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LokSabha Election 2019: पिता की राजनीतिक पिच पर गेंदबाजी करेंगे कीर्ति आजाद

Kirti Azad. मूल रूप से कांग्रेसी पृष्ठभूमि के कीर्ति मजबूरी में धनबाद लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बने हैं। दरअसल वह बिहार के दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट चाहते थे।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 02:09 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 02:09 PM (IST)
LokSabha Election 2019: पिता की राजनीतिक पिच पर गेंदबाजी करेंगे कीर्ति आजाद
LokSabha Election 2019: पिता की राजनीतिक पिच पर गेंदबाजी करेंगे कीर्ति आजाद

धनबाद, मृत्युंजय पाठक। 'बाढ़े पूत पिता के धरमे, खेती उपजे अपना करमे'-यह देहाती कहावत क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में रम जाने वाले दरभंगा के सांसद कीर्ति झा आजाद पर सटीक बैठती है। उन्होंने अपने जीवन में सफलता की जो कुछ भी बुलंदी हासिल की है, चाहे वह क्रिकेट हो या राजनीति, उनमें उनके पिता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के प्रताप की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष महिमा रही है। कांग्रेस ने कीर्ति को झारखंड की धनबाद लोकसभा क्षेत्र सीट से प्रत्याशी बनाया है। यहां भी कीर्ति अपने पिता की बनाई राजनीतिक पिच पर ही भाजपा के धुरंधर राजनीतिक बल्लेबाज पीएन सिंह के खिलाफ गेंदबाजी करेंगे। मुकाबला टी-२० की तरह होगा। दिल को थाम कर रखिए-परिणाम कुछ भी हो सकता है। 

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बोकारो से पुराना नाता-झारखंड के मूलवासीः कांग्रेस ने धनबाद के पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे, पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह और अजय कुमार दुबे की दावेदारी को खारिज कर कीर्ति झा पर भरोसा जताया। हालांकि उनकी धनबाद के राजनीतिक गलियारों में कोई गतिविधि नहीं रही है। सिर्फ इतना संबंध रहा है कि उन्होंने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के बोकारो स्टील प्लांट में 1982 में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में योगदान दिया था। कीर्ति ने सेल में 11 साल अपनी सेवा दी। इस दौरान उनकी तैनाती दिल्ली दफ्तर में रही। वह बीच-बीच में बोकारो आते रहे, बीएसएल के खिलाडिय़ों को खेल के गुर सिखाते रहे। तब बोकारो इस धनबाद जिले का ही हिस्सा था। धनबाद लोकसभा क्षेत्र के बोकारो विधानसभा क्षेत्र में बोकारो स्टील प्लांट है। कीर्ति झारखंड के मूलवासी भी हैं। उनका गांव झारखंड के गोड्डा जिले के महगामा विधानसभा क्षेत्र के तहत कसबा है। पिता भागवत झा आजाद पहले लोकसभा चुनाव-1952 में गोड्डा से सांसद चुने गए थे।

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मजबूरी में बने धनबाद से प्रत्याशी: मूल रूप से कांग्रेसी पृष्ठभूमि के कीर्ति मजबूरी में धनबाद लोकसभा से प्रत्याशी बने हैं। दरअसल, वह बिहार के दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से कांग्र्रेस का टिकट चाहते थे। भाजपा के टिकट पर 1999, 2009 और 2014 में दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन की राजनीति में हुए टकराव के कारण कीर्ति ने भाजपा से बगावत कर कांग्रेस का दामन थामा। लेकिन, कांग्र्रेस की सहयोगी पार्टी राजद दरभंगा सीट देने को तैयार नहीं हुई। तब उन्होंने दिल्ली के किसी लोकसभा सीट से टिकट की चाह दिखाई। चूंकि, दिल्ली के गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने भाजपा के टिकट पर 1993 में विधायक बन राजनीतिक सफर शुरू किया था। बिहार के दरभंगा और दिल्ली से टिकट नहीं मिलने के बाद कीर्ति धनबाद से चुनाव लडऩे को तैयार हो गए।

