Lok Sabha Elections 2019: बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस ने टीएमसी के समर्थन में किया चुनाव प्रचार, गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
Bangladeshi actor Ferdous Ahmed. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद के चुनाव प्रचार पर रिपोर्ट मांगी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद के चुनाव प्रचार पर फॉरनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस से रिपोर्ट मांगी है।
अक्सर विवादों में रहने वाले बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद ने रायगंज संसदीय क्षेत्र से टीएमसी उम्मीदवार कन्हैया लाल अग्रवाल के समर्थन में रोड शो किया। रोड शो के बाद एक जनसभा में उन्होंने क्षेत्र के लोगों से तृणमूल के पक्ष में मतदान करने की अपील की। उत्तर दिनाजपुर जिले के करणदिघी से इस्लामपुर के बीच हुए इस रोड शो में बांग्लादेशी कलाकार अहमद के साथ ही टॉलीवुड अभिनेता अंकुश और पायल भी मौजूद थे।
भाजपा ने कहा कि चुनाव प्रचार में किसी विदेशी नागरिक का शामिल होना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इसे लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग का रुख किया व राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। भाजपा ने कहा कि कि तृणमूल ने रायगंज लोकसभा सीट पर अल्पसंख्यक वोटों को समेकित करने के लिए बांग्लादेशी अभिनेता से प्रचार करवाया, जो पूरी तरह से अवैध व आचार संहिता का उल्लंघन है। भाजपा की ओर से राज्य की ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा गया कि इस वाकये से एक बार फिर ममता सरकार का बांग्लादेशी प्रेम सार्वजनिक हो गया है।
भाजपा नेता प्रताप बनर्जी ने कहा कि संसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक वोटों को समेकित करने के लिए ही बांग्लादेशी कलाकार को यहां चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित किया गया था, जो आचार संहिता का उल्लंघन है और उक्त मामले की आयोग में शिकायत करते हुए पार्टी ने त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए तृणमूल की ओर से कहा कि उन्हें इसमें कुछ गलत नजर नहीं आ रहा। 1971 के मुक्ति संग्राम का हवाला देते हुए कहा गया कि बांग्लादेश की आजादी में भारत का अहम योगदान रहा है। पार्टी ने देश विरोधी या आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया है।
राज्य के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने कहा कि यदि आयोग तृणमूल के खिलाफ कार्रवाई करता है तो उसे भाजपा के उन नेताओं व उम्मीदवारों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए, जो चुनावी अवधि के दौरान रामनवमी के मौके पर खुलेआम तलवारें लहराते देखे गए हैं।