JHARKHAND: चप्पे-चप्पे पर होगी तीसरी आंख की नजर, भारत निर्वाचन आयोग से बचेगा न कोई
झारखंड का राजमहल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र काफी संवेदनशील है। इस क्षेत्र में बांगलादेशी घुसपैठियों की सक्रियता है। इस लिए चुनाव में विशेष सतर्कता रखी जाएगी।
साहिबगंज, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग की तीसरी नजर कोई बच नहीं पाएगा। हर गड़बड़ी करने वालों शख्स तीसरी आंख में चढ़ जाएगा। बाद में ऐसे लोगों पर चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा।इसके लिए चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा।
झारखंड का राजमहल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र काफी संवेदनशील क्षेत्र है। इस क्षेत्र में बांगलादेशी घुसपैठियों की सक्रियता है। इस लिए चुनाव में विशेष सतर्कता रखी जाएगी। उपायुक्त संदीप सिंह सोमवार को उपायुक्त कार्यालय स्थित सभागार में आदर्श आचार संहिता, व्यय मानीटरिंग तथा मीडिया कोषांग के पदाधिकारियों व कर्मियों के साथ बैठक की। इसमें उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों व कर्मियों को उनके दायित्वों के बारे में बताया।
उपायुक्त ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर निगरानी रखने तथा कार्रवाई करने की जिम्मेदारी आदर्श आचार संहिता कोषांग की है। वीडियो सर्विलांस टीम तथा फ्लाइंग स्वायड टीम के सदस्यों को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर निगरानी रखनी है। कहा कि वीडियो सर्विलांस टीम के सदस्य सभी चुनावी रैलियों व सभाओं का वीडियो ठीक से बनाएं ताकि किसी प्रकार की गडबडी होने पर कार्रवाई की जा सके। कहा कि इसे देखकर रैली में हुए व्यय व आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि चुनावी सभा के वीडियो में जगह के नाम, जिस राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवार द्वारा सभा आयोजित की गई उसके नाम का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। साथ ही वीडियो इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि उसे देखकर पंडाल, कुर्सी, पोस्टर बैनर इत्यादि में हुये व्यय का आकलन किया जा सके। साथ ही भाषण की वीडियोग्राफी भी की जानी है। पैसा, शराब इत्यादि वितरण पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी फ्लाइंग स्क्वायड की है। उपायुक्त ने कहा कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने पर आईपीसी तथा रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट की सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करानी है।
उपायुक्त ने बताया कि उम्मीदवार द्वारा चुनाव प्रचार में किये गये सभी प्रकार के व्यय का आकलन व्यय कोषांग द्वारा किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित मॉडल रेट के आधार पर उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार में व्यय का आकलन किया जाएगा। उम्मीदवार को टेलीविजन, सोशल मीडिया, सिनेमा हॉल, फिक्सड एलईडी इत्यादि में प्रचार सामग्री चलाने के लिए जिला स्तरीय एमसीएमसी से वीडियो का प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य है। इलेक्ट्रोनिक तथा ङ्क्षप्रट मीडिया में चुनाव प्रचार के खर्च का डीएवीपी दर से आकलन कर उम्मीदवार के कुल खर्च में जोड़ना है। एमसीएमसी सेल के कर्मियों को पेड न्यूज पर सतत निगरानी रखनी है। मीडिया सेल को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन तथा चुनावी सभा रैली इत्यादि से संबंधित प्रेस कङ्क्षटग व्यय कोषांग को उपलब्ध कराना है। इस मौके पर कई पदाधिकारी मौजूद थे।