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Lok Sabha Election 2019: भाजपा ने की इन तीन सीटों को फिर से हथियाने की तैयारी

Lok Sabha Election 2019. लोहरदगा चतरा और पलामू पर 2014 के चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी। भाजपा ने तीनों पर पुन विश्वास जताते हुए इन्हें फिर से मैदान में उतारा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 27 Apr 2019 06:40 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 06:50 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: भाजपा ने की इन तीन सीटों को फिर से हथियाने की तैयारी
Lok Sabha Election 2019: भाजपा ने की इन तीन सीटों को फिर से हथियाने की तैयारी

रांची, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019  लोकसभा चुनाव 2019 के लिए देश में तीन दौर का मतदान हो चुका है लेकिन झारखंड में इस लोकसभा चुनाव के लिए 29 अप्रैल को चौथे चरण में पहली बार वोट पड़ेंगे। इस तिथि को तीन सीटों लोहरदगा, चतरा और पलामू पर चुनाव होने हैं। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी। लोहरदगा से सुदर्शन भगत, पलामू से वीडी राम और चतरा से सुनील कुमार सिंह चुनाव जीते थे।

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भाजपा ने तीनों पर विश्वास जताते हुए इन्हें फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। लोहरदगा और पलामू में भाजपा व महागठबंधन की सीधी लड़ाई है। लोहरदगा में केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत ने पिछली बार कांटे की लड़ाई जीती थी। महज छह हजार वोटों से वह कांग्रेस के रामेश्वर उरांव को हराकर संसद पहुंचे थे। सुदर्शन इस बार भी फंसे हुए हैं। कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बदला है और विधायक सुखदेव भगत को मैदान में उतारा है।

आदिवासी बहुल इस इलाके में लोकसभा सीट की पांचों विधानसभा सीट एसटी के लिए सुरक्षित है। ईसाइयों व मुसलमानों की भी यहां अच्छी-खासी आबादी है। इसी वोट बैंक के दम पर कांग्रेस भाजपा को चुनौती दे रही है। भाजपा को भी पता है कि यहां लड़ाई आसान नहीं, इसलिए उसने सुदर्शन के समर्थन में अपने ब्रह्मास्त्र नरेंद्र मोदी की यहां सभा कराई। पलामू की बात करें तो यहां वीडी राम का सीधा मुकाबला राजद के घूरन राम से है।

भुइयां वोटरों की अच्छी संख्या के बूते पूर्व मंत्री दुलाइ भुइयां की पत्नी अंजना भुइयां बसपा के टिकट पर ताल ठोंक रही हैं। चतरा में मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां महागठबंधन की आपसी सहमति नहीं बनी और राजद से सुभाष यादव व कांग्रेस के मनोज यादव दोनों मैदान में हैं। भाजपा के सुनील कुमार सिंह इनसे लोहा ले रहे हैं। मुकाबला त्रिकोणीय है।

चूंकि महागठबंधन के दोनों प्रत्याशी यादव जाति से आते हैं, ऐसे में माय समीकरण दरकने का लाभ सुनील सिंह को मिलता दिख रहा है। प्रचार की बात करें तो भाजपा ने तीनों सीटों को फिर से जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। मोदी के अलावा राजनाथ सिंह झारखंड में सभा कर चुके हैं। 27 को अमित शाह आने वाले हैं।

वहीं, महागठबंधन थोड़ा पिछड़ा हुआ है। यहां राहुल और प्रियंका गांधी के प्रचार की मांग है लेकिन पहले दौर के चुनाव के लिए वे नहीं आए। राजद के लिए तेजस्वी ने दो सभाएं की हैं। भाजपा के लिए सुकून यह है कि तीनों सीटों पर प्रत्याशी नहीं, मोदी ही चुनावी चेहरा हैं।


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