Move to Jagran APP

चुनावी चौपाल: जनता बोली-बसें हैं नहीं, फिर छोटे वाहनों की छतों पर न बैठें तो क्या करें

देहरादून जिले के कालसी क्षेत्र के हरिपुर में दैनिक जागरण की ओर से चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया। इसमें लोगों ने कहा क्षेत्र में डेढ़ लाख की आबादी पर हर रूट पर और बसों की जरूरत है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 07:07 PM (IST)
चुनावी चौपाल: जनता बोली-बसें हैं नहीं, फिर छोटे वाहनों की छतों पर न बैठें तो क्या करें
चुनावी चौपाल: जनता बोली-बसें हैं नहीं, फिर छोटे वाहनों की छतों पर न बैठें तो क्या करें

देहरादून, जेएनएन। जनप्रतिनिधियों के वादों पर भरोसा करते-करते अब थक चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद किसी भी जीते हुए जनप्रतिनिधि के पास गांव की समस्या देखने की फुर्सत नहीं रही है, जौनसार बावर क्षेत्र में डेढ़ लाख की आबादी पर हर रूट पर बस की जरूरत है, लेकिन परिवहन निगम की दो बसें ही संचालित हैं, ऐसे में ग्रामीण छोटे वाहनों की छतों पर बैठकर सफर न करें तो क्या करें। आमजन की लाचारी, बेबसी को देखने-समझने का किसी के पास मानो वक्त नहीं है।

loksabha election banner

शुक्रवार को देहरादून जनपद के कालसी क्षेत्र के हरिपुर में यह पीड़ा दैनिक जागरण की चुनावी चौपाल में जौनसार बावर क्षेत्र के लोगों ने बयां की। पान की गुमटी के पास चौपाल में चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने कहा जौनसार बावर में परिवहन निगम की मात्र दो बसें चल रही हैं, जो डेढ़ लाख की आबादी के लिहाज से नाकाफी हैं। कालसी से लेकर त्यूणी तक कहीं कोई बस अडडा नहीं है। जौनसार बावर के 359 राजस्व गांवों व मजरों के लिए हर रुट पर परिवहन व प्राइवेट बसों का संचालन होना चाहिए।

चर्चा में ग्रामीणों ने कहा कि आए दिन एआरटीओ ओवरलोडिंग में वाहनों के चालान कर रहे हैं, उस समय लोग हर रुट पर बसों के संचालन की मांग करते हैं, लेकिन कोई सुनता नहीं, यह समस्या विधायक से लेकर सरकार तक पहुंचायी, लेकिन बसों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। कालसी से देहरादून के लिए चलने वाली छह बसें भी सात साल पहले बंद कर दी गयी।

चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने दर्द बयां किया कि ऐसी स्थिति में लोग छोटे वाहनों की छतों पर सफर न करें तो क्या करें। चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने जौनसार बावर में बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य व शिक्षा की बदहाली पर भी विचार रखे। कहा कि जौनसार बावर में जितना विकास होना चाहिए, वह नहीं हो पाया। चौपाल में भोला सिंह, पूर्व प्रधान शेर सिंह, बबलू, हंसराम, दारा सिंह, सियाराम चौहान, किशन, धनपाल, अंकित, अमर सिंह रावत आदि क्षेत्रीय ग्रामीण मौजूद रहे।

बोली जनता

  • अमृता रोहिला ( निवासी तिलवाड़ी) का कहना है कि  जौनसार बावर का प्रवेश द्वार कालसी होने के चलते यहां पर बस अड्डे की कोई व्यवस्था नहीं है। दुकानों के आगे लोग वाहन खड़े करने को मजबूर हैं। बसें न होने के कारण आवागमन की समस्या है। परिवहन निगम व प्राइवेट कम बसें चलने से लोगों को यूटिलिटी की छत तक बैठकर गांव जाना पड़ता है। 
  • भोला सिंह ( निवासी धोइरा खादर) कहना है कि जौनसार बावर में हर रुट पर बसों की जरूरत है, ताकि लोगों को सफर में सहुलियत हो सके। मजबूरी में लोग छतों पर बैठकर खतरे भरा सफर कर रहे हैं, ग्रामीणों के पास आवागमन का और कोई साधन ही नहीं है। 
  • अंकित ( निवासी कालसी) का कहना है कि कालसी में यात्री शेड तक नहीं है, जिस कारण गर्मी हो या बरसात सवारियों को दुकानों के बाहर ही खड़े रहना पड़ता है। कालसी से देहरादून तक चलायी जाने वाली बसों का संचालन सरकार को फिर से करना चाहिए। 
  • अमर सिंह रावत (निवासी कालसी) का कहना है कि जौनसार बावर में सड़कों की दशा ठीक नहीं है, हर रूट पर सरकार को बसों का संचालन करना चाहिए, साथ ही जगह जगह यात्री शेड बनाना चाहिए, ताकि सवारियों को सहुलियत हो सके। 

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election: पलायन की पीड़ा सीने में समेटे सुबक रहे उत्तराखंड के पहाड़

यह भी पढ़ें:  उत्तराखंड में रोडवेज की 180 बसें हर साल हो रही कंडम, खतरे में सफर

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए मजबूरी बनी ओवरलोडिंग सवारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.