Lok Sabha Election 2019 : बिहार के सांसद ने मंच पर ऐसा क्या कह दिया कि लगने लगे ठहाके
1999 में फूलपुर संसदीय क्षेत्र में हुए चुनाव के दौरान एक चुनाव रैली में प्रचार का रंग निराला दिखा था। मंच पर बिहार के सांसद हरि किशोर ने माइक से लोगों को हंसाने पर विवश कर दिया।
राजकुमार श्रीवास्तव, प्रयागराज : बात दो दशक पुरानी है। फूलपुर संसदीय क्षेत्र के सहसों बाजार में चुनावी सभा हो रही थी। उस सभा में मुख्य वक्ता के रूप में बिहार से आए दिग्गज नेता ने अन्य वक्ताओं से साफ कह दिया कि वह मंच से नीचे उतर जाएं। ऐसा न हो कि नारा लगाने पर तख्त ही टूट जाए। इस पर जमकर ठहाके लगे। बहरहाल, वक्ताओं के उतरने पर संबोधन शुरू हुआ।
बात 1999 के लोकसभा चुनाव की है
वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी की तरफ से धर्मराज पटेल, भाजपा से बेनी माधव बिंद और अपना दल की तरफ से सोनेलाल पटेल मैदान में थे। सपा प्रत्याशी के समर्थन में सोरांव चौराहे पर सभा हुई। इसमें दिग्गज समाजवादी नेता रघु ठाकुर और बिहार के दिग्गज नेता एवं तीन बार सांसद रहे हरि किशोर तिवारी मौजूद थे। इमरजेंसी में रघु ठाकुर करीब ढाई साल जेल में भी रहे थे, इसलिए उनका बड़ा नाम था। सहसों की सभा आनन फानन में तय हुई। दरअसल दोनों नेता (रघु ठाकुर व हरिकिशोर तिवारी) इलाहाबाद (अब प्रयागराज) आए तो सहसों निवासी बड़े कारोबारी प्रेमचंद्र जायसवाल, जो इमरजेंसी में रघु के साथ जेल में बंद थे, सर्किट हाउस में उनसे मिलने पहुंचे और कहा कि उनकी एक सभा वह सहसों चौराहा पर भी कराएंगे।
...और हंसते-हंसते लोग हो गए लोटपोट
शाम चार बजे सहसों में सभा तय हुई। हरि किशोर सोरांव की सभा में गए और रघु सहसों के लिए निकले। इधर हरि किशोर की सभा शाम करीब साढ़े छह बजे समाप्त हुई तो उनका काफिला सहसों के लिए निकल पड़ा। काफिला जब सहसों चौराहा पर पहुंचा तो रघु ठाकुर जोशीले अंदाज में धर्मराज पटेल को जिताने की अपील कर रहे थे। हरि किशोर के मंच पर पहुंचने से पहले रघु ने नारा लगवाना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो गए।
दिग्गज नेता हरि किशोर माइक पर बोले, यहां चार ही तख्त लगे हैं
दरअसल हरि किशोर ने मंच पर पहुंचते ही सभा के संचालक प्रेमचंद्र जायसवाल से माइक ले लिया और बोले मंच पर चार तख्त लगे हैं। इसलिए जो लोग भाषण दे चुके हैं, नीचे चले जाएं कहीं ऐसा न हो कि उनके नारा लगाने से तख्त ही टूट जाएं और वह बिहार ना जा सकें। हरिकिशोर की इस बात पर कुछ देर तक तक हंसी के फव्वारे छूटे। इस चुनाव में धर्मराज करीब दो लाख पांच हजार वोट पाकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। भाजपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे।