दिल्ली से तय होगा विदिशा सांसद सुषमा स्वराज का उत्तराधिकारी, कई लोगों को लेकर अटकलें
पार्टी नेताओं का कहना है कि विदिशा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज जैसे बड़े कद के नेता सांसद रहे हों वहां से बड़े कद के नेता को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा लोकसभा क्षेत्र से सांसद सुषमा स्वराज का उत्तराधिकारी कौन होगा, इसका फैसला दिल्ली से भाजपा हाईकमान करेगा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या उनकी पत्नी साधना सिंह को विदिशा से प्रत्याशी बनाया जाएगा या नहीं, यह हाईकमान तय करेगा।
पार्टी नेताओं का कहना है कि इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज जैसे बड़े कद के नेता सांसद रहे हों, वहां से बड़े कद के नेता को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा। इस लिहाज से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या किसी बड़े कद के बाहरी नेता को भी प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इस बीच साधना सिंह को प्रत्याशी बनाने को विदिशा में चल रही मुहिम और तेज हो गई है।
सूत्रों का कहना है कि विदिशा के लिए पार्टी स्थानीय नेता राघवजी की बेटी ज्योति शाह को टिकट देने के पक्ष में नहीं है। दूसरे बड़े नेता करण सिंह वर्मा विधायक बन गए, इसलिए उनकी विदिशा लोकसभा चुनाव में रुचि नहीं रही। वहां से सांसद रहे रामपाल सिंह भी लड़ने को तैयार नहीं हैं।
ऐसे हालात में पार्टी के सामने दो ही विकल्प बच रहे हैं कि स्थानीय के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर लोकसभा चुनाव में उतारें या उनकी पत्नी साधना सिंह को टिकट दिया जाए। इसका फैसला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा हाईकमान द्वारा संयुक्त रूप से विचार के बाद लिया जाएगा।
उधर, पैनल का काम शुरू होते ही विदिशा के लोगों ने पार्टी नेताओं को साफ चेतावनी दे दी है कि बाहरी प्रत्याशी दिया तो कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिला भाजपा के अध्यक्ष राकेश जादौन भी लगातार साधना सिंह के पक्ष में पार्टी फोरम से लेकर सोशल मीडिया में टिकट को लेकर अभियान चला रहे हैं। गत शनिवार को साधना सिंह के चुनाव लड़ने के मुद्दे पर शिवराज ने कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा।
इसी दिन लगभग एक हजार लोग पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, जिलाध्यक्ष राकेश जादौन और बासौदा विधायक लीना जैन, कुरवाई विधायक हरी सिंह सप्रे, जिला पंचायत अध्यक्ष तोरण सिंह दांगी, नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन के नेतृत्व में भोपाल आकर साधना सिंह के समर्थन में पार्टी नेताओं से मिले थे।