Loksabha Election 2019 : भाजपा ने कानपुर से सत्यदेव पचौरी और अकबरपुर से देवेंद्र सिंह भोले को मैदान में उतारा
आलाकमान ने डा. मुरली मनोहर जोशी का टिकट काटकर एमएसएमई मंत्री को मौका अकबरपुर में सांसद भोले पर फिर जताया भरोसा।
By AbhishekEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 07:30 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 12:15 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी ने कानपुर संसदीय सीट से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी का टिकट काट दिया है। उनके स्थान पर पार्टी ने प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी को टिकट दिया है। पचौरी अभी गोविंद नगर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसके साथ ही अकबरपुर सीट से सांसद देवेंद्र सिंह भोले को पार्टी ने दोबारा मौका दिया है।
2004 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सत्यदेव पचौरी को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। तब कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीप्रकाश जायसवाल ने 2,11,109 वोट पाकर पचौरी को हराया था। तब पचौरी को 205, 471 वोट मिले थे। 2009 में पार्टी ने पचौरी को मौका नहीं दिया। उनके बदले में सतीश महाना मैदान में उतरे लेकिन श्रीप्रकाश जायसवाल से उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। 2014 के चुनाव में मोदी लहर ने काम किया और वाराणसी संसदीय सीट छोड़कर आए सांसद मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को सांसद बनने से रोक दिया। इस चुनाव में श्रीप्रकाश करीब 2.22 लाख वोटों से हारे थे।
यहां बताना जरूरी है कि छह बार के लोकसभा सदस्य रह चुके डॉ जोशी पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में अल्मोड़ा से सांसद चुने गए थे। 1996, 1998 व 1999 इलाहाबाद से बीजेपी के टिकट पर सांसद बने। 2009 में वाराणसी क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया। फिर, 2014 में औद्योगिक नगरी कानपुर आए तो यहां जीते। बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने उनसे मुलाकात कर चुनाव न लडऩे का आग्रह किया था। इसी के बाद ही यह तय हो गया था कि अब कानपुर सीट पर कोई नया उम्मीदवार मैदान में होगा।
इसी तरह अकबरपुर संसदीय सीट पर 2014 में देवेंद्र सिंह भोले बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे। भोले ने इस चुनाव में 481584 वोट पाकर बसपा के अनिल शुक्ल वारसी को हराया था। इस चुनाव में वारसी को 202587 वोट मिले थे। बसपा से पूर्व सांसद रहे वारसी अब भाजपा में हैं और वे पार्टी टिकट की दावेदारी कर रहे थे।
2004 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सत्यदेव पचौरी को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। तब कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीप्रकाश जायसवाल ने 2,11,109 वोट पाकर पचौरी को हराया था। तब पचौरी को 205, 471 वोट मिले थे। 2009 में पार्टी ने पचौरी को मौका नहीं दिया। उनके बदले में सतीश महाना मैदान में उतरे लेकिन श्रीप्रकाश जायसवाल से उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। 2014 के चुनाव में मोदी लहर ने काम किया और वाराणसी संसदीय सीट छोड़कर आए सांसद मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को सांसद बनने से रोक दिया। इस चुनाव में श्रीप्रकाश करीब 2.22 लाख वोटों से हारे थे।
यहां बताना जरूरी है कि छह बार के लोकसभा सदस्य रह चुके डॉ जोशी पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में अल्मोड़ा से सांसद चुने गए थे। 1996, 1998 व 1999 इलाहाबाद से बीजेपी के टिकट पर सांसद बने। 2009 में वाराणसी क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया। फिर, 2014 में औद्योगिक नगरी कानपुर आए तो यहां जीते। बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने उनसे मुलाकात कर चुनाव न लडऩे का आग्रह किया था। इसी के बाद ही यह तय हो गया था कि अब कानपुर सीट पर कोई नया उम्मीदवार मैदान में होगा।
इसी तरह अकबरपुर संसदीय सीट पर 2014 में देवेंद्र सिंह भोले बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे। भोले ने इस चुनाव में 481584 वोट पाकर बसपा के अनिल शुक्ल वारसी को हराया था। इस चुनाव में वारसी को 202587 वोट मिले थे। बसपा से पूर्व सांसद रहे वारसी अब भाजपा में हैं और वे पार्टी टिकट की दावेदारी कर रहे थे।
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