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Election 2019 Phase 7: बंगाल में थम गया प्रचार, तृणमूल और भाजपा के सामने दुर्ग बचाने की चुनौती

Lok Sabha Election 2019 Phase7 लोकसभा के अंतिम चरण के लिए 19 मई को आठ राज्यों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। आइये जानते हैं कि इस चरण में किसके सामने कितनी बड़ी चुनौती है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 08:28 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 12:20 AM (IST)
Election 2019 Phase 7: बंगाल में थम गया प्रचार, तृणमूल और भाजपा के सामने दुर्ग बचाने की चुनौती
Election 2019 Phase 7: बंगाल में थम गया प्रचार, तृणमूल और भाजपा के सामने दुर्ग बचाने की चुनौती

नई दिल्ली, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 Phase7 लोकसभा के अंतिम चरण के लिए 19 मई को आठ राज्यों की 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। निर्वाचन आयोग के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले यानी 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जाएगा। लेकिन, आयोग ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुए राज्य में 16 मई को रात दस बजे से ही चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध राज्य की सभी नौ सीटों पर 19 मई को वोटिंग पूरी होने तक जारी रहेगा। हालांकि, बाकी सात राज्यों में चुनाव प्रचार 17 मई को शाम पांच बजे थमेगा। आइये जानते हैं कि अंतिम चरण में किसके सामने कितनी बड़ी चुनौती है...

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किन राज्‍यों में कितनी सीटों पर वोटिंग
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में बिहार की आठ, झारखंड की तीन, मध्य प्रदेश की आठ, पश्चिम बंगाल की नौ, हिमाचल प्रदेश की चार, चंडीगढ़ में एक जबकि पंजाब और उत्‍तर प्रदेश की 13-13 सीटों पर 19 मई को मतदान होगा। बिहार में पाटलिपुत्र, आरा, नालंदा, पटना साहिब, काराकट, जहानाबाद, बक्सर, सासाराम जबकि उत्‍तर प्रदेश में कुशीनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, बांसगांव, घोसी, देवरिया, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज और सलेमपुर लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा। पश्चिम बंगाल में जयनगर, दमदम, बारासात, बशीरहाट, डायमंड हार्बर, मथुरापुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, जाधवपुर और मध्य प्रदेश की आठ सीटों में उज्जैन, देवास, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा, मंदसौर में अंतिम चरण के तहत मतदान होना है। झारखंड में दुमका, गोड्डा, राजमहल जबकि पंजाब में गुरदासपुर, अमृतसर, खादूर साहिब, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, भठिंडा, संगरूर, पटियाला में 19 मई को वोटिंग होगी। हिमाचाल प्रदेश की चार सीटों में कांगडा़, मंडी, हमीरपुर, शिमला जबकि चंडीगढ़ में चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर मतदान होगा।

तृणमूल के सामने कड़े प्रतिद्वंद्वी
अंतिम चरण में होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें, दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर शामिल हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने इन सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। उसको करीब 42 फीसदी मत मिले थे जबकि भाजपा के खाते में औसतन 17 फीसदी मत आए थे। पिछले लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत के मामले में तृणमूल कांग्रेस के बाद दूसरी बड़ी पार्टी सीपीएम थी जिसे इन नौ सीटों पर औसतन 20 फीसदी से कुछ ज्यादा मत हासिल हुए थे। अंतिम दौर की इन सीटों पर भाजपा तीसरे जबकि कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी। लेकिन, साल 2018 के पंचायत चुनावों में भाजपा अचानक से मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी थी और उसके वोट शेयर में बड़ा इजाफा हुआ था। इस लिहाज से भाजपा अंतिम चरण में टीएमसी के सामने कड़ी चुनौती पेश करती दिखाई दे रही है।

ममता बनर्जी के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में जाधवपुर, डायमंड हार्बर और साउथ कोलकाता शामिल हैं। जाधवपुर सीट ममता बनर्जी का गृहक्षेत्र है। यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। वर्ष 1984 में ममता ने उस समय माकपा के दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी को हराया था। हालांकि, इसके बाद उन्होंने साउथ कोलकाता को अपना सियासी बेस बना लिया था। ममता साउथ कोलकाता से छह बार सासद रहीं। वर्ष 1998 में ममता ने साउथ कोलकाता से ही तृणमूल कांग्रेस की नींव रखी थी। इसके बाद से तृणमूल इस सीट को करीब 50 फीसद मतों के साथ जीत रही है। लेकिन, साल 2014 में भाजपा की बढ़त के साथ ही उसका वोट शेयर कम हो गया था। डायमंड हार्बर सीट से तृणमूल काग्रेस के वारिस कहे जा रहे ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी चुनाव लड़ रहे हैं। चूंकि, नए समीकरणों की बदौलत दमदम, बशीरहाट के साथ डायमंड हार्बर समेत कुछ अन्य सीटों पर भाजपा जीत का दम भर रही है, ऐसे में ममता बनर्जी के सामने अपने किले को बचाकर रखने की कड़ी चुनौती है।

उत्तर प्रदेश में क्‍या पिछला रिकार्ड बरकरार रख पाएगी भाजपा
अंतिम दौर में उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर चुनाव होना है, साल 2014 के लोकसभा चुनावों ये सभी सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के खातों में गई थीं। वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके सामने गठबंधन सपा-बसपा की उम्मीदवार शालिनी यादव हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रविकिशन चुनाव मैदान में हैं। इस सीट से पांच बार लगातार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा-बसपा के गठजोड़ ने सेंध लगाई थी। गाजीपुर सीट से केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की प्रतिष्ठा दांव पर है तो चंदौली में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की राह भी साल 2014 की तरह आसान नहीं दिख रही। वहीं मीरजापुर में केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल (सोनेलाल) की उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल त्रिकोणीय लड़ाई में फंसी हैं। जबकि, देवरिया सीट से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी जातीय चक्रव्यूह भेदने की जद्दोजहद में हैं।  

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