मोदी पर लिखी पुस्तक के विमोचन पर चुनाव आयोग सख्त, जांच का आदेश; जानिए क्या है पुस्तक में
Election commission take action डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री द्वारा लिखित पुस्तक भारतबोध का संघर्ष 2019 का महासमर पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। पुलिस मैदान धर्मशाला में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के राष्ट्रीय पुस्तक मेले के शुभारंभ पर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री द्वारा लिखित पुस्तक 'भारतबोध का संघर्ष, 2019 का महासमर' पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने कांगड़ा के उपायुक्त व जिला निर्वाचन अधिकारी को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में लिखी गई पुस्तक में कांग्रेस के खिलाफ कई टिप्पणियां की गई हैं। इसलिए इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है।
इस मामले में पुस्तक मेले के शुभारंभ मौके पर हुई गतिविधियों सहित पुस्तक के संबंध में जानकारी हासिल की जा रही है। इसमें शामिल अधिकारियों से भी पूछताछ होगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग आगामी कार्रवाई करेगा। शनिवार को धर्मशाला में पुस्तक मेले के शुभारंभ के अवसर पर किताब का विमोचन किया गया है। पुस्तक का प्रकाशन प्रभात पेपरबेक्स ने किया है। छह अध्यायों की इस पुस्तक में प्रधानमंत्री मोदी के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का आधार सहित उनके संघर्ष और पांच साल के केंद्र में कार्यकाल के दौरान विपक्षी विचारधाराओं से संबंधित प्रमुख घटनाक्रमों का उल्लेख है। आचार संहिता के बीच राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सरकारी कार्यक्रम में पुस्तक के विमोचन पर विवाद शुरू हो गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार ने बताया कि पुस्तक विमोचन में आचार संहिता के उल्लंघन के पहलू को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। ये सरकारी अधिकारी थे मौजूद पुस्तक का विमोचन किसी राजनीतिक या सामाजिक संस्था से जुड़े पदाधिकारी ने नहीं किया है। केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने किया है। कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार की निदेशक (राजभाषा) सुनीति शर्मा, एनबीटी के पूर्व चेयरमैन एवं केंद्रीय विवि में वर्तमान में प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा सहित एनबीटी के कर्मचारी मौजूद थे।
यह है पुस्तक में
128 पन्नों वाली इस पुस्तक में छह अनुक्रम हैं। इसके पहले अनुक्रम में सात सीटों का अंतर और दस साल का भ्रष्टाचार है। इस अध्याय की शुरुआत उन्होंने 2004 में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत से की है। लिखा है कि 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 145 व भाजपा को 138 सीटें मिली थीं और कांग्रेस की सरकार बनी थी। इसके अलावा 2009 चुनाव के परिणाम का भी जिक्र है। अध्याय में कांग्रेस के कार्यकाल में हुए कोयला, राष्ट्रमंडल खेल और अगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाले के बारे में लिखा है। 32 पन्नों के इस अनुक्रम में 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने और भाजपा के विकास कार्यो का उल्लेख किया गया है।
कन्हैया को बताया सोनिया की कांग्रेस का नया नायक
पुस्तक के अंतिम उपक्रम जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के जंगलों से आती आवाजों का सच में डॉ. अग्निहोत्री ने जेएनयू में नौ फरवरी को राष्ट्र विरोधी नारे का जिक्र करते हुए लिखा है कि कन्हैया कुमार सोनिया की कांग्रेस के लिए नया नायक है। कन्हैया कुमार में शशि थरूर अपना भगत ¨सह तलाश रहे हैं। इसमें उन्होंने भाजपा की स्मृति ईरानी की भी तारीफें की हैं।