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भाजपा का घोषणा पत्र : राम मंदिर पर दोहराया रुख, सबरीमाला की आस्‍था बरकरार रखने का भी 'संकल्‍प'

BJP Manifesto घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर अपने पुराने रुख को दोहराया है। वहीं दूसरी ओर निर्मल गंगा और सबरीमाला की आस्‍था बरकरार रखने का भी संकल्‍प लिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 01:57 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 04:04 PM (IST)
भाजपा का घोषणा पत्र : राम मंदिर पर दोहराया रुख, सबरीमाला की आस्‍था बरकरार रखने का भी 'संकल्‍प'
भाजपा का घोषणा पत्र : राम मंदिर पर दोहराया रुख, सबरीमाला की आस्‍था बरकरार रखने का भी 'संकल्‍प'

नई दिल्‍ली, एजेंसी। भाजपा ने सोमवार को जारी अपने घोषणा पत्र में अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर निर्माण को लेकर अपने पुराने रुख को दोहराया है। इसके साथ ही पार्टी ने गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा नदी के निर्मल प्रवाह के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। वहीं सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आस्‍था के विषय को रखने का संकल्‍प भी लिया है।

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राम मंदिर निर्माण पर पुराना रुख
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि पार्टी अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर निर्माण को लेकर अपना रुख दोहराती है। हालांकि, भाजपा ने संविधान के दायरे में रहकर ही मंदिर निर्माण के लिए सभी संभावनाएं तलाशने और इसके लिए सभी जरूरी कोशिशें करने की बात कही है। बता दें कि इस साल संसद सत्र से पहले संतों एवं कुछ संगठनों ने राम मंदिर निर्माण के लिए अध्‍यादेश लाए जाने की बात कही थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल के शुरुआत में ही एएनआई को दिए साक्षात्‍कार में साफ कर दिया था कि राम मंदिर पर अध्यादेश लाने का कोई भी फैसला न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा और केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए हरसंभव प्रयास करने को तैयार हैं।  

सबरीमाला की आस्‍था बरकरार रखने का संकल्‍प
भाजपा ने अपने संकल्‍प पत्र में कहा है कि पार्टी पूरी कोशिश करेगी कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सबरीमाला मंदिर की आस्‍था, परंपरा और पूजा पद्धति का पूरा विषय रखा जाए। पार्टी ने कहा है कि हमारी पूरी कोशिश होगी कि आस्‍था और विश्‍वास से जुड़े विषयों को सांविधानिक संरक्षण मिले। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने  28 सितंबर 2018 को भगवान अयप्पा के सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी। तभी से इस फैसले को लागू कराने के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इतना ही नहीं मौजूदा वक्‍त में यह मसला एक चुनावी मुद्दा बन गया है। 

गंगा का अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने का वादा
भाजपा ने संकल्‍प पत्र में कहा है कि वह गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा नदी का निर्मल और अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी सरकार में आने पर सुनिश्चित करेगी कि गंगा के किनारे बसे नगरों में सीवेज सिस्‍टम 100 फीसदी प्रभावी तरीके से काम करे। यही नहीं गंगा के किनारे के गांवों को एक परियोजना में शामिल करते हुए उनके ठोस एवं तरल कचरे का संपूर्ण प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। बता दें कि निर्मल गंगा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पिछले लोकसभा चुनाव से ही काफी सक्रिय रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने कहा था कि न मुझे किसी ने भेजा है और न मैं यहां आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है। तबसे यह बयान काफी सुर्खियों में रहा है। 

समान नागरिक संहिता पर किया यह वादा
भाजपा ने कहा है कि भारत के संविधान में समान नागरिक संहिता का जिक्र राज्‍य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के रूप में की गई है। भाजपा का मानना है कि जब तक भारत में समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता है तब तक लैंगिक समानता कायम नहीं हो सकती है। समान नागरिक संहिता सभी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है। भाजपा ने कहा है कि वह सर्वश्रेष्‍ठ परंपराओं से प्रेरित समान नागरिक संहिता बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। 


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