भोपाल लोकसभा सीट: 8 बार से BJP के कब्जे में है ये सीट, क्या दिग्विजय तोड़ पाएंगे रिकॉर्ड, जानिए पूरा गणित
लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण का मतदान 12 मई को होगा। इस चरण में मध्यप्रदेश की आठ सीटें हैं जिनपर वोट डाले जाएंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण का मतदान 12 मई को होगा। इस चरण में मध्यप्रदेश की आठ सीटें हैं जिनपर वोट डाले जाएंगे। ये सीटें भोपाल, राजगढ़, देवास, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना और सागर हैं। इनमें सबसे हॉट सीट भोपाल है, जिसपर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद आलोक संजर का टिकट काट कर प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है। तो वहीँ कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर भरोसा जताया है। इस सीट पर दिग्विजय की राह कठिन बताई जा रही है क्योंकि 8 बार से यह सीट भाजपा के पास रही है। 1984 से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। लेकिन, गैस त्रासदी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर लोकसभा का चुनाव नहीं जीत पाई है।
8 बार किया भाजपा ने प्रतिनिधित्व
भोपाल सीट पर हुए 8 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 5 बार कायस्थ वर्ग से प्रत्याशी मैदान में उतारे, जिसमें 4 बार प्रदेश के पू्र्व मुख्य सचिव रहे स्वर्गीय सुशीलचंद वर्मा यहां से सांसद रहे और फिलहाल आलोक संजर सांसद हैं। बाकी तीन चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्रियों में उमा भारती और कैलाश जोशी ने राजधानी का संसद में प्रतिनिधित्व किया।
8 विधानसभा सीटों पर क्या है स्थिति
भोपाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। जिनमें भोपाल दक्षिण-पश्चिम, हुजूर, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य, बेरसिया, सिहौर, नरेला और गोविंदपुरा यहां की विधानसभा सीटें हैं। 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर बीजेपी और 3 पर कांग्रेस का कब्जा है।
हर दांव-पेंच आजमाते रहे नेता
भोपाल सीट पर मतदान के लिए शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार थम गया। ऐसे में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही पार्टियां बड़े-बड़े वादे के साथ अपने पुराने काम वोटरों को याद दिला रही हैं। इसके अलावा दोनों प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के बीच जुबानी जंग भी खूब चली। जहां एक तरफ साध्वी ने इशारों-इशारों में दिग्विजय सिंह को शैतान बता दिया तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि महिलाएं प्रज्ञा के आंसुओं के झांसे में न आएं।
ध्रुवीकरण की प्रबल संभावना
जानकार भोपाल सीट पर ध्रुवीकरण की संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस की हर संभव कोशिश होगी कि ध्रुवीकरण को किसी तरह रोका जाए। चुनाव प्रचार के दौरान दिग्विजय सिंह ने कई धार्मिक स्थलों का दौरा किया। इस बीच भाजपा की कोशिश रही है कि वह दिग्विजय सिंह को मुस्लिम परस्त और हिंदू विरोधी की छवि से प्रचारित कर दे। हालांकि इसमें कुछ नया नहीं है, दिग्विजय सिंह ने कई बार आरएसएस को लेकर बड़ा बयान दिया है। बीजेपी प्रज्ञा को कांग्रेस द्वारा सताई गई हिंदू महिला के रूप में पेश कर रही है।
2014 के चुनाव में आलोक संजर को मिली थी जीत
2014 के लोकसभा चुनाव में भोपाल सीट से भाजपा के आलोक संजर ने जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 714,178 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के पी सी शर्मा को 343,482 लाख वोटों से संतोष करना पड़ा था। वहीँ आप की रचना धींगरा तीसरे स्थान पर रही थीं। उन्हें 21,298 वोट मिले थे.
मतदाताओं की संख्या
भोपाल लोकसभा सीट पर कुल 1,957,241 मतदाता हैं, जिनमें से 1,039,153 मतदाता पुरुष हैं, जबकि महिला मतदाताओं की सख्या 918,021 है।
भोपाल सीट से कब कौन जीता
- आलोकसंजर- बीजेपी 2014
- कैलाश जोशी- बीजेपी 2009
- कैलाश जोशी- बीजेपी 2004
- उमा भारती- बीजेपी 1999
- सुशील चंद्र वर्मा- बीजेपी 1998
- सुशील चंद्र- बीजेपी 1996
- सुशील चंद्र- वर्मा बीजेपी 1991
- सुशील चंद्र- वर्मा बीजेपी 1989
- के एन प्रधान- कांग्रेस 1984
- शंकरदयाल शर्मा- कांग्रेस 1980
- आरिफ बेग- बीएलडी 1977
- शंकर दयाल शर्मा खुशीलाल- कांग्रेस 1971
- जे आर जोशी- बीजेएस 1967
- मैमूना सुल्तान- कांग्रेस 1962
- मैमूना सुल्तान- कांग्रेस 1957
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