मंझधार में फंसी VIP नाव को मिला किनारा, खगडिय़ा से चुनाव लड़़ेंगे मुकेश सहनी
लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में महागठबंधन में जोड़-तोड़ का खेल खत्म नहीं हुआ है। विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी को इस कारण परेशानी हुई।
पटना [सुनील राज]। महागठबंधन का हिस्सा बने विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के प्रमुख मुकेश सहनी की नाव चुनाव के बीच मंझधार में फंसती नजर आई थी, लेकिन उसे अब उसे किनारा मिलता नजर आ रहा है। मुकेश सहनी महागठबंधन से तीन सीट लेने में तो सफल रहे और दरभंगा से खुद चुनाव मैदान में कूदने का दावा कर दिया। लेकिन उसके बाद वे कांग्रेस की फिरकी में फंस गए। अब यह लगभग तय हो गया है कि मुकेश सहनी खगडि़या से चुनाव मैदान में होंगे। संभावना है कि वे दो अप्रैल को नामांकन करेंगे।
कीर्ति और सिद्दीकी के पेच में फंसे सहनी
दिल्ली में महागठबंधन की बैठक के तत्काल बाद मुकेश सहनी ने दावा किया था कि दरभंगा सीट से उनका चुनाव मैदान में उतरना तय है। उससे पहले भाजपा के बागी सांसद कीर्ति आजाद कांग्रेस का हाथ थाम चुके थे। कांग्रेस उन्हें दरभंगा के मैदान में उतारना चाहती है, जबकि राजद अब्दुल बारी सिद्दीकी पर दांव लगाना चाहती है। ऐसे में सहनी को फंसना ही था।
दरभंगा के बदले मुजफ्फरपुर का विकल्प
सूत्रों की माने तो राजद ने मुकेश सहनी को अब मुजफ्फरपुर का विकल्प दिया। हवाला यह कि मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में आने वाली विधानसभा की तीन सीटें राजद के कब्जे में हैं। ऐसे में सहनी के लिए सहूलियत होगी। मुजफ्फरपुर में निषाद बिरादरी के तकरीबन साढ़े तीन लाख वोटों की उम्मीद भी जगाई गई। मुजफ्फरपुर के साथ ही सहनी को खगडि़या सीट भी ऑफर की गई। सहनी कटिहार की इच्छा जाहिर कर रहे थे, लेकिन वहां कांग्रेस ने तारिक अनवर का हवाला देकर दरभंगा की तरह मामला फंसा दिया। अब तो तारिक अनवर को सिंबल तक मिल चुका है।
खगडि़या पर बन गई बात
सूत्रों की माने तो काफी ना-नुकुर के बाद अंतत: मुकेश सहनी खगडिय़ा से चुनाव लडऩे को तैयार हो गए हैं। वे दो अप्रैल को यहां से नामांकन कर सकते हैं। हालांकि, दो अन्य सीटें कौन सी होंगी जहां से वीआइपी प्रत्याशी मैदान में होंगे इसे लेकर अब तक संशय की स्थिति बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि वो कौन सी दो सीटें हैं जिन पर सहनी की नाव किनारे पर लगेगी।