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Lok Sabha Election 2019 : वोटरों को फंसाने के लिए चुनावी हथकंडे हैं घोषणा पत्र

Lok Sabha Election 2019. लड़ाई तो भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा और कांग्रेस की गीता कोड़ा के बीच ही होगी। केंद्र में मोदी की सरकार जरूरी है लेकिन गिलुवा मजबूरी हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 04:22 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 04:22 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 : वोटरों को फंसाने के लिए चुनावी हथकंडे हैं घोषणा पत्र
Lok Sabha Election 2019 : वोटरों को फंसाने के लिए चुनावी हथकंडे हैं घोषणा पत्र

नोवामुंडी (पश्चिमी सिंहभूम), परमानंद गोप।  बड़ाजामदा रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर दूर पांडराशाली गांव। दिन के करीब 11 बजे हैं। चिलचिलाती धूप के कारण ग्रामीण पेड़ की छांव में बैठकर बातचीत कर रहे हैं। ओडिशा सीमा क्षेत्र में सटे होने के कारण यहां प्राय: सभी लोग उडिय़ा भाषा ही बोलते हैं। यह वही गांव है जिसके एक छोर पर रेलवे साइङ्क्षडग से केंद्र व राज्य सरकार को सालाना करोड़ों रुपये राजस्व मिलता है। परंतु वहां के मकान से लेकर सड़क आदि पर नजर दौड़ाएंगे तो ऐसा प्रतीत होगा कि आधा आबादी गरीबी में जी रही है। शहरी क्षेत्र जाने के लिए एक अदद अच्छी सड़क तक नहीं है। 

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मैंने मौका मिलते ही लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा छेड़ दी। पूछा- इसबार किसके बीच लड़ाई होगी? ओमप्रकाश ङ्क्षसह कहने लगे- लड़ाई तो भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा और कांग्रेस की गीता कोड़ा के बीच ही होगी। केंद्र में मोदी की सरकार जरूरी है, लेकिन गिलुवा मजबूरी हैं। प्रत्याशी चुनाव आते ही गांव आते हैं, हाथ जोड़कर वोट मांगते हैं। जीत जाने के बाद पलटकर भी नहीं देखते। आजतक दिरीबुरु से नया गांव व पांडराशाली होकर भट्टीसाई मुख्य सड़क नहीं बनी। जर्जर है। तभी शशि आपाट ने बात काटते हुए कहा- इसबार जो प्रत्याशी सड़क व रेलवे स्टेशन के पास ओवरब्रिज निर्माण का पक्का वादा करेगा, उसी को गांव के लोग वोट देंगे। तभी मुन्ना गोप ने भेद खोलने के अंदाज में कहा- आजतक इस गांव में कभी सांसद आए ही नहीं हैं। हमलोग उन्हें देखे तक नहीं है। 

मैंने फिर सवाल छोड़ा- कांग्रेस सत्ता में आने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को 72 हजार रुपये सालाना देने की बात कह रही है? मुन्ना गोप ने उल्टे सवाल पूछा- इतने सारे रुपये कहां से आएंगे? फिर दार्शनिक भाव से बोले- देखिए, यह चुनावी प्रलोभन है। भाजपा ने भी खाते में 15 लाख रुपये कहां दिए? तभी भाजपा और कांग्रेस के शासन की तुलना करते हुए विपीन महाकुड़ कहने लगे- देश में कांग्रेस लंबे वक्त तक शासन कर चुकी है। कितने लोगों को क्या सुविधा मिली। पार्टियों के घोषणा पत्र केवल वोटरों को अपने पक्ष में फंसाने के हथकंडे होते हैं। इसी बीच उपेंद्र गोप बताने लगे कि घोषणा पत्र में कांग्रेस ने 31 मार्च 2020 तक सभी खाली पदों पर 24 लाख पदों पर भरने की बात कही है। प्रश्न है, कांग्रेस इतने साल क्या करती रही।

हरि कृष्ण गोप कहने लगे कि कांग्रेस ने पंचायत व स्थानीय निकायों में राज्य सरकार के साथ मिलकर 10 लाख सेवा मित्रों को नियुक्ति करने की बात घोषणा पत्र में कही है। यदि कांग्रेस इतने लोगों की नियुक्ति करती भी है तो स्थानीय लोगों का भला होने वाला नहीं है। तभी मैंने घड़ी पर नजर दौड़ाई। दोपहर के एक बजने वाले थे। मैंने सबको जोहार कहा, और चल पड़ा।


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