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बिहार में समर्थन के लिए बड़ा फैसला, डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट लोजद के लिए छोड़ सकती है कांग्रेस

कांग्रेस लोकसभा चुनाव में राजस्थान में डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट लोजद के लिए छोड़ सकती है। इस बारे में लोकतांत्रित जनता दल और कांग्रेस नेताओं में केंंद्रीय स्तर पर चर्चा जारी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 03:52 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 03:52 PM (IST)
बिहार में समर्थन के लिए बड़ा फैसला, डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट लोजद के लिए छोड़ सकती है कांग्रेस
बिहार में समर्थन के लिए बड़ा फैसला, डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट लोजद के लिए छोड़ सकती है कांग्रेस

उदयपुर, सुभाष शर्मा। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में राजस्थान में से डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ सकती है। इस बारे में लोकतांत्रित जनता दल और कांग्रेस नेताओं में केंंद्रीय स्तर पर चर्चा जारी है।

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लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष फतेहसिंह एवं राजस्थान प्रदेश महामंत्री और प्रवक्ता डॉ. आरके मालोत ने आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर लोकतांत्रित जनता दल के लिए यूं तो राजस्थान में तीन लोकसभा सीटों की मांग की है और इस संबंध में शरद यादव से चर्चा भी की है।

हालांकि उनका मानना है कि उन्हें कांग्रेस से डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट मिलने की पूरी उम्मीद है। लोजद के प्रवक्ता डॉ. मालोत का कहना है कि बिहार में समर्थन के लिए कांग्रेस उनकी पार्टी से समझौते को तैयार है। लोजद की बात राजस्थान में तीन लोकसभा सीटों को लेकर हुई थी, लेकिन डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट लोजद को मिलने की पूरी उम्मीद है। उनका कहना है कि लोजद ने मामा बालेश्वर दयाल के प्रभाव वाले क्षेत्र की सीटों को लेकर कांग्रेस से समझौते को लेकर बातचीत हुई है।

राजस्थान में वागड के डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिले के अलावा प्रतापगढ़ जिला और गुजरात और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं, जहां मामा बालेश्वर के समर्थकों की अच्छी खासी संख्या है। लोजद प्रवक्ता डॉ. मालोत का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो शरद यादव ने उन्हें आश्वस्त किया है है कि लोजद के लिए परम्परागत सीट बांसवाड़ा-डूंगरपुर दिलवाने की कामयाब कोशिश की जाएगी।

हालांकि केंंद्रीय स्तर पर कांग्रेस एवं लोजद के बीच राजस्थान की दो अन्य लोकसभा सीटों को लेकर बातचीत हुई है। चित्तौडग़ढ़ लोकसभा सीट में शामिल प्रतापगढ़ जिले का क्षेत्र मामा बालेश्वर दयाल समर्थकों का है। हालांकि उनका फोकस फिलहाल मामा बालेश्वर की कर्मभूमि वागड की सीट पर है।

कांग्रेस के लिए मुश्किल भरी है डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट को लोजद को दे सकती है। माना जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस को शरद यादव से समझौता करना है। जहां तक डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति देखी जाए तो वह फिलहाल कमजोर स्थिति में है। इस लोकसभा सीट में शामिल नौ विधानसभा सीटों में यूं तो कांग्रेस और बीजेपी को तीन-तीन सीटें मिली। बाकी दो सीटों पर भारतीय ट्राइबल पार्टी और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहा। जहां तक वोट प्रतिशत की बात है वहां वह भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर है।

हाल ही उभरी भारतीय ट्राइबल पार्टी ने यहां दो विधानसभाओं पर कब्जा जमाते हुए कांग्रेस प्रत्याशियों को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। वहीं नौ विधानसभा सीटों में चार कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। बीटीपी की उभरती सियासी ताकत से कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई है। कांग्रेस के कई नेताओं का यह भी कहना है कि यदि डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट कांग्रेस लोजद को दे देती है तो राजस्थान में उसे बड़ा नुकसान नहीं होगा, बल्कि बिहार में बड़ा फायदा अवश्य हो सकता है। 


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