Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव से 'विधानसभा' पर नजर
Lok Sabha Election 2019. एनडीए गठबंधन में शामिल दल विधानसभा चुनाव में तालमेल की राह देख रहे हैं। बीते लोकसभा चुनाव में आजसू और लोजपा संग भाजपा का तालमेल हुआ था।
रांची, [प्रदीप सिंह]। Lok Sabha Election 2019 - सियासी दांवपेंच में भविष्य के संकेत छिपे होते हैं। आज बनने वाली रणनीति में कल की भूमिकाएं तय होती हैं। कुछ ऐसा ही हो रहा है झारखंड में। लोकसभा चुनाव के दौरान यहां पक्ष से लेकर विपक्ष में चल रही सियासी कवायद कुछ ऐसे ही इशारे कर रही है। इसमें छह माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव की भूमिका भी तैयार हो रही है। गठबंधनों में यह संकेत मिल रहा है कि रणनीतिक तालमेल फौरी नहीं है बल्कि इसका बड़ा स्वरूप विधानसभा चुनाव के दौरान देखने को मिलेगा।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के गठबंधन का दायरा जहां विस्तृत होगा वहीं विपक्षी महागठबंधन का स्वरूप भी व्यापक होगा। यही वजह है कि भाजपा का लोकसभा चुनाव में पहली बार किसी अन्य दल के साथ तालमेल हुआ है। बड़ा दिल दिखाते हुए भाजपा ने अपनी एक सिटिंग सीट आजसू को गठबंधन धर्म के तहत दी है। यही नहीं, संगठनात्मक स्तर पर भाजपा ने अपने अन्य सहयोगी दलों आजसू और लोजपा से भी समन्वय स्थापित किया है।
इससे यह संकेत मिल रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा, आजसू, जदयू और लोजपा का गठबंधन एक ओर होगा और दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्र्रेस, झारखंड विकास मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल होंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में आजसू संग भाजपा का तालमेल था। एक सीट शिकारीपाड़ा तालमेल के तहत लोजपा को दी गई है। इसमें एक नए भागीदार जदयू की एंट्री होगी।
जदयू ने झारखंड में संगठन के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है। जदयू के एक वरीय नेता के मुताबिक विधानसभा चुनाव में तालमेल कर लडऩे की भूमिका तैयार हो रही है। जदयू को इसमें अपना हिस्सा मिलेगा। पूर्व में जदयू का बेहतर जनाधार राज्य में रहा है।
विपक्षी मोर्चे का अगुवा होगा झामुमो : झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लोकसभा चुनाव में इसी शर्त के साथ कांग्र्रेस के लिए ज्यादा सीटें छोड़ी है कि विधानसभा चुनाव में उसे ज्यादा सीटें लडऩे को मिलेगी। विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन करेंगे। हेमंत सोरेन विपक्षी दलों की समन्वय समिति के भी प्रमुख हैं।