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Election 2019: जम्‍मू-कश्‍मीर में पाक गोलीबारी से बिगड़ सकता सियासी गणित

जम्‍मू-कश्‍मीर में पाकिस्तान गोलीबारी संसदीय चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के गणित को गड़बड़ा सकती हैं। सीमांत लोग हर समय पलायन करने की स्थिति में रहते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 01:02 PM (IST)
Election 2019: जम्‍मू-कश्‍मीर में पाक गोलीबारी से बिगड़ सकता सियासी गणित
Election 2019: जम्‍मू-कश्‍मीर में पाक गोलीबारी से बिगड़ सकता सियासी गणित

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्‍मू-कश्‍मीर में पाकिस्तान गोलीबारी संसदीय चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के गणित को गड़बड़ा सकती हैं। सीमांत लोग हर समय पलायन करने की स्थिति में रहते हैं। हालांकि सीमा पर मतदान की सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग भी गंभीर है। संभाग की दो सीटों में करीब चार लाख आबादी सीमांत इलाकों में बसती है। इस समय अखनूर से पुंछ तक नियंत्रण रेखा पर गोले गिरने से लोग दहशत में हैं। सीमा पर चुनौतीपूर्ण हालात बने हुए हैं। पर्याप्त बंकर न होने का मसला जोर-शोर से उठ रहा है।

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एक महीने से नियंत्रण रेखा पर हो रही गोलाबारी में पांच लोगों की मौत तो 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जम्मू के केरी बट्टल, राजौरी, पुंछ जिलों के साथ उड़ी में पाक गोले दाग रहा है। परगवाल पीपुल्स वेलफेयर फोरम के प्रधान केएस मन्हास का कहना है कि केंद्र में कई सरकारें बदलीं, लेकिन सीमा के हालात में कोई फर्क नहीं आया है।

सीमांतवासियों को सीमा से दूर सुरक्षित जगहों पर बसाने की जरूरत है। उन्हें बचाने में बंकर कम पड़ रहे हैं। पहले भी पांच-पांच मरले के प्लॉट देने के वादे किए जो पूरे नहीं हुए। जिस ईमानदारी से बार्डर के लोग वोट डालते हैं, राजनीतिक पार्टियां काम नहीं करती हैं। अखनूर से पुंछ तक सीमा से सटे गांव गोलाबारी की जद में हैं। सीमा से सुरक्षित दूरी पर राजनीतिक पार्टियां प्रचार कर रही हैं।

भाजपा केंद्र के सीमांतवासी केंद्रित फैसलों तो कांग्रेस सीमा पर सीमा पार से गोलाबारी संबंधी मुश्किलों में कोई कमी न आने के मुद्दे को लेकर लोगों के बीच जा रही है। कठुआ जिले, सांबा जिले के कुछ हिस्सों में आइबी पर बसे इलाके उधमपुर-डोडा क्षेत्र का हिस्सा है तो वहीं अखनूर से लेकर पुंछ तक नियंत्रण रेखा (एलओसी) जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र में आती है।

भाजपा हाईकमान के स्पष्ट निर्देश हैं कि चुनावी माहौल में सीमांत क्षेत्रों के लोगों के बीच जाकर उनमें विश्वास जगाया जाए। ऐसे में प्रदेश भाजपा ने अपने सीमांत क्षेत्रों के पूर्व विधायकों की विशेष टीम बनाई है जो सीमांत क्षेत्रों में जाकर प्रचार कर रही है।

सीमा से सुरक्षित दूरी पर राजनीतिक पार्टियां प्रचार कर रही हैं

जम्मू पुंछ सीट से भाजपा उम्मीदवार जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि पार्टी सीमांत क्षेत्रों के मसलों पर गंभीर रही है। युवाओं के लिए अर्धसैनिक बलों की बटालियनों के गठन, आइबी निवासियों को तीन प्रतिशत आरक्षण देने के साथ बंकर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वे काम किए हैं जो छह दशकों में नही हो पाए हैं।

सीमांत मसलों पर गंभीर

जीए मीर के निर्देश पर मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा राजौरी जिले में लगातार सीमांत क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं। भाजपा ने सीमांतवासियों को बहुत ख्वाब दिखाए। बंकर नहीं बने व लोग गोलाबारी का शिकार हो रहे हैं। सीमा पर हालात बेहतर होने के बजाए और खराब हो गए हैं। भाजपा सीमा पर बसे लोगों में नजरअंदाज हो गई है। 


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