भाजपा का राजस्थान में छंटनी अभियान शुरू, लोकसभा चुनाव में भाजपा एक तिहाई चेहरों को बदलने की तैयारी में
लोकसभा चुनाव में भाजपा की एक तैयारी एक तिहाई चेहरों को बदलने की है। इसके लिए छंटनी अभियान पर काम शुरू कर दिया गया है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। लोकसभा चुनाव में भाजपा की एक तैयारी एक तिहाई चेहरों को बदलने की है। इसके लिए "छंटनी अभियान" पर काम शुरू कर दिया गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 सीटें जीतने वाली भाजपा करीब तीन माह पूर्व संपन्न विधानसभा चुनाव में 1.5 फीसदी वोटों के मामूली अंतर से चुनाव चुनाव हार गई थी। अब मिशन-25 की तैयारियों में जुटी भाजपा राज्य की सभी संसदीय सीटों पर एक बार फिर कब्जा करने की रणनीति के तहत काम कर रही है।
भाजपा आलाकमान द्वारा कई स्तरों पर कराए गए सर्वे और कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर यह सामने आया है कि प्रदेश के मतदातातओं में पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रति तो विश्वास बना हुआ है,लेकिन कुछ सांसदों को लेकर नाराजगी है। मतदाताओं की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा राज्य के 22 सांसदों में से 7 से 8 के टिकट काटने की तैयार कर रही है।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे इतनी बड़ी संख्या में टिकट काटने के पक्ष में नही है। वे 3-4 ऐसे सांसदों के ही टिकट काटने के पक्ष में है जिनसे या तो कार्यकर्ता नाराज है या फिर मतदाताओं के बीच चुनाव जीतने के बाद कभी गए ही नहीं।
इन सांसदों के टिकटों पर तलवार
भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी नेतृत्व सर्वे और फीड़बैक के आधार पर बाड़मेर के सांसद कर्नल सोनाराम,जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल,नागौर सांसद और केन्द्रीय मंत्री सी.आर.चौधरी,झुंझुंनू सांसद संतोष अहलावत,सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती,बांसवाड़ा सांसद मानशंकर निनामा एवं करौली-धौलपुर सांसद डॉ.मनोज राजोरिया के टिकट काटे जाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
वसुंधरा राजे इनमें से सी.आर.चौधरी,डॉ.मनोज राजोरिया एवं कर्नल सोनाराम को फिर से टिकट दिए जाने के पक्ष में है। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा को लेकर फिलहाल असमंजस के हालात है। वसुंधरा राजे,पार्टी का प्रदेश नेतृत्व और आरएसएस की प्रदेश इकाई बोहरा को फिर से टिकट दिए जाने के पक्ष में है,लेकिन केन्द्र के कुछ नेता उनके स्थान पर जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी को चुनाव लड़ाना चाहते है।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य की सभी 25 सीटों पर चुनाव जीती थी,लेकिन इनमें से अजमेर और अलवर सांसदों की मौत के कारण उप चुनाव हुए तो इन दोनों सीटों पर कांग्रेस जीत गई । वहीं विधनसभा चुनाव में दौसा सांसद हरीश मीणा भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। इस प्रकार भाजपा के वर्तमान में 22 सांसद है।