इलेक्शन 2019: भाजपा प्रत्याशी तीरथ बोले, खंडूड़ी पर संदेह करना खुद पर संदेह
लोकसभा का चुनाव लड़ रहे तीरथ को पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा सांसद जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी का शिष्य माना जाता है। उनका दावा है कि जनरल खंडूड़ी का आशीर्वाद उनके साथ है।
पौड़ी, जेएनएन। लोकसभा की पौड़ी गढ़वाल सीट से भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत चुनाव मैदान में हैं। उप्र में एमएलसी और उत्तराखंड बनने के बाद अंतरिम सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री रहे तीरथ चौबट्टाखाल से विधायक रहे हैं। पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे तीरथ को पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा सांसद जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी का शिष्य माना जाता है। उनका दावा है कि जनरल खंडूड़ी का आशीर्वाद उनके साथ है।
वह भाजपा के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और उन पर संदेह करना खुद पर संदेह करना है। दैनिक जागरण ने तीरथ सिंह रावत को सवालों कठघरे में खड़ा किया। पेश है उनसे बातचीत के मुख्य अंश-
सवाल: विस चुनाव में आपका टिकट काट दिया गया था। अब आपको लोस का टिकट दिया है। इसे किस रूप में देखते हैं।
जवाब: पार्टी का समर्पित सिपाही हूं। पार्टी की सहमति से जो भी जिम्मेदारी मिलती है, उसका पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन किया। कहीं किसी भी तरह का विरोधाभाष नहीं है।
सवाल: आपके राजनीतिक गुरु पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूडी आपके चुनाव प्रचार में क्यों नहीं आ रहे, कोई अपील भी जारी नहीं की। ऐसा क्यों, क्या उनका आशीर्वाद आपके साथ है।
जवाब: जनरल खंडूड़ी की सहमति से ही मुझे लोकसभा टिकट मिला है। टिकट मिलते ही सबसे पहले उनका फोन आया और उन्होंने विजय का आशीष दिया। उनका आशीर्वाद सदैव मिलता रहा है। सवाल चुनाव प्रचार का है तो सभी को यह जानकारी है कि जनरल खंडूड़ी तीन साल से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, इसी वजह से वह जनता के बीच नहीं आ पा रहे।
सवाल: कहीं ऐसा तो नहीं कि जनरल खंडूडी का पुत्रमोह उन्हें ऐसा करने से रोक रहा हो।
जवाब: मैंने आपको स्पष्ट तो किया कि बीमारी के कारण जनरल खंडूड़ी चुनाव प्रचार में नहीं आ पा रहे हैं। खंडूड़ी पार्टी के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। उन पर संदेह किया जाना खुद पर संदेह करना है।
सवाल: आप मानते हैं कि भाजपा में भी खेमेबंदी है, इससे कैसे पार पाएंगे। राज्य सरकार के मुखिया को भी आपका विरोधी भी माना जाता है।
जवाब : मैंने कई चुनावों में चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी निभाई है। पहली बार लगा कि कहीं कार्यकर्ताओं में किसी तरह का कोई अंतद्र्वंद्व नहीं है। यूं भी चुनाव देशहित और विकास के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है। पूरे देश में राष्ट्रवाद की लहर चल रही है और आमजन विकास और देशहित के लिए भाजपा के साथ है।
सवाल: आप राज्यमंत्री और फिर विधायक रहे। आपकी सक्रियता चौबटटाखाल क्षेत्र में अधिक रही। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप चुनाव लडऩे के इच्छुक न रहें हों, मगर पार्टी का आदेश मिलने के बाद चुनाव लड़ रहे हैं।
जवाब: देखिये, मुझे कभी पद की लालसा नहीं रही। पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी, उन्हें भलीभांति पूर्ण कर पाऊं यही मेरा प्रयास रहा। अब पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है तो पार्टी को निराश नहीं करूंगा।
सवाल: अपनी तीन बड़ी उपलब्धियां बताएं, जो इस चुनाव में आपका वोटबैंक बढाने में मददगार साबित हो सकें।
जवाब: छात्र राजनीति से जुड़े रहने के कारण मेरा फोकस शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन रहा है। शिक्षा मंत्री रहते हुए हिमाचल पैटर्न पर शिक्षा के लिए कानून बनाया। स्कूलों की दशा सुधारी और सबको साथ लेकर चलने के फार्मूले पर कार्य किया है।
सवाल: सांसद खंडूडी लंबे समय से क्षेत्र में नहीं नहीं आ पाए। इसे लेकर लोगों के सवालों का सामना किस तरह कर रहे हैं।
जवाब: गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति को पता है कि जनरल खंडूड़ी का स्वास्थ्य खराब है। ऐसे में सवाल उठने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
सवाल: चुनाव में जनता आपको ही क्यों वोट दे, इसके लिए आपके तीन आधार क्या हैं।
जवाब: पहाड़ में पलायन रोकने के लिए यहां कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करना मेरे साथ ही भाजपा की प्राथमिकता है।
सवाल: आपके मुद्दे और वायदे क्या हैं। इनके निदान को रोडमैप क्या होगा।
जवाब: जैसा कि मैंने आपको बताया कि पहाड़ से पलायन रोकने के साथ ही कृषि, बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास मेरे मुद्दे हैं। इसके लिए हिमालयी राज्यों के आमूलचूल विकास और रोजगार सृजन के लिए मौजूदा बजट को बढ़ाने पर पूरा जोर रहेगा।
सवाल: प्रदेश सरकार के ऐसे कौन से कार्य हैं, जिनके आधार पर भी आप वोट मांग रहे हैं।
जवाब: केंद्र व प्रदेश सरकार ने जिस तरह समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण को योजनाएं शुरू की हैं, उन्हीं के आधार पर मतदाताओं के बीच पहुंच रहा हूं। मतदाता भी केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं की सराहना कर रहे हैं।
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