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Lok Sabha Election 2019 : सैयद बुखारी को सुनने के लिए भोर तक जुटे रहे लोग

वर्ष 1977 की बात है रोशनबाग स्थित मंसूर अली पार्क में दिल्‍ली जामा मस्जिद के पेशे इमाम सैयद अब्‍दुल बुखारी को सुनने के लिए जबरदस्त भीड़ जुटी थी। उस समय कांग्रेस के‍ खिलाफ माहौल था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 01:43 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 01:43 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : सैयद बुखारी को सुनने के लिए भोर तक जुटे रहे लोग
Lok Sabha Election 2019 : सैयद बुखारी को सुनने के लिए भोर तक जुटे रहे लोग

विजय सक्सेना, प्रयागराज : कभी चुनावी सभाओं में नेताओं का भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतजार करते थे लेकिन अब यह दौर नहीं रहा। अब चुनावी सभाओं में नेताओं के देरी से आने पर भीड़ में शोर-शराब शुरू हो जाता है। लोग चले जाते हैैं। खैर बात, 1977 के लोकसभा चुनाव की है, जब रोशनबाग स्थित मंसूर अली पार्क में दिल्ली जामा मस्जिद के पेशे इमाम सैयद अब्दुल बुखारी का भाषण सुनने के लिए लोग भोर तक बैठे रहे।

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...देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल था

देश में इमरजेंसी खत्म होने के बाद जनवरी 1977 में लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। उस दौरान इमरजेंसी को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश था। देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल था। जय प्रकाश नारायण के सुझाव पर जनसंघ, भारतीय क्रांति दल, सोशलिस्ट पार्टी आदि कई दलों का विलय कर जनता पार्टी का गठन हुआ। इसके अध्यक्ष चंद्रशेखर थे। इंदिरा गांधी के कई सहयोगी और कांग्रेस के दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा, जगजीवन राम आदि जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। तब चायल संसदीय क्षेत्र (वर्तमान में कौशांबी) इलाहाबाद में थी और उसमें पांच विधानसभाएं पश्चिमी, चायल, सिराथू, मंझनपुर तथा फतेहपुर जनपद की खागा शामिल थीं। चायल लोकसभा से जनता पार्टी के प्रत्याशी रामनिहोर राकेश थे और उनका मुकाबलाकांग्रेस प्रत्याशी धर्मवीर भारती से था।

तब प्रत्याशियों के समर्थन में देर रात तक होती थी सभा

रामनिहोर राकेश के समर्थन में रोशनबाग स्थित मंसूर अली पार्क मेें चुनावी सभा थी। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में धर्मगुरु बुखारी को शामिल होना था। बुखारी को लाने की जिम्मेदारी हेमवती नंदन बहुगुणा की थी। तब सभाओं को लेकर कोई समय सीमा नहीं होती थी, इसलिए प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं देर रात में होती थीं और आधी रात तक चलती थीं।

सभा में बुखारी को रात दस बजे पहुंचना था, पहुंचे रात दो बजे

रोशनबाग में होने वाली सभा में बुखारी को रात 10 बजे पहुंचना था लेकिन लखनऊ से इलाहाबाद के बीच बुखारी को कई जगह सभाओं को संबोधित करना था। इसलिए रोशनबाग में पहुंचने में उन्हें काफी वक्त लग गया। इस दौरान बुखारी को सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुट गई थी।

धर्मगुरु को देखने और सुनने को उमड़ पड़ी थी भीड़

उस सभा में मंच पर मौजूद रहे केके श्रीवास्तव बताते हैैं कि बुखारी को सुनने के लिए पार्क के आसपास के मकानों के छज्जों पर बुर्कानशी महिलाएं जुटी थीं, जो धर्मगुरु  बुखारी को देखना और सुनना चाहती थीं। रात 10 बजे के बाद माइक से घोषणा हुई कि बुखारी बहुगुणा के साथ जल्द सभा में पहुंचेंगे। यह सिलसिला रात 12 बजे तक चलता रहा। इंतजार लंबा होता जा रहा था। सभा का आयोजन कराने वाले लोग बुखारी और बहुगुणा से संपर्क नहीं कर पा रहे थे। रात 12.30 बजे किसी व्यक्ति ने आकर संदेश दिया कि बुखारी, बहुगुणा कुंडा में सभा करके आधे घंंटे में रोशनबाग पहुंच रहे हैैं लेकिन बुखारी बहुगुणा के साथ एंबेस्डर कार से रात दो बजे सभा स्थल पर पहुंचे।

और बुखारी को मंच तक पैदल जाना पड़ा

उस वक्त तक पार्क में भीड़ ठसाठस थी। इसकी वजह से बुखारी कार से मंच तक नहीं पहुंच सके। कुछ दूर कार रोकने के बाद वहां से पैदल ही मंच तक गए। बुखारी के मंच पर पहुंचते ही भीड़ अनियंत्रित हो गई। काफी मशक्कत के बाद भीड़ को नियंत्रित किया गया और सभा शुरू हुई। बहुगुणा के बाद बुखारी का भाषण शुरू हुआ, जो भोर में चार बजे तक चला। इस दौरान भीड़ डटी रही।


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