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कांग्रेस का बड़ा एलान, सत्ता में आए तो खत्म कर देंगे तीन तलाक कानून

सरकार ने मुस्लिमों में तत्काल तीन तलाक की परंपरा को प्रतिबंधित करने व ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल के प्रावधान वाले अध्यादेश को फिर से जारी कर दिया।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 03:49 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 04:46 PM (IST)
कांग्रेस का बड़ा एलान, सत्ता में आए तो खत्म कर देंगे तीन तलाक कानून
कांग्रेस का बड़ा एलान, सत्ता में आए तो खत्म कर देंगे तीन तलाक कानून

नई दिल्‍ली, एएनआइ। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले ट्रिपल तलाक कानून को लेकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। दिल्ली में पार्टी के अल्पसंख्यक अधिवेशन के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में सिलचर से सांसद और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि अगर हमारी सरकार सत्‍ता में आती है, तो ट्रिपल तलाक कानून को खत्‍म कर दिया जाएगा। अल्पसंख्यकों के बीच पार्टी का आधार मजबूत करने के मकसद से गुरुवार को राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया था। अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि आए राहुल ने इस दौरान मोदी सरकार पर तीखे वार किए। कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी का चेहरा ध्यान से देखें तो आपको घबराहट दिखेगी।

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सुष्मिता देव ने कहा, 'मैं आप लोगों से वादा करती हूं कि कांग्रेस की 2019 में सरकार आएगी और हम इस ट्रिपल तलाक कानून को खारिज कर देंगे। ये आप लोगों से हमारा वादा है।'

इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस और संघ प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि किसी भी देश के पीएम को तोड़ने वाला नहीं, जोड़ने वाला होना चाहिए, नहीं तो ऐसे पीएम को हटा देना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस नागपुर से देश चलाना चाहता है।

गौरतलब है कि सरकार ने मुस्लिमों में तत्काल तीन तलाक की परंपरा को प्रतिबंधित करने व ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल के प्रावधान वाले अध्यादेश को फिर से जारी कर दिया। 10 जनवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण कानून) 2019 अध्यादेश को फिर से जारी करने की मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद इसे जारी किया गया। इससे पहले सितंबर 2018 में अध्यादेश जारी किया गया था। इससे संबंधित विधेयक दिसंबर में लोकसभा से पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है।


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