Lok Sabha Election 2019: राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नहीं लड़ना चाहते लोकसभा चुनाव
Election 2019 राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और सत्ता से बेदखल हुई भाजपा के दिग्गज नेता अपने- अपने राष्ट्रीय नेतृत्व की इच्छा के बावजूद लोकसभा के चुनाव मैदान में नहीं उतरना चाहते है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और करीब 90 दिन पूर्व सत्ता से बेदखल हुई भाजपा के दिग्गज नेता अपने- अपने राष्ट्रीय नेतृत्व की इच्छा के बावजूद लोकसभा के चुनाव मैदान में नहीं उतरना चाहते है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे,अशोक गहलोत सरकार के केबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया,लालचंद कटारिया,महेश जोशी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नरेन्द्र बुडानिया शामिल है। हालांकि विधानसभा चुनाव में हारने वाले कांग्रेस और भाजपा के कुछ नेता लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते है,लेकिन इन्हे चुनावी मैदान में उतारने में पार्टी नेतृत्व दिलचस्पी नहीं ले रहा है।
वसुंधरा राजे नहीं छोड़ना चाहती राजस्थान
पूर्व मुख्यमंत्री और हाल ही में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाई गई वसुंधरा राजे राजस्थान की राजनीति से दूर नहीं होना चाहती है,जबकि पार्टी नेतृत्व उन्हे झालावाड़-बांरा संसदीय सीट से चुनाव लड़ाना चाहता है। इस सीट से वर्तमान में वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद है। विधानसभा चुनाव के बाद से ही राष्ट्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे को दिल्ली में सक्रिय करना चाहता है,लेकिन वे राजस्थान की राजनीति छोड़ने को तैयार नहीं है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी और वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते है। पार्टी का एक वर्ग सैनी को झुंझुंनू और राठौड़ को नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ाने के पक्ष में है ।
गहलोत सरकार के मंत्रियों ने किया किनारा
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में जयपुर शहर संसदीय सीट से महेश जोशी,जयपुर ग्रामीण सीट से लालचंद कटारिया,झालावाड़-बांरा सीट से प्रमोद जैन भाया,दौसा सीट से परसादी लाल मीणा और चूरू से नरेन्द्र बुड़ानिया को चुनाव लड़ाने को लेकर चर्चा हुई। ये सभी गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,उप मुख्यमंत्री एवं पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट ने इन मंत्रियों को बुलाकर बात की,लेकिन ये सभी लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हो रहे है।
गहलोत सरकार में कटारिया कृषि मंत्री है,वहीं प्रमोद जैन भाया खान मंत्री,मीणा उधोग मंत्री और जोशी विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक है। इन नेताओं की अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ को देखते हुए पार्टी नेतृत्व इन्हे चुनाव मैदान में उतारने को लेकर दबाव बना रहा है,लेकिन मीणा तो अपने बेटे कमल मीणा एवं वहीं प्रमोद जैन भाया अपनी पत्नी उर्मिला जैन को झालावाड़-बारां,महेश जोशी अपने पुत्र रोहित जोश को जयपुर सीट से चुनाव लड़ाने को लेकर लॉबिंग कर रहे है। गहलोत सरकार के मंत्रियों का भय है कि यदि वे चुनाव जीते तो वैसे ही मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और अगर हार गए तो विरोधी उन्हे मंत्रिमंडल से हटाने को लेकर सक्रिय हो जाएंगे। अविनाश पांडे का कहना है कि जीतने योग्य व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा चाहे वह वर्तमान में किसी भी पद पर काम कर रहा हो।