सड़क से लेकर पहाड़ की पगडंडियों तक बहाया भाजपा प्रत्याशी ने पसीना
देश के अंतिम गांव माणा से शुरू होकर तराई क्षेत्र के रामनगर कोटद्वार तक फैली पौड़ी सीट पर प्रचार को प्रत्याशियों को पसीना खूब बहाना पड़ रहा है।
पौड़ी, गणोश काला। देश के अंतिम गांव माणा से शुरू होकर तराई क्षेत्र के रामनगर, कोटद्वार तक फैली पौड़ी सीट पर प्रचार को प्रत्याशियों को पसीना खूब बहाना पड़ रहा है। भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत भी सुबह से लेकर शाम तक चुनावी सभाओं, जनसंपर्क के जरिये चुनाव प्रचार को धार देने में जुटे हैं।
जागरण ने एक दिन उनके साथ बिताया। इस दौरान रावत ने सतपुली से लेकर कल्जीखाल और चौबट्टाखाल से पोखड़ा तक के भ्रमण के दरम्यान कुलदेवता के साथ ही बड़े-बुजुर्गों का आशीष लिया तो युवाओं को रिझाने का प्रयास किया।
चाय की चुस्की संग चुनावी चर्चा
सतपुली स्थित तीरथ सिंह रावत का आवास। सुबह के पांच बजे हैं और तीरथ दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद चाय पी रहे हैं। साथ ही दिन के भ्रमण कार्यक्रम पर चर्चा करते हैं। सात बजे स्नान के बाद आधा घंटा पूजा पाठ किया। आठ बजे वह नाश्ते की टेबल पर पहुंचे। नाश्ते में दलिया, हरी भाजी और दो रोटी ली। तभी पौड़ी के विधायक मुकेश कोली, मंडल अध्यक्ष अनिल नेगी आदि उनके आवास पर पहुंचे। दस बजे तक उनसे मंत्रणा।
विपक्ष के पास नहीं कोई मुद्दा
दस बजे कल्जीखाल के लिए प्रस्थान करते हैं। बात चुनाव की चली तो रावत बोले, हम सभी सीटें जीत रहे हैं। देशभर की भांति यहां भी भाजपा के पक्ष में माहौल बना है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। बातों ही बातों में बिलखेत पहुंचने में कब 15 मिनट बीत गए पता ही नहीं चला। बिलखेत में कार्यकर्ताओं ने ढोल की थाप पर उनकी अगवानी की। इसके बाद बनेख होते हुए साढ़े दस बजे घंडियाल में जनसंपर्क किया।
सीएम की सभा और फिर भ्रमण
सवा दो बजे से लेकर पौने तीन बजे तक सतपुली में सीएम त्रिवेंद्र रावत की सभा में तीरथ मौजूद रहे और फिर करीब एक घंटे अपने आवास पर आराम किया। अब पौने चार बजे हैं और तीरथ सतपुली से भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पुष्कर जोशी, महामंत्री नीरज पांथरी, मंडल अध्यक्ष रमेश भट्ट आदि के साथ चौबट्टाखाल के लिए निकल रहे हैं।
उन्होंने श्रीकोटखाल, एकेश्वर में लोगों से संपर्क साधा और फिर नौगांवखाल पहुंचकर एक दुकान में चाय पी। अगला पड़ाव था चौबट्टाखाल, जहां पूर्व प्रमुख सोबन सिंह समेत काफी कार्यकर्ता उनका इंतजार कर रहे थे।
पुराने भाजपाई के घर में रात्रि विश्राम
पोखड़ा में वह पुराने भाजपाई पुष्कर जोशी के घर पर रुके। वहां चाय के दौरान पार्टीजनों से दिनभर का फीडबैक लिया। फिर अगले दिन की रणनीति भी बनाई। अब रात के नौ बजे भोजन के वक्त मोबाइल की घंटी भी बजने लगी।
सीरों में था जश्न का माहौल
दोपहर साढ़े बारह बजे रावत अपने पैतृक गांव सीरों पहुंचते हैं। गांव में जश्न जैसा माहौल था। अपने लाडले के गांव पहुंचने पर बड़े-बुजुर्गों से लेकर युवा उन्हें ढोल की थाप, पुष्पवर्षा व नारेबाजी के साथ आंगन तक ले गए। तीरथ ने कुलदेवता के मंदिर में मत्था टेका। बुजुर्गों का आशीष लिया। घर पहुंचकर बड़े भाई जसवंत सिंह व भाभी सतेश्वरी देवी के चरणस्पर्श किए। तदुपरांत दाल-भात खाकर बाहर निकले और फिर जीत के बाद गांव में मंडाण लगाने का वादा कर बुजुर्गों के पैर छूकर दोपहर एक बजे गांव से विदा ली।
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