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Lok Sabha Election 2019 : दुविधा में प्रत्याशी, सुविधा में वोटर

Lok Sabha Election 2019. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के लिए अंदाजा लगाना कठिन हो गया है कि कौन-सा वोटर उनके साथ है कौन खिलाफ।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 01:24 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 01:24 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 :  दुविधा में प्रत्याशी, सुविधा में वोटर
Lok Sabha Election 2019 : दुविधा में प्रत्याशी, सुविधा में वोटर

चक्रधरपुर, दिनेश शर्मा । सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के लिए अंदाजा लगाना कठिन हो गया है कि कौन-सा वोटर उनके साथ है, कौन खिलाफ। कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा और भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा की इस दुविधा में वोटर खुद को सौदेबाजी की सुविधाजनक स्थिति में पा रहा है। इसी स्थिति के मद्देनजर प्रत्याशी अब खास अपेक्षा वाले क्षेत्रों की सही मानसिकता जानने के लिए ‘स्थानीय व बाहरी भेदियों’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। गलाकाट होड़ ऐसी कि एक प्रत्याशी के काफिले के पीछे प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी के जासूस लगे हैं। 

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एक के बाद लगे हाथ दूसरा काफिला पहुंचकर संबंधित क्षेत्र में पहले वाले के प्रभाव को धोने के नुस्खे आजमाने में जुट जा रहा है। वोटर अब पहले की तरह किसी भी दल के ‘लाठी-ठोंक’ समर्थक तो रहे नहीं। वजह साफ है, नेताओं का प्याज जैसा परतदार आचरण। वोटरों का क्षण-क्षण बदलने वाला स्वभाव भी इस क्रम में उन्हें खुश करने के लिए सारे ‘सस्ते-महंगे’ समझौते करने को मजबूर कर रहा है। अब प्रत्याशी के लिए दुविधा की स्थिति यह कि वोटर ऐसे ही समझौते प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों के साथ भी करने को स्वतंत्र है। कहीं-कहीं से दोनों ही प्रमुख प्रत्याशियों से वोटरों के समूह द्वारा एक समान समझौते की भी चर्चा सुनी जा रही है। कुछ इलाकों में जातिगत समूह बनाकर बार्गेनिंग का दौर भी शुरू हो चुका है। लेकिन अब भी दूर-दराज की कौन कहे प्रमुख पंचायतों तक को दोनों ही प्रत्याशियों के आगमन का इंतजार है। दोनों दलों के स्थानीय नेता अपने-अपने प्रत्याशियों के दौरे के पूर्व ग्रामीणों से वादे-इरादे जाहिर कर माहौल बेहतर बनाने की कवायद में जुटे हैं।

रिझाएगी हड़िया, लुढ़काएगा देशी ब्रांड और वोट खल्लास

चुनाव में वोटरों को कब्जे में करने के लिए हर बार की तरह इस बार भी हंड़िया का खास इस्तेमाल किए जाने के संकेत मिल रहे हैं। आदिवासी बहुल इलाकों में हंड़िया, तो गैर आदिवासी क्षेत्रों में स्टेटस के अनुसार देशी व विदेशी ब्रांड व खपत की अनुमानित मात्र की लिस्ट तैयार कर ली गई है। वैसे भी सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में हंडिया का इस्तेमाल ट्रंप कार्ड की तरह हर चुनाव में किया जाता रहा है। इस तथ्य से सभी राजनीतिक दल समेत स्थानीय लोग भली भांति अवगत हैं। यानी वोट पर्व के दिन मतदाताओं को मिलेगा नुक्कड़-नुक्कड़ चुक्कड़ और वोट खल्लास।


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