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Election 2019: बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा, बीटीपी ने उतारा प्रत्याशी, त्रिकोणीय मुकाबला तय

बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा के लिए भारतीय ट्राइबल पार्टी ने अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिया है। इसी के साथ बीटीपी के कांग्रेस को समर्थन दिए जाने की चर्चा थम गई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 08:45 AM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 08:45 AM (IST)
Election 2019: बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा, बीटीपी ने उतारा प्रत्याशी, त्रिकोणीय मुकाबला तय
Election 2019: बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा, बीटीपी ने उतारा प्रत्याशी, त्रिकोणीय मुकाबला तय

उदयपुर, सुभाष शर्मा। बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा के लिए भारतीय ट्राइबल पार्टी ने अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिया है। इसी के साथ बीटीपी के कांग्रेस को समर्थन दिए जाने की चर्चा थम गई। साथ ही इस लोकसभा के लिए पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला होना तय हो गया है। इस लोकसभा के लिए भाजपा के कनकमल कटारा, कांग्रेस से ताराचंद भगोरा और बीटीपी के कांतिलाल के बीच मुकाबला होगा।

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बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा चुनाव में इस बार पहला मौका है, जब भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी डूंगरपुर से है। दोनों ही अपनी पार्टी में दिग्गज हैं। वहीं तीन महीने पहले संपन्न विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने भी अपना जनाधार इस क्षेत्र में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाया और पहली बार चुनाव लड़ते हुए दो विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की।

भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मानें तो वह एक-दूसरे से सीधे मुकाबले का दावा करते हैं लेकिन यहां का आम मतदाता की निगाह में मुकाबला त्रिकोणीय होगा। जिसमें बीटीपी प्रत्याशी को वह कमतर नहीं आंक रहे।हालांकि तीनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।

भाजपा प्रत्याशी कनकमल कटारा का कहना है कि उनकी पार्टी संगठन स्तर पर मजबूत है। उनके कार्यकर्ता बूथ स्तर तक जुड़े हुए हैं। ऐसे में उनकी जीत इस बार तय है। पुत्रवधू अनिता कटारा के विधानसभा चुनाव के दौरान बागी रहकर चुनाव लडऩे और भाजपा को नुकसान पहुंचाने की बात पर उनका कहना है कि राजनीति में बहुत अधिक महत्वकांक्षा पालने का यह परिणाम है। बीटीपी के उदय को लेकर उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव में जातीय राजनीति कर जीत हासिल कर ली लेकिन अब लोग समझ चुके हैं।

इसके विपरीत कांग्रेस प्रत्याशी ताराचंद भगोरा का कहना है कि हमारा मुद्दा रेल, विकास और पानी है। भाजपा ने रेल बंद कर दी। जब तक यातायात सुलभ नहीं होगा, तब तक विकास और रोजगार की बात बेमानी है। भाजपा ने रेल बंद करा दी। फोर लेन का काम भी छह साल से बंद है और पानी को लेकर कोई काम नहीं किया। माही का पानी सरप्लस होकर गुजरात जाता है लेकिन डूंगरपुर-बांसवाड़ा की प्यासी धरती के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। इसको लेकर जनता में गुस्सा है। बीटीपी की दावेदारी को उन्होंने भी सिरे से नकार दिया और कहा कि बीटीपी ने समाज के नाम पर गलत प्रचार किया। जनता अब समझ चुकी है।

इधर, बीटीपी पहली बार मुकाबले ही नहीं, बल्कि जीत को लेकर आश्वस्त है। बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा का कहना है कि हम इस लोकसभा क्षेत्र पर जीत दर्ज करेंगे। युवा और शिक्षित व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है। भले ही वह फिलहाल बीटीपी के किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन लंबे समय से भील ऑटोनोमस कौंसिल के सदस्य है। डॉ. घोघरा और प्रत्याशी कांतिलाल का कहना है कि सागवाड़ा और चौरासी के अलावा गढ़ी, बागीदौरा, डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र में उनके समर्थकों की संख्या अच्छी खासी है।

माना जा रहा है कि बीटीपी के प्रत्याशी खड़ा करने पर सीधे तौर पर दोनों ही पार्टियों के वोट बैंक पर असर पड़ेगा। विधानसभा चुनाव में सागवाड़ा, चौरासी, आसपुर में कांग्रेस तीसरे नंबर पर पिछड़ गई थी। 


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