Lok Sabha Election 2019: BIG ISSUE देश का अजूबा राजमार्ग-सिर्फ आठ फीट चौड़ा
गंगा किनारे से गुजर रहा यह एनएच (नेशनल हाइवे) मुगल काल में काफी महत्वपूर्ण था। 18 साल पहले इसे एनएच का दर्जा मिला। बावजूद चौड़ीकरण नहीं किया गया।
साहिबगंज, डॉ. प्रणेश। राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 80 । पश्चिम बंगाल-झारखंड-बिहार को जोडऩे वाला मार्ग। यह सड़क पश्चिम बंगाल के फरक्का से होकर झारखंड के साहिबगंज, बिहार के भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय होते हुए मोकामा तक जाती है। 293 किलोमीटर लंबे इस पथ का 48 किमी हिस्सा साहिबगंज जिले में पड़ता है। पर, साहिबगंज जिले से गुजर रहे इस मार्ग का 14 किमी हिस्सा आज भी सिंगल रोड यानी करीब आठ फीट के आसपास है। 14 किमी में इसकी स्थिति बदतर है। यहां अक्सर घंटों लगने वाले जाम से जिंदगी थम जाती है। साहिबगंज से भागलपुर करीब 90 किमी है। यह दूरी दो घंटे में आराम से पूरी हो सकती है। बावजूद इस मार्ग से जाएंगे तो पांच से छह घंटा लगना तय है। क्योंकि सड़क संकरी होने से जाम आम है।
गंगा किनारे से गुजर रहा यह एनएच (नेशनल हाइवे) मुगल काल में काफी महत्वपूर्ण था। 18 साल पहले इसे एनएच का दर्जा मिला। बावजूद चौड़ीकरण नहीं किया गया। सड़क साहिबगंज बाजार होकर गुजरती है वहां अतिक्रमण से हाल और भी खराब है। सड़क पर जाम हर समय लगा रहता है। साहिबगंज जिले में महाराजपुर, साहिबगंज शहर व मिर्जाचौकी में यह एनएच रेलवे लाइन को क्रास करता है जहां ओवरब्रिज की जरूरत है। बावजूद इस पर भी पहल नहीं हुई।
सड़क मार्ग से भागलपुर जाना मुश्किल : साहिबगंज से सड़क मार्ग से भागलपुर जाना काफी मुश्किल है। मिर्जाचौकी से भागलपुर तक जाम लग रहता है। स्टोन चिप्स लदे ट्रक इस रास्ते में अक्सर खराब होते रहते हैं। जो परिस्थितियों को और भी दुरूह करते हैं। साहिबगंज से भागलपुर पहुंचने में कितने घंटे लगेंगे यह कहना मुश्किल है। आलम ये है कि साहिबगंज के लोग भागलपुर जाने के लिए ट्रेनों का ही उपयोग करते हैं। पैसेंजर ट्रेन तीन घंटे लेती है। एनएच दुरुस्त होता तो यह दूरी दो घंटे में तय की जा सकती थी। बिहार जानेवाले ज्यादातर मालवाहक जहाज से गंगा नदी पार कर कटिहार के मनिहारी घाट पहुंचते हैं। वहां से गंतव्य तक जाते हैं।
पर्यटन केंद्र है राजमहल : साहिबगंज का राजमहल इलाका पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां के कन्हैया स्थान में इस्कान का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। विदेशी पर्यटक व देश के कोने-कोने से कृष्ण भक्त पहुंचते हैं। राजमहल में राजा मानसिंह का किला, बारहद्वारी, जामा मस्जिद, ङ्क्षसघी दालान जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं। इस एनएच की दयनीय स्थिति के कारण पर्यटक भी परेशान होते हैं।
केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार साहिबगंज के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इनको यहां के विकास से कोई मतलब नहीं है। केवल राजनीति करती है काम नहीं। एनएच 80 को फोर लेन करने का प्रस्ताव भेजा गया है, अब तक काम शुरू नहीं हुआ। गंगा कटाव अगर 20-25 फीट तक हो गया तो यह महत्वपूर्ण सड़क गंगा में विलीन हो जाएगी। बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हमने कई बार आवाज उठाई है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर सड़क निर्माण के लिए ग्लोबल टेंडर की मांग की थी। उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया।
-विजय हांसदा, सांसद, राजमहल
लंबे समय तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही। उसे इस क्षेत्र के विकास की कोई चिंता नहीं थी। पांच साल पूर्व केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद इस एनएच को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। सुकसेना से राजमहल तक करीब 14 किलोमीटर सड़क गंगा के किनारे है। जो कभी भी गंगा में विलीन हो सकती है। इस वजह से एक समानांतर एनएच बनाने का प्रस्ताव है। भूमि अधिग्रहण के लिए राशि आ गई है। जल्द भूमि अधिग्रहण कर सड़क निर्माण शुरू हो जाएगा।
-अनंत ओझा, विधायक राजमहल
एक्सपर्ट व्यू
सड़क किसी भी क्षेत्र के विकास का महत्वपूर्ण अंग है। इसके बिना किसी क्षेत्र का विकास संभव नहीं है। एनएच 80 को करीब दो दशक पूर्व एनएच का दर्जा मिला। हालांकि आज तक इसे एनएच का स्वरूप नहीं मिल पाया है। इस कारण क्षेत्र का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया। सड़क का चौड़ीकरण होने से आमलोगों के साथ-साथ व्यापारियों को राहत मिलती। साहिबगंज जिला पत्थर उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां का स्टोन चिप्स बिहार से लेकर यूपी तक जाता है। हर दिन सैकड़ों ट्रक यहां से गुजरते हैं। सरकार को राजस्व भी काफी मिलता है। बावजूद यहां के लोगों की सुविधा का कोई ख्याल नहीं रखा गया है। संकरी और जर्जर सड़क के कारण समय तो अधिक लगता ही है वाहन को भी क्षति होती है। माल भाड़ा काफी बढ़ जाता है। सरकार को इस सड़क का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराना चाहिए।
-चेतन भारतीय, जिलाध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स
क्या कहते हैं व्यवसायी
मोकामा-फरक्का एनएच की स्थिति काफी दयनीय है। इसे केवल एनएच का दर्जा देकर छोड़ दिया गया। हर जगह फोर लेन सड़क बन चुकी है। यहां टू लेन भी अब तक नहीं बनी है।
-चंदेश्वर प्रसाद सिन्हा, पत्थर व्यवसायी
क्षेत्र के विकास के लिए सड़क जरूरी है। एनएच 80 का निर्माण होने से जिले के विकास को गति मिलती। व्यापार भी बढ़ जाता। सड़क परिवहन की समुचित व्यवस्था न होने से व्यवसाय प्रभावित होता है।
-मनोज गुप्ता, वस्त्र व्यवसायी