LokSabha Election 2019: बाबूलाल को चित करने के लिए मैडम को जीतना होगा भाजपाइयों का दिल
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के पांच विधायक हैं। कोडरमा से नीरा यादव बरकट्ठा से जानकी यादव बगोदर से नागेंद्र महतो जमुआ के केदार हाजरा एवं गांडेय से जयप्रकाश वर्मा।
गिरिडीह, दिलीप सिन्हा। अन्नपूर्णा देवी। ढाई दशक तक उनकी पहचान लालू परिवार की करीबी राजनेता की रही है। बिहार का बंटवारा होने के बाद अन्नपूर्णा देवी झारखंड में लालटेन की लौ जलाने के लिए मशक्कत करती रही है। राजनीति बहुत बेदर्द होती है। लालू परिवार ने कभी सोचा न होगा कि अन्नपूर्णा देवी भाजपा में चली जाएगी। जिसे लोग सियासी अनहोनी मानते थे, वह हो गई। वे न सिर्फ भाजपा में आई बल्कि कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार भी हो गई। राजनीति का बेदर्द सितम रवींद्र राय को भी सहना पड़ रहा है। वे अभी भी कोडरमा के सांसद हैं।
झारखंड बनने के पहले से लेकर बाद तक बाबूलाल मरांडी के सखा थे। मरांडी का साथ छोड़ कर भाजपा में गए तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2014 में उन्होंने लोकसभा का टिकट देने में महती भूमिका निभाई थी। अब सांसद रहते उनका टिकट कट गया है। जाहिर है, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता नाराज हैं। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के पांच विधायक हैं। कोडरमा से डाक्टर नीरा यादव, बरकट्ठा से जानकी प्रसाद यादव, बगोदर से नागेंद्र महतो, जमुआ के केदार हाजरा एवं गांडेय से प्रोफेसर जय प्रकाश वर्मा। कोई खुल कर अन्नपूर्णा के विरोध में नहीं बोल रहा है, लेकिन उनका चुनावी सारथी बनने को भी तैयार नहीं हैं। अन्नपूर्णा के लिए कोडरमा से दिल्ली का उनका सफर आसान नहीं है। कोडरमा में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी यूपीए महागठबंधन के नाते चुनाव महासमर में है। रिकार्ड है कि वे कोडरमा से कभी चुनाव नहीं हारे हैं। भाकपा माले से राजकुमार यादव भी लाल झंडा लहरा रहे हैं। राजकुमार यादव का चुनाव मैदान में होना अन्नपूर्णा देवी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। इन सबसे इतर, अन्नपूर्णा देवी की पहचान जीवट राजनीतिज्ञ हैं। उनके पति स्वर्गीय रमेश यादव ने भी कोडरमा से चुनाव लड़ा था। हार गए थे। अन्नपूर्णा परिवार का सियासी इतिहास बदलने के लिए सियासत का हर दांव चलने को तैयार हैं।
अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से चार बार विधायक रही है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी है। कोडरमा और बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में अन्नपूर्णा का अपना प्रभाव है। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्र गिरिडीह जिले में आते हैं। गिरिडीह के बगोदर, राजधनवार, गांडेय एवं जमुआ में उन्हें विरोधी दलों से कांटे का मुकाबला करना होगा। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी इन गिरिडीह के चार विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवार पिछड़ गए थे। कोडरमा और बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को लंबी बढ़त मिली थी। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के सारे नेता सियासत की गहरी समझ रखने वाले हैं। राजनीति में राज और नीति का फर्क भी बेहतर जानते हैं। डाक्टर रवींद्र राय का टिकट काटा गया तो उन्होंने हो हल्ला करने से परहेज किया। इतना भर बोले कि वे नरेंद्र मोदी और अमित शाह के फैसले के साथ हैं। अन्नपूर्णा देवी को जीत के लिए शुभकामनाएं। अन्नपूर्णा देवी भी भाजपा के विधायकों के साथ एक एक कार्यकर्ता को साधने में लगी है। सार्वजनिक तौर पर उनका रटरटाया कथन है, भाजपा के एक एक नेता और कार्यकर्ता का उन्हें समर्थन मिल रहा है। सबका साथ सबका विकास का नारा कोडरमा में सभी राजनीतिक दलों पर भारी पड़ेगा।