Lok Sabha Election 2019: हिमाचल में शह और मात के खेल में उलझा हमीरपुर के प्रत्याशी का चयन
Lok Sabha Election 2019 हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि हमीरपुर का टिकट अगर उनकी सहमति के बिना तय किया गया तो वह प्रचार कमेटी से इस्तीफा दे देंगे।
बिलासपुर, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए हमीरपुर से प्रत्याशी का चयन शह और मात के खेल में उलझकर रह गया है। वीरवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर हमीरपुर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पेंच फंसा दिया। सूत्र बताते हैं कि वीरभद्र ने कहा है कि अगर उनकी सहमति के बिना हमीरपुर का टिकट तय हुआ तो वह प्रचार कमेटी से इस्तीफा दे देंगे। वीरभद्र सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के बेटे अभिषेक राणा को टिकट देने की पैरवी कर रहे हैं। भाजपा के पूर्व सांसद सुरेश चंदेल उनकी दूसरी पसंद बताए जा रहे हैं।
मुकेश व सुक्खू का खेल
सुक्खू व मुकेश सियासी घेरेबंदी कर दांवपेंच लड़ा रहे हैं। अग्निहोत्री ने सबसे पहले राजेंद्र राणा का नाम बढ़ाया था जबकि सुक्खू ने ऊना से राजपूत विधायक सतपाल रायजादा का। सुक्खू को घेरने की रणनीति कामयाब न होने
पर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर और प्रभारी रजनी पाटिल के सहारे भाजपा टिकट पर तीन बार सांसद रहे सुरेश चंदेल का नाम चला दिया। सुक्खू इसका विरोध करने में जुट गए, जिससे चंदेल की एंट्री पार्टी में होते होते रुक गई।
चंदेल पर नरम वीरभद्र
सूत्र बताते हैं वीरभद्र सिंह पूर्व सांसद सुरेश चंदेल के मामले में भी नरम रुख अपनाए हुए हैं। अभिषेक राणा के बाद
उनकी दूसरी पसंद चंदेल बताए जा रहे हैं। चंदेल पहले भी कई बार वीरभद्र सिंह सेमिलकर अपना दर्द साझा कर चुके हैं।
तैयार हो गए थे सुक्खू
राहुल गांधी ने महासचिव वेणुगोपाल के जरिये फोन पर सुक्खू से चुनाव लड़ने के लिए कहा तो वह तैयार
हो गए। उन्होंने पार्टी को लिखित में भी दे दिया। सूत्र बताते हैं सुक्खू के नाम पर चुनाव समिति में
मुहर लगने से पहले अग्निहोत्री तक बात पहुंच गई। उन्होंने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को घेरने के लिए वीरभद्र,
राजेंद्र राणा, राठौर और प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल के साथ राहुल गांधी से मुलाकात की और सुक्खू के
नाम पर आपत्ति जता दी। यहां तक वीरभद्र ने प्रचार अभियान समिति से त्यागपत्र देने की भी धमकी दे
दी। वीरभद्र के विरोध के कारण यह मामला चुनाव समिति में अटक गया।
मुकेश को मिला वीरभद्र का साथ
सुक्खू बनाम मुकेश की जंग में नेता प्रतिपक्ष को प्रदेश अध्यक्ष, राजेंद्र राणा के बाद वीरभद्र सिंह का साथ मिल
गया है। हाईकमान वीरभद्र की मानता है तो हमीरपुर से अभिषेक या सुरेश चंदेल में से कोई एक प्रत्याशी
होगा। ऐसा न होने पर सुक्खू या नयनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर प्रत्याशी हो सकते हैं। सुक्खू खुद को चुनावी मोर्चे से बाहर करने के लिए रामलाल का नाम आगे कर सकते है।
कांग्रेस टिकट से नहीं उठा पर्दा
संभावना के विपरीत प्रदेश की चारों सीटों के लिए कांग्रेस चेहरों की घोषणा वीरवार को नहीं कर पाई। दिनभर कई नाम चुनावी फिजा में तैरते रहे। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सोनिया गांधी व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत
आला नेताओं ने प्रत्याशियों के नाम पर आधा घंटा मंथन किया, लेकिन बैठक बेनतीजा रही।
हमीरपुर से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू आलाकमान के आदेश पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे, लेकिन
घोषणा टाल दी गई। चुनाव समिति की बैठक में सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री व अभिषेक राणा समेत टिकट के लिए आवेदन करने वाले नेताओं के नाम पर विचार किया गया। कांगड़ा से वीरवार को पहले पवन काजल का नाम तैरा, फिर पूर्व मंत्री जीएस बाली का नाम चल पड़ा। शाम तक फिर ओबीसी प्रत्याशी पवन
काजल के नाम में जान पड़ गई। यहां पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा भी टिकट की दौड़ में हैं। कांगड़ा पहुंच चुके कांग्रेस विधायक पवन काजल को भी अचानक दिल्ली बुला लिया गया। मंडी में कांग्रेस सुखराम के पोते आश्रय शर्मा के नाम पर लगभग सहमति बताई जा रही है। शिमला संसदीय सीट पर कर्नल धनीराम शांडिल के साथ अमित नंदा व विनोद सुल्तानपुरी के नाम भी पैनल में है।