धनबाद आने से पहले ही सबकी जुबां पर कीर्ति: भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रह चुके कीर्ति अंतिम बार कब धनबाद आए थे, किसी को याद नहीं है। लेकिन, प्रत्याशी बनने के बाद धनबाद आने से पहले ही वे सबकी जुबां पर हैं। दरअसल, धनबाद में उनके पिता ने एक राजनीतिक पिच बनाई थी। तब झारखंड अलग राज्य नहीं था। धनबाद भी बिहार का हिस्सा था। कीर्ति के पिता भागवत झा आजाद 14 फरवरी 1988 से 10 मार्च 1989 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। इस छोटे कार्यकाल में भी आजाद बड़े काम कर गए। उन्होंने पूरे बिहार में माफिया ताकतों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। धनबाद भी प्रभावित हुआ। आजाद की छत्रछाया में तत्कालीन उपायुक्त मदन मोहन झा ने धनबाद में माफिया ट्रायल चलाया। झरिया के बाहुबली विधायक सूरजदेव सिंह भी गिरफ्तार किए गए। उन्हें कालका मेल के साधारण श्रेणी के डिब्बे में बिठाकर दिल्ली भेजा गया। तब माफिया ताकतों ने खुलेआम चुनौती दी थी कि धनबाद की धरती पर भागवत झा को कदम रखने नहीं देंगे। चुनौती बतौर मुख्यमंत्री आजाद ने स्वीकार किया। वह धनबाद आए। सूरजदेव सिंह के गढ़ झरिया तक पदयात्रा की। शुरूआत उन्होंने श्रमिक चौक पर माल्यार्पण के साथ की थी। हालांकि कुछ दूर पैदल चलने के बाद वह पसीने-पसीने हो गए। इसके बाद फिल्मी नायक की तरह जीप के ऊपर बैठकर झरिया गए। तब आजाद के कार्यक्रम का जिम्मा संभालने वाले एनएसयूआइ के धनबाद जिलाध्यक्ष सुधांशु शेखर झा याद करते हैं-पदयात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया था। झरिया के चिल्ड्रेन पार्क सभा हुई। सफा में माफिया ताकतों के खिलाफ कार्रवाई को जनता ने सराहा। माफिया ताकतों के खिलाफ खड़ा होना तो दूर लोग बोलने में भी संकोच करते थे तब आजाद की पदयात्रा में लोगों ने बढ़चढ़कर भागीदारी सुनिश्चित की थी। अब उसी राजनीतिक पिच पर कीर्ति झा खेलने को तैयार हैं। 

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24 साल से पीएन सिंह नॉटआउट राजनीतिक बल्लेबाज:  धनबाद लोकसभा क्षेत्र में कांग्र्रेस प्रत्याशी कीर्ति का मुकाबला भाजपा के वर्तमान सांसद पीएन सिंह से होगा। सिंह धनबाद की राजनीति में 24 साल से नॉटआउट बल्लेबाज की तरह बल्लेबाजी कर रहे हैं। झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सिंह 2009 में पहली बार सांसद बने। 2014 की मोदी लहर में वह झारखंड में सबसे ज्यादा 2.92 लाख वोट से चुनाव जीते थे। सिंह धनबाद विधानसभा क्षेत्र से तीन बार 1995, 2000 और 2005 में विधायक भी चुने जा चुके हैं। 

तीन चुनाव से भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्करः धनबाद संसदीय क्षेत्र में पिछले तीन चुनाव से भाजपा और कांग्र्रेस में सीधी टक्कर हो रही है। 2004 में कांग्र्रेस के चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने भाजपा प्रत्याशी प्रो. रीता वर्मा को 1.19 लाख मतों के अंतर से हराया था। 2009 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पीएन सिंह ने कांग्र्रेस प्रत्याशी चंद्रशेखर दुबे को 58.04 हजार मतों के अंतर से शिकस्त दी। 2014 के चुनाव में भाजपा के पीएन सिंह ने कांग्र्रेस के अजय कुमार दुबे के पर 2.92  लाख के अंतर से शानदार विजय प्राप्त की। 

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लोकसभा चुनाव-2014  का परिणाम 

पार्टी-प्रत्याशी-प्राप्त मत 

भाजपा-पीएन सिंह-5, 43, 491

कांग्रेस-अजय दुबे-2, 50, 537

एमसीसी-आनंद महतो-1,10, 185

मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि कीर्ति झा धनबाद से चुनाव लडऩे के लिए क्यों आ रहे हैं? धनबाद की जनता भी समझ नहीं पा रही है। वह दरंभगा के सांसद हैं। वहां से ही चुनाव लडऩे के लिए भाजपा छोड़ कांग्र्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें कांग्र्रेस ने धनबाद भेज बलि का बकरा बनाया है। परदेशी बनकर धनबाद में चुनाव लडऩे आ रहे हैं। २३ मई को मतगणना के बाद परदेशी की तरह चले जाएंगे। 

-पीएन सिंह, भाजपा प्रत्याशी, धनबाद लोकसभा क्षेत्र।

धनबाद लोकसभा क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है। बोकारो स्टील प्लांट में ११ साल तक सेवा दे चुका हूं। झारखंड मेरी पैतृक जन्मभूमि है। धनबाद से चुनाव लडऩे का अवसर मिलना मेरे लिए सौभाग्य है। सच्चाई और ईमानदारी मेरे पिता भागवत झा आजाद की पूंजी थी। मेरी भी पूंजी सच्चाई और ईमानदारी ही है। हमसे प्रतिद्वंद्वी डर गए हैं। जनता का आशीर्वाद और कांग्र्रेस कार्यकर्ताओं का साथ लेकर चुनाव लड़ूंगा। 

-कीर्ति झा आजाद, कांग्र्रेस प्रत्याशी, धनबाद लोकसभा

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