठबंधन के सामने भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। लोकसभा चुनाव में सियासत के मंझे कई खिलाड़ी जरूर उतरे, मगर सिर्फ दो को ही दोबारा सदन में जाने का मौका मिला। शिव कुमार शास्त्री दो बार सांसद चुने गए, जबकि शीला गौतम ने उन्हें भी पीछे छोड़ दिया। उन्होंने चार बार संसद में पहुंचकर इतिहास रचा। इन्हें छोड़ दिया जाए तो अन्य कोई ऐसा नेता नहीं है, जो दोबारा चुनकर मैदान में पहुंचा हो। हालांकि, इस बार भी भाजपा के सतीश कुमार गौतम और कांग्रेस से प्रत्याशी चौधरी बिजेंद्र सिंह मैदान में हैं, जिन्हें दोबारा संसद पहुंचने का मौका मिल सकता है।

वर्ष 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस से चंद सिंघल ने बाजी मारी थी। उस समय हाथरस अलीगढ़ में ही था। वर्ष 1957 में कांग्रेस से ही नरदेव स्नातक चुनाव जीते थे। वर्ष 1962 में आरपीआइ से बुद्ध प्रिया ने जीत दर्ज की थी। 1967 में भारतीय क्रांति दल से शिव कुमार शास्त्री ने बाजी मारी। वर्ष 1971 में भी उन्होंने भारतीय क्रांति दल से दोबारा जीत दर्ज की। उसके बाद से वर्ष 1989 तक दोबारा किसी को मौका नहीं मिला।  पूर्व सांसद शीला गौतम ने शिवकुमार शास्त्री का भी रिकार्ड तोड़ दिया। वर्ष 1991 में उन्होंने भाजपा से जीत दर्ज की। इसके बाद 1996, 98 और 1999 में भी उन्होंने जीत दर्ज की। हालांकि वर्ष 2004 और 2009 में उन्हें हार का समाना करना पड़ा। 2004 में कांग्रेस से चौधरी बिजेंद्र सिंह और 2009 में बसपा से राजकुमार चौहान चुनाव जीत कर संसद पहुंची थीं।

अलीगढ़ में कब कौन बना सांसद

1952 : कांग्र्रेस के श्रीचंद सिंघल 

1957 में कांग्र्रेस के नरदेव

1962 में रिपब्लिकन पार्टी से लड़े बीपी मौर्य

1967 में भारतीय क्रांति दल से शिव कुमार शास्त्री

1971 में भारतीय क्रांति दल के शिव कुमार शास्त्री

1977 में जनता पार्टी के नवाब सिंह चौहान

1980 में जनता पार्टी सेक्युलर की इंदिरा कुमारी

1984 में  कांग्र्रेस की ऊषा रानी

1989 में जनता दल के सत्यपाल मलिक जीते

1991 में भाजपा की शीला गौतम जीतीं

1996 में भाजपा की  शीला गौतम

1998 में भाजपा की शीला गौतम

1999 में भाजपा की शीला गौतम को जिताया।

2004 में कांग्र्रेस के बिजेंद्र सिंह

2014 में भाजपा के सतीश गौतम

वर्ष 2014 की स्थिति

पार्र्टी-  प्रत्याशी-      वोट

भाजपा- सतीश गौतम-5,14,634

बसपा-अरविंद सिंह-2,27,886

सपा-जफर आलम-2,26,284

कांग्रेस-बिजेंद्र सिंह-62,674

आप-साबिर राही-8,978

नोटा-       6,183

कुल-  10,64,357

अलीगढ़ में कब कितने प्रत्याशी

2019, 14

2014, 14

2009, 23

2004, 16

1999, 16

1998, 19

1996, 41

1991, 18

1989, 14

1984, 20

1980, 26

1977, 06

1971, 07

1967, 08

1962, 06

1957, 07

1952, 07

हाथरस में इन प्रत्याशियों में है मुकाबला

भाजपा से राजवीर दिलेर, कांग्रेस के त्रिलोकीराम दिवाकर, सपा के रामजीलाल सुमन, राष्ट्रीय शोषित पार्टी भूपेंद्र कुमार, लोकदल के राजाराम, सरपंच पार्टी के हरस्वरूप, निर्दलीय के दिनेश शाही, निर्दलीय तिलक सिंह।

हाथरस की सीट पर सबसे अधिक बार रहा भाजपा का कब्जा

हाथरस में अब तक छह बार भाजपा के सांसद रहे। रालोद-भाजपा गठबंधन से एक, कांग्र्रेस से चार, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से एक, भारतीय लोक दल से एक, जनता पार्टी सेक्यूलर से एक और जनता दल से एक बार सांसद रहे। वर्तमान में हाथरस संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र हाथरस, सिकंदराराऊ, सादाबाद, इगलास व छर्रा शामिल हैं।  हाथरस की सुरक्षित सीट पर 1991 से भाजपा का कब्जा रहा है। 1991 में सबसे पहले लाल बहादुर रावल सांसद चुने गए। इसके बाद 1996 से लेकर 2004 तक किशन लाल दिलेर लगातार सांसद रहे। 2009 में भाजपा-रालोद का गठबंधन हुआ तो यह सीट रालोद के खाते में चली गई और यहां से रालोद प्रत्याशी सारिका ङ्क्षसह बघेल सांसद रहीं। 2014 में यहां से भाजपा के सांसद राजेश दिवाकर  ने दावेदारी की और जीत हासिल की।

हाथरस में 2014 पर नजर

 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेश दिवाकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मनोज सोनी को 3.27 लाख मतों के अंदर से हराया था। तब सपा प्रत्याशी रामजीलाल सुमन तीसरे नंबर पर रहे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में तीनों प्रत्याशियों ने मिलकर 48 फीसद मत जुटाये थे।

हाथरस के मतदान पर नजर

साल 2014 में कुल मत-17.58 लाख

साल 2014 में पड़े मत-10.49 लाख

साल 2019 में कुल मत-18.57 लाख

साल 2019 में पड़े मत-11.44 लाख

हाथरस में साल-दर-साल मतदान का रुझान

वर्ष            मतदान प्रतिशत

2019            61.65

2014            59.66

2009            45.10

2004            40.57

1999            41.08

1998            47.58

1996            39.02

1991            51.57

1989            51.37

1984            50.61

1977            61.95

1971            43.77

1967            54.42

1962            56.95

हाथरस में कब कौन बना सांसद

1962 में रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के ज्योति स्वरूप

1967 में कांग्र्रेस के नरदेव

1971 में भारतीय लोकदल के राम प्रसाद देशमुख

1980 में जनता पार्टी सेक्यूलर के चंद्रपाल सैलानी

1984 में कांग्र्रेस के पूरनचंद

1989 में जनता दल के डॉ. बंगाली सिंह

1991 में भाजपा के लाल बहादुर रावल

1996 में भाजपा के किशन लाल दिलेर

1998 में भाजपा के किशन लाल दिलेर

1999 में भाजपा के किशन लाल दिलेर

2004 में भाजपा के किशन लाल दिलेर

2009 में रालोद की  सारिका सिंह

2014 में भाजपा के राजेश दिवाकर

नई सुबह की तैयारी

यह तस्वीर अलीगढ़ की धनीपुर मंडी की है। यहां बुधवार को सूरज ढलने के साथ मतगणना की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया गया। गुरुवार को सांसद के परिणाम के साथ नई उम्मीदों की सुबह होगी। एक ऐसी सुबह जो सियासत और विकास को भी नई राह दिखाएगी। विनय सिंह

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