Lok Sabha Election 2019: मुख्यमंत्री से अधिक सांसद बनकर बाबूलाल बने धनवान
कोडरमा के पांच साल सांसद रहने पर उनकी संपत्ति चार गुना अधिक बढ़ गई थी। आज जब वे 2019 का चुनाव लड़ रहे हैं तो उनकी संपत्ति 80 लाख रुपये हो गयी है।
गिरिडीह, दिलीप सिन्हा। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री एवं दुमका के सांसद से अधिक कोडरमा के सांसद बनकर धनवान बने हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर जब वे 2004 में कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बने थे, तब उनकी संपत्ति मात्र पांच लाख रुपये थी। कोडरमा का सांसद बनने के मात्र पांच साल बाद उनकी संपत्ति बढ़कर 21 लाख 37 हजार 675 रुपये हो गयी थी।
साफ है कि कोडरमा के पांच साल सांसद रहने पर उनकी संपत्ति चार गुना अधिक बढ़ गई थी। आज जब वे 2019 का चुनाव लड़ रहे हैं तो उनकी संपत्ति 80 लाख रुपये हो गयी है। यदि इसमें उनकी पत्नी शांति मुर्मू की संपत्ति जोड़ दी जाए तो यह आंकड़ा एक करोड़ नौ लाख रुपये हो जाएगा। बाबूलाल दंपती आज करोड़पति है। उनके खिलाफ आपराधिक मामले भी बढ़े हैं। बाबूलाल जब 2004 में पहली बार कोडरमा से चुनाव लड़े थे, उस वक्त उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मामला नहीं था। अब उनके खिलाफ गिरिडीह समेत विभिन्न जिलों में 10 मामले दर्ज हैं। बाबूलाल ने चुनाव आयोग को दिए अपने शपथपत्र में अपनी संपत्ति व आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।
2004 में महज पांच लाख थी बाबूलाल की संपत्ति: बाबूलाल मरांडी की 2004 में कुल संपत्ति पांच लाख थी। कुल चल संपत्ति तीन लाख 30 हजार रुपये थी। इसमें नगद 15 हजार, एसबीआइ रांची में जमा दो लाख 90 हजार रुपये एवं 40 ग्राम सोने की जेवर जिसकी कीमत 25 हजार रुपये है शामिल थी। अचल संपत्ति एक लाख 70 हजार रुपये थी। इसमें पत्नी के नाम पर कृषि योग्य जमीन 50 हजार रुपये, पत्नी के नाम पर व्यावसायिक भवन 20 हजार रुपये, गिरिडीह के बरगंडा में अपने नाम पर एक लाख रुपये का आवास, शामिल है। बाबूलाल की देनदारी चार लाख 60 हजार रुपये झारखंड स्टेट फाइनेंस डिपार्टमेंट को है। बाबूलाल के पास तब एक महेंद्रा बोलेरो, एक टाटा सफारी एवं एक एंबेस्डर कार भी थी।
2009 में 21 लाख 37 हजार हो गयी संपत्ति : बाबूलाल 2009 में जब दूसरी बार कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे उतरे तब उनकी कुल चल अचल संपत्ति पांच लाख से बढ़कर 21 लाख 37 हजार 675 रुपये हो गयी। उनकी चल संपत्ति आठ लाख 37 हजार 675 रुपये है। चल संपत्ति में नगद एक लाख 75 हजार रुपये, विभिन्न बैंकों में जमा चार लाख 82 हजार 675 रुपये, एक लाख रुपये एनएसएस, पोस्टल सेङ्क्षवग्स व एलाआइसी में जमा, जेवर 50 हजार एवं अन्य संपत्ति 30 हजार रुपये शामिल है। कुल अचल संपत्ति 13 लाख रुपये थी। इसमें आठ लाख रुपये की जमीन उनके नाम से है। यह जमीन दुमका में छह लाख रुपये की एवं कोदाइबांक तिसरी में दो लाख रुपये की है। पैतृक भवन कोदाइबांक में पांच लाख रुपये का उनके नाम से है। वहीं देय राशि सात लाख चालीस हजार रुपये की है जिसमें इनकम टैक्स भी शामिल है। इस दौरान उनके खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है। यह मुकदमा धनबाद जिले में दर्ज है।
2014 में 69 लाख 74 हजार हो गयी संपत्ति : बाबूलाल की संपत्ति 2014 में कुल 69 लाख 74 हजार 656 रुपये हो गयी। इसमें चल संपत्ति 28 लाख 27 हजार 656 रुपये है। बाबूलाल के नाम पर चल संपत्ति 19 लाख 74 हजार 993 रुपये है। उनकी पत्नी के नाम पर सात लाख 79 हजार 369 है जबकि पुत्र सनातन मरांडी के नाम पर 73 हजार 294 रुपये है। नई संपत्ति के रूप में पत्नी के नाम पर मारुति कार एवं 60 ग्राम सोने की जेवरात खरीदी गयी है। इस परिवार के पास अचल संपत्ति 41 लाख 47 हजार रुपये है जिसमें बाबूलाल के नाम पर 33 लाख 32 हजार रुपये एवं उनकी पत्नी के नाम पर आठ लाख 15 हजार रुपये है। नई संपत्ति के रुप में मकतपुर बरगंडा में एक जमीन पत्नी के नाम से खरीदी गई जिसकी कीमत आठ लाख 15 हजार रुपये है।
करोड़पति हैं मरांडी दंपती : बाबूलाल मरांडी दंपती अब करोड़पति है। मरांडी के पास 7999567.00 की चल-अचल संपत्ति है, तो उनकी पत्नी शांति मुर्मू के पास 2951805.00 की संपत्ति है। इस तरह मरांडी दंपती कुल 10951372.00 रुपये की चल-अचल संपत्ति है। शपथ पत्र के अनुसार मरांडी के पास 3614567.00 रुपये की चल संपत्ति है, जबकि 4385000.00 रुपये की अचल संपत्ति के मालिक हैं। इसी तरह उनकी पत्नी 640805.00 रुपये की चल और 2311000.00 रुपये की अचल संपत्ति की मालकिन हैं। इसके अलावा मरांडी पर गिरिडीह के अलावा हजारीबाग, पलामू, रांची, दुमका, धनबाद आदि जिलों के विभिन्न थानों में 10 मामले दर्ज हैं।