LOk Sabha Polls 2019 : सोशल मीडिया में फिर शुरू हुआ वाकयुद्ध
LOk Sabha Polls 2019. पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया शांत हो गया था लेकिन एक बार फिर यह हथियार चुनावी युद्ध में शामिल हो गया है।
जमशेदपुर [ वीरेंद्र ओझा]। पिछले लोकसभा चुनाव से सभी राजनीतिक दलों का सोशल मीडिया बड़ा हथियार बन गया है। फेसबुक और वाट्सएप के अलावा ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल के नेता, कार्यकर्ता व समर्थक तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया शांत हो गया था, लेकिन एक बार फिर यह हथियार चुनावी युद्ध में शामिल हो गया है।
अलग-अलग दलों के कार्यकर्ता-समर्थक अपने-अपने तर्क से खुद के नेता का गुणगान कर रहे हैं, तो विरोधी दल के नेताओं को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यदि आपने उनके तर्को को काटने की कोशिश की, तो वाकयुद्ध शुरू हो जाता है। इससे नजदीकी दोस्तों, परिचितों और रिश्तेदारों के बीच संबंध में कड़वाहट आने लगती है। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने फेसबुक वाट्सएप पर पोस्ट की जाने वाली राजनीतिक टिप्पणी पर कमेंट करना ही छोड़ दिया है। कुछ ने तो फेसबुक-वाट्सएप पर अवांछित पोस्ट देखना भी छोड़ दिया है। उनका कहना है कि देखने पर कमेंट किए बिना रहना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बेहतर यही है कि इससे दूर ही रहा जाए।
ताश के पत्तों की तरह फेंटे जा रहे उम्मीदवार
जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से अभी तक एक को छोड़कर किसी राजनीतिक दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग हर दल के लिए उम्मीदवार तय कर रहे हैं। साकची, बिष्टुपुर, गोलमुरी, जुगसलाई से लेकर कदमा-सोनारी तक की चाय दुकानों और अड्डों पर यह बताने वाले लोग मिल जाएंगे कि कौन सा दल किसे उम्मीदवार बनाएगा। यही नहीं, उनके पास तर्क भी है कि कौन सा शख्स किस वजह से उस दल की पसंद बना हुआ है। कुछ लोग तो उम्मीदवारों के आधार पर चुनाव परिणाम भी बता दे रहे हैं। उनका कहना है कि अमुक उम्मीदवार के खिलाफ अमुक लड़ा तो यह परिणाम होगा। उनके तर्को से एकबारगी आपको उनकी बात कुछ देर के लिए सही भी लगने लगेगी। ये विशेषज्ञ यह भी बता रहे हैं कि फलां शख्स को पार्टी पर कतरने के लिए उम्मीदवार बना रही है या सचमुच हराने के लिए।