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फ्लॉप है 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' स्कीम, लोगों को नहीं मिली कोई मदद : ममता बनर्जी

ममता ने मोदी को एक्सपायरी पीएम बताते हुए कहा कि उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के तहत एक साल में केवल 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 08:57 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 08:57 PM (IST)
फ्लॉप है 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' स्कीम, लोगों को नहीं मिली कोई मदद : ममता बनर्जी
फ्लॉप है 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' स्कीम, लोगों को नहीं मिली कोई मदद : ममता बनर्जी

नक्सलबाड़ी, पश्चिम बंगाल (पीटीआइ)। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुक्रवार को एक रैली के दौरान 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बहुप्रचारित 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' योजना एक फ्लॉप योजना है और इससे देश के लोगों को कोई भला नहीं हुआ है।

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ममता ने मोदी को "एक्सपायरी पीएम" बताते हुए कहा कि उन्होंने 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' योजना के तहत एक साल में केवल 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि 130 करोड़ की आबादी में यह खर्च मायने नहीं रखता। ममता बनर्जी ने दावा किया उनकी सरकार ने राज्य में 'कन्याश्री' कार्यक्रम के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

'कन्याश्री' कार्यक्रम कैश ट्रांसफर स्कीम है, जिसे बालिकाओं की शिक्षा और सहायता के लिए शुरू किया गया है। पीएम मोदी के इस दावे को कि ममता सरकार बंगाल में 'स्पीड ब्रेकर' है, इसपर जवाब देते हुए बनर्जी ने राज्य में उनकी सरकार की ओर से शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे ने लोगों को बताया।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने राज्य के लिए कई कल्याणकारी परियोजनाओं के रुपये को कम कर दिया, लेकिन राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषण के माध्यम से पश्चिम बंगाल में इन परियोजनाओं जीवित रखा गया है।

दार्जिलिंग जिले की एक चुनावी रैली में ममता ने कहा, 'मोदी कहते हैं कि बंगाल में कोई विकास नहीं हुआ। मैं पूछती हूं कि दिल्ली में क्या हुआ है।' उन्होंने पूछा कि क्या मोदी सरकार ने वादा करने के बावजूद दार्जिलिंग हिल्स में बंद एक भी चाय बागान को फिर से खोला है।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री की ओर से घोषित की गई कई विकास योजनाएं बस दिखावा थीं और लोगों को उससे बहुत कम मदद मिली, बनर्जी ने कहा कि 'उजाला योजना' में नाम होने के बावजूद लोगों को कुछ महीनों के बाद रसोई गैस खरीदना पड़ा।


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