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बीजद सांसद तथागत सत्पथी ने की राजनीति से सन्यास की घोषणा: कहा नहीं लड़ूंगा 2019 में चुनाव

बीजद से निकाले गए पूर्व सांसद बैजयंत पंडा ने भाजपा का दामन थाम लिया है तो बीजद के सांसद तथागत सत्पथी ने राजनीति से सन्यास की घोषणा करके बीजद की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 02:51 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 02:51 PM (IST)
बीजद सांसद तथागत सत्पथी ने की राजनीति से सन्यास की घोषणा: कहा नहीं लड़ूंगा 2019 में चुनाव
बीजद सांसद तथागत सत्पथी ने की राजनीति से सन्यास की घोषणा: कहा नहीं लड़ूंगा 2019 में चुनाव

भुवनेश्वर, जेएनएन। आगामी आम चुनाव की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है, ओड़िशा की राजनीति में राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदल रहे है। एक दिन पहले ही जहां बीजद से निकाले गए पूर्व सांसद बैजयंत पंडा ने भाजपा का दामन थाम लिया है तो वहीं दूसरी तरफ बीजद के ही दिग्गज नेताओं में से एक रहने वाले बीजद के सांसद तथागत सत्पथी ने राजनीति से सन्यास की घोषणा करके बीजू जनता दल की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में अब दल के अध्यक्ष ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने केंद्रपाड़ा और ढेंकानाल प्रत्याशियों के नाम पर नये सिरे से विचार कर रहे हैं।

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वर्ष 2014 के चुनाव में बीजेडी के चुनाव चिन्ह शंख पर ढेंकानाल संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सांसद तथागत सत्पथी ने राजनीति से तौबा कर ली। उन्होंने आगामी चुनाव न लड़ने की घोषणा की और साथ ही यह भी कहा कि वह किसी भी दल की राजनीति भी नहीं करेंगे। इसे सांसद तथागत सत्पथी का राजनीति से सन्यास माना जा रहा है। सत्पथी का कहना है कि वह राजनीति से सन्यास लेने के अपने फैसले की जानकारी शीघ्र ही बीजेडी अध्यक्ष मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को देंगे।

ओडिशा से प्रकाशित एक ओडिया और अंग्रेजी अखबार के मालिक/संपादक हैं। उनका कहना है कि नवीन पटनायक ने राजनीति में मुझे स्थापित करने में बहुत मदद की है। मैं अपने पुराने व्यवसाय पत्रकारिता में वापस लौट रहा हूं। वरिष्ठ बीजेडी नेता तथागत सत्पथी तीन बार सांसद व एक बार एमएलए रह चुके हैं। तथागत सत्पथी पूर्व मुख्यमंत्री नंदिनी सत्पथी के पुत्र हैं। वह तीन बार बीजेडी की टिकट पर सांसद रहे हैं। एक बार जनता दल के टिकट पर एमएलए चुने जा चुके हैं। एक टीबी चैनल से बात करते हुए सांसद शतपथी ने कहा कि मैंने किसी के दबाव में आकर यह फैसला नहीं लियाैह। मेरा बेटे ने कहा था चुनाव मत लड़िए, पत्रकारिता करिए। ओड़िशा में निष्पक्ष एवं निर्भिक पत्रकारिता की कमी है। मैं निरपेक्ष एवं निर्भिक पत्रकारिता करने का प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने किसी के दबाव में नहीं बल्कि अपनी मर्जी से एवं खुशी से राजनीतिक छोड़ी है।


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