हरियाणा में गठबंधन के मूड में नहीं भाजपा, दूसरे दल अब भी कोशिशों में हैं जुटे
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है और सभी दलों में हलचल बढ़ गई है। इस चुनाव में भाजपा किसी दल से गठजोड़ के मूड में नहीं है दूसरी ओर विपक्षी दलों में गठबंधन की कोशिशें जारी हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों में हलचल जेत हो गई है। भाजपा इस चुनाव में किसी दल से गठजोड़ के मूड में नहीं दिख रही है। दूसरी ओर, विपक्षी दलों में गठबंधन के लिए कोशिशें अब भी जारी है। भाजपा फिलहाल गठबंधन की राजनीति पर हावी दिख रही है।
अतीत में चौ. बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी, ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो और भजनलाल की जनहित कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन कर चुकी भाजपा मान रही है कि उसे अब किसी बैसाखी की जरूरत नहीं है। राजनीतिक पींगें बढ़ाने की कोशिश कर रहे दलों को भाजपा ने जहां नए रिश्ते बनाने से साफ इन्कार कर दिया, वहीं इन दलों में अपने ढंग से सेंधमारी की कोशिश बढ़ा दी हैं। भाजपा बूते प्रमुख विपक्षी दल इनेलो और कांग्रेस में सेंधमारी के साथ-साथ आजाद विधायकों को पार्टी के साथ जोडऩे की कोशिश में है।
बंसीलाल, चौटाला और भजनलाल के दलों से गठबंधन का अनुभव ले चुकी भाजपा अब नहीं बनाएगी नए रिश्ते
2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा बंसीलाल और फिर ओमप्रकाश चौटाला के साथ गठबंधन कर सत्ता में आई। पिछले लोकसभा चुनाव में भजनलाल और कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्र्रेस से भी भाजपा का गठबंधन हुआ, लेकिन कुलदीप बिश्नोई के अपने हिस्से की हिसार और सिरसा लोकसभा सीटें हार जाने के बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस पार्टी से गठबंधन तोड़ दिया। अब भाजपा अपने बूते ही लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में है।
आप व जेजेपी के प्रयास अब तक नहीं चढ़े सिरे, अभय-दुष्यंत-केजरी-विनोद और कांडा नए अवसरों की तलाश में
देश में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हवा चल रही और प्रदेश में विपक्ष बिखरा हुआ है, उसके मद्देनजर हर कोई भाजपा के साथ जुडऩे की चाहत पाल रहा है। राज्य का प्रमुख विपक्षी दल इनेलो दो फाड़ हो चुका है। इनेलो की कोख से पैदा हुई जननायक जनता पार्टी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की कोशिशें सीटों के बंटवारे पर अधर में लटक गई।
सूत्र बताते हैैं कि अब जननायक जनता पार्टी इस प्रयास में है कि भाजपा के साथ बात बन जाए। ऐसी ही कोशिश इनेलो खेमे की ओर से किए जाने की जानकारी मिली है। पिछले दिनों इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा की मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ दिल्ली के हरियाणा भवन में हुई शिष्टाचार मुलाकात को भी इसी प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा की रोहतक में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश प्रभारी डा. अनिल जैन ने साफ कर दिया कि उन्हें किसी दल से गठजोड़ की जरूरत नहीं है।
हरियाणा में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की जनशक्ति पार्टी और पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी को भी अभी तक कोई ठोर-ठिकाना नहीं मिल रहा है। विनोद शर्मा भाजपा से टिकट पाने की कोशिश में हैैं, जबकि गोपाल कांडा भी इसी तरह के प्रयासों में विफल रहने के बाद अब दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के संपर्क में आ गए हैैं। विनोद शर्मा की पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से भी कांग्रेस में वापसी के लिए नजदीकियां बढ़ रही हैैं। ऐसे में प्रदेश का मौजूदा राजनीतिक माहौल भाजपा को खासा रास आ रहा है।
राजकुमार सैनी और मायावती के गठजोड़ से चिंतित भाजपा
हरियाणा में इनेलो व बसपा के बीच गठजोड़ टूटने के बाद अब कुरुक्षेत्र के बागी भाजपा सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी और बसपा के बीच नए राजनीतिक रिश्ते कायम हुए हैैं। सैनी पिछड़ों की और मायावती दलितों की राजनीति करते हैैं। यह गठजोड़ जरूर भाजपा के लिए चिंता बढ़ाने वाला है, लेकिन जींद उपचुनाव में जिस तरह से भाजपा ने जाटलैैंड में बरसों बाद कमल खिलाया है, उससे भाजपा के हौसले बढ़े हुए हैैं।