लोकसभा चुनावः कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी का दावा, मुझे ही मिलेगा पिता का साथ
लोकसभा की पौड़ी गढ़वाल सीट से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अपनी सियासी पारी शुरू कर रहे मनीष खंडूड़ी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा पिता का आशीर्वाद उनके साथ है।
पौड़ी, जेएनएन। लोकसभा की पौड़ी गढ़वाल सीट से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अपनी सियासी पारी शुरू कर रहे मनीष खंडूड़ी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। उन्हें भरोसा है कि इस मर्तबा केंद्र में कांग्रेस की सरकार ही बनेगी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष का कहना है कि पिता का आशीर्वाद उनके साथ है।
वह यह भी आरोप लगाते हैं कि भाजपा ने उनके पिता का अपमान किया है। इस सीट पर पिता का व्यक्तित्व उनकी जीत की राह आसान करेगा। प्रस्तुत है सवालों के कठघरे में मनीष खंडूड़ी से हुई बातचीत के मुख्य अंश-
सवाल: आपको सियासत विरासत में जरूर मिली है, मगर व्यक्तिगत तौर पर आप राजनीति में नए नवेले हैं, फिर कैसे मैदान मारेंगे।
जवाब: राजनीति मेरे लिए नई नहीं है। पहली बार वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में अपने पिता भुवन चंद्र खंडूड़ी के चुनाव मैनेजमेंट की पूरी जिम्मेदारी मैंने संभाली थी। तब से आज तक तमाम चुनावी गतिविधियों को नजदीकी से देखा है। ऐसे में राजनीति में नवेले होने बात गलत है।
सवाल: आपको टिकट मिलने के बाद कांग्रेस के भीतर धड़ेबाजी मुखर हुई है, आप इसे कैसे साधेंगे।
जवाब: धड़ेबाजी की बात पूरी तरह निराधार है। कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है। ऐसे में साधने जैसी कोई बात ही नहीं।
सवाल: आप खुद के बूते कम और पिता की भाजपा में कथित प्रताडऩा को मुद्दा बनाकर मैदान में डटे हैं, इसमें कितनी सच्चाई है।
जवाब: पिता के रूप में मुझे एक बड़ी विरासत मिली है। उनका नाम एक बड़ा नाम है। राज्य ही नहीं, देश में उनका नाम है और इसका फायदा मुझे मिलेगा, लेकिन व्यक्तिगत रूप से भी मेरी पहचान है। मेरी व पार्टी की सोच व विचारों से आम मतदाता काफी प्रभावित है और कांग्रेस के पक्ष में मतदान अवश्य करेगा।
सवाल: कांग्रेस में यह सवाल उठ रहा है कि आप पैराशूट प्रत्याशी हैं, इस बात में कितना दम है।
जवाब: इस प्रश्न में कोई सच्चाई नहीं है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं, पूर्व विधायकों एवं वर्तमान विधायकों का भरपूर साथ मिल रहा है।
सवाल: चुनाव में आपके सामने आपके ही पिता के शिष्य भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में है। दोनों ही जनरल खंडूड़ी के आशीर्वाद की बात कर रहे हैं, आखिर किसे मिलेगा आशीर्वाद।
जवाब: मुझे विश्वास है कि मेरे पिता का साथ अवश्य ही मुझे मिलेगा। चुनावी मैदान में उतरने से पूर्व ही पिता से हर बात को लेकर चर्चा हुई और आज भी चर्चा होती है। दूसरे के विषय में मुझे बोलने की जरूरत नहीं है।
सवाल: क्या आपने पिता भुवन चंद्र खंडूड़ी से प्रचार के लिए साथ आने का आग्रह किया। अगर नहीं तो क्या है इसकी वजह।
जवाब: (सीधा उत्तर न देते हुए) मेरे पिता हर समय मेरे साथ हैं। उनका मार्गदर्शन व निर्देशन मुझे हर समय मिल रहा है।
सवाल: आपकी ऐसी कौन सी तीन ताकतें हैं, जिनके बूते आप संसद की सीढिय़ां चढऩे का सपना बुन रहे हैं।
जवाब: पहाड़ में लगातार हो रहे पलायन को रोकने को थामने के मद्देनजर ठोस विचार, कृषि के लिए ठोस रणनीति के साथ ही युवा ऊर्जा मेरे साथ है। साथ ही मुझे देश-विदेश का अनुभव है। कांग्रेस पार्टी की नीतियां सबको साथ लेकर चलना है, जो उनकी जीत का आधार बनेगी।
सवाल: आपकी ऐसी तीन कमजोरियां जो चिंता का कारण बन रही हैं। इसके लिए क्या रणनीति अपना रहे हैं।
जवाब: हर इंसान में कमजोरियां होती हैं, लेकिन यह वक्त चुनाव का है। ऐसे में यह कमजोरियां नहीं खूबियां गिनाने का समय है।
सवाल: आपका निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक अनुभव में आप से इक्कीस हैं। क्या आपको ये कमी खल रही है।
जवाब: कोई कमी नहीं खल रही है। राजनीति का अनुभव मुझे पिछले 28 वर्षो से है। चुनाव को नजदीक से देखता आया हूं, जिसका फायदा मुझे मिल रहा है।
सवाल: आपको जनता क्यों वोट दे, इसके तीन आधार क्या हैं।
जवाब: राजनीतिक तजुर्बा और अंतर्राष्ट्रीय सोच का होना, लोकसभा चुनाव वर्ष 1991 से संचालन का अनुभव, गढ़वाल की मूलभूत परेशानियों की करीब से समझ उनके निराकरण के लिए ठोस कार्ययोजना।
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