Lok Sabha Election 2019: राहुल ने चला चुनाव को नया मोड़ देने का अपना दक्षिण दांव
वायनाड से पर्चा भरने के बाद राहुल ने कहा कि वे यहां एकता का संदेश देने आए हैं। दक्षिण और उत्तर भारत के भावनात्मक एकता सूत्र को वे फिर से जोड़ेंगे।
संजय मिश्र, वायनाड (केरल)। दक्षिण भारत में कांग्रेस का सियासी किला मजबूत करने के बड़े दांव के तहत राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने नामांकन से पहले निकाले जुलूस में शामिल होकर राहुल के साथ मजबूती से खड़ा होने का संदेश दिया। पर्चा भरने के बाद वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले को सही ठहराते हुए राहुल ने कहा कि वे यहां एकता का संदेश देने आए हैं। दक्षिण और उत्तर भारत के भावनात्मक एकता सूत्र को वे फिर से जोड़ेंगे।
गुरुवार को वायनाड के जिला मुख्यालय शहर कलपेट्टा के निर्वाचन अधिकारी आर. अजय कुमार के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले राहुल गांधी और प्रियंका के यहां पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। हेलीपैड से लेकर कलेक्ट्रेट के करीब 400 मीटर के रास्ते में हजारों की तादाद में कार्यकर्ता जोश के साथ राहुल-प्रियंका के समर्थन में नारे लगाते उत्साह में झूमते दिखाई दिए।
हेलीपैड से ही खुले ट्रक में राहुल और प्रियंका कांग्रेस नेताओं के साथ रोड शो करते हुए पर्चा दाखिल करने पहुंचे। नामांकन के बाद करीब पांच किलोमीटर का रोड शो दोबारा शुरू हुआ। सड़क के दोनों तरफ हजारों कांग्रेस और यूडीएफ गठबंधन के कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में आम लोग भी मौजूद थे। इस दौरान यूडीएफ के घटक इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के कार्यकर्ता भी अपना झंडा लहराते हुए राहुल के समर्थन में पूरी तैयारी से उतरे।
राहुल का ख्याल रखिएगा : प्रियंका
नामांकन के मौके पर केरल कांग्रेस के इस शक्ति प्रदर्शन से राहुल और प्रियंका काफी खुश नजर आ रहे थे। हालांकि प्रियंका ने केरल से वापस जाते हुए ट्वीट कर वायनाड के लोगों से अपने भाई राहुल गांधी का खयाल रखने की अपील जरूर की। प्रियंका ने कहा, 'मेरे भाई मेरे सबसे अच्छे दोस्त ही नहीं बल्कि मेरी नजर में वे सबसे साहसी व्यक्ति हैं। वायनाड उनका खयाल रखिए, वे आपको निराश नहीं करेंगे।'
बोले-मोदी सरकार में दक्षिण की संस्कृति पर प्रहार
राहुल ने नामांकन के बाद कोई जनसभा तो नहीं की मगर पत्रकारों से कहा कि एकता का संदेश देने के लिए उन्होंने वायनाड को चुना है। दक्षिण भारत में ऐसी भावना बनी है कि नरेंद्र मोदी सरकार में उनकी जीवनशैली और संस्कृति पर प्रहार हुआ है और इसीलिए उन्होंने दक्षिण को चुना।
वामदलों के उनके चुनाव लड़ने पर किए जा रहे तीखे हमले पर राहुल ने कहा कि केरल में कांग्रेस और माकपा आमने-सामने की लड़ाई में हैं। इसलिए वामदलों के किए जा रहे हमले को समझ सकते हैं, पर अपनी तरफ से वे उनके खिलाफ एक शब्द नहीं बोलेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश में नफरत फैलाने और विभाजन का आरोप लगाया।
तीन दक्षिणी राज्यों में सीटें बढ़ाने की जुगत
अमेठी की अपनी परंपरागत सीट के साथ राहुल ने वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला कर केरल समेत दक्षिण भारत के तीन राज्यों में कांग्रेस की सीटें बढ़ाने का दांव खेला है। केरल की 20 सीटों पर लक्ष्य साधने के अलावा कर्नाटक में भी पार्टी सीटों के आंकड़े में इजाफे की अब उम्मीद कर रही है। जबकि तमिलनाडु में राहुल के फैसले से केवल कांग्रेस ही नहीं सहयोगी द्रमुक को भी इसका लाभ मिलने की उम्मीद है।