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LokSabha Election 2019: जब शहीद रणधीर की सहानुभूति लहर पर सवार प्रो. रीता वर्मा ने रच दिया इतिहास

रणधीर वर्मा की सहानुभूति लहर पर सवार भाजपा ने धनबाद सीट पर ऐसा कब्जा जमाया कि अगले चार चुनाव तक उसे कोई चुनौती नहीं दे पाया। प्रो. वर्मा लगातार यहां से चार बार सांसद चुनी गईं।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 11:28 AM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 11:28 AM (IST)
LokSabha Election 2019: जब शहीद रणधीर की सहानुभूति लहर पर सवार प्रो. रीता वर्मा ने रच दिया इतिहास
LokSabha Election 2019: जब शहीद रणधीर की सहानुभूति लहर पर सवार प्रो. रीता वर्मा ने रच दिया इतिहास

धनबाद, जेएनएन। धनबाद लोकसभा सीट शुरू से ही सुर्खियों में रहा है। 1991 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह तब सुर्खियों में आया जब इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने प्रो. रीता वर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया। रीता वर्मा रांची में प्राध्यापक थीं और इसी वर्ष तीन जनवरी को धनबाद में पदस्थापित उनके पति व धनबाद के तत्कालीन एसपी रणधीर वर्मा खालिस्तानी आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। अपनी कार्यशैली के लिए तो रणधीर धनबाद में लोकप्रिय थे ही वे उम्दा रणजी खिलाड़ी होने के नाते भी युवाओं में लोकप्रिय थे। उनकी शहादत के बाद अंतिम यात्रा के जुलूस में लाखों लोग जुटे थे। शहीद के इस अंतिम यात्रा की भीड़ ने भाजपा नेताओं का ध्यान खींचा और उन्होंने इसका चुनावी लाभ लेने की कोशिशें शुरू कर दी। वे सफल भी हुए और प्रो. वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा। 

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उनके नामांकन का आवेदन करने के साथ ही धनबाद सीट भाजपा के लिए तब के बिहार में सबसे सुरक्षित सीट मानी जाने लगी। हुआ भी ऐसा ही। प्रोफेसर वर्मा ने 1991 के चुनाव में दिग्गज कम्युनिस्ट नेता माक्र्सवादी समन्वय समिति के एके राय को 85 हजार 300 के भारी अंतर से हरा कर इतिहास रच दिया। 1989 के राम लहर में भी पार्टी के हाथ से फिसल गई यह सीट 1991 के चुनाव के बाद से उसके सुरक्षित गढ़ के रूप में तब्दील हो चुकी थी। रणधीर प्रसाद वर्मा की सहानुभूति लहर पर सवार भारतीय जनता पार्टी ने धनबाद सीट पर ऐसा कब्जा जमाया कि अगले चार चुनाव तक उसे कोई चुनौती नहीं दे पाया। प्रो. वर्मा लगातार यहां से चार बार सांसद चुनी गईं। 2004 के चुनाव में कांग्रेस के चंद्रशेखर दुबे ने उन्हें हराया भी तो 2009 में पीएन सिंह की अगुवाई में पार्टी ने पुनर्वापसी कर ली और 2014 के मोदी लहर में तो वे सर्वाधिक मतों से जीतने वाले सांसद कहलाए।

प्रो. रीता वर्मा का चुनावी सफर

1991  रीता वर्मा  257066  एके राय  171766

1996  रीता वर्मा  260042  समरेश सिंह  247746

1998  रीता वर्मा  442590   एके राय  26390

1999  रीता वर्मा  366085   एके राय   351839

2004  चंद्रशेखर दुबे  355499  रीता वर्मा 236121


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