LokSabha Elections 2019: अमरी और बिजली की जिंदगी से भी दुरूह संताल का चुनावी गणित
केंद्र में पांच साल तक चली भाजपा सरकार के दौरान दोनों की जिंदगी में कोई बुनियादी परिवर्तन तो नहीं आया है हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम और काम को ये महसूस करती हैं।
मृत्युंजय पाठक, साहिबगंज: अमरी मोसमात और बिजली मोसमात की जिंदगी दुरूह पहाड़ की चढ़ाई से तनिक भी कम नहीं है। सिर से पति का साया उठा। उसके बाद जिंदगी की गाड़ी खींचने के लिए आदरी पहाड़ की चढ़ाई चढऩा, वनों में भटकना और वनोत्पाद लेकर शाम तक घर लौटना जिंदगी की नियति बन गई है। केंद्र में पांच साल तक चली भाजपा सरकार के दौरान दोनों की जिंदगी में कोई बुनियादी परिवर्तन तो नहीं आया है, हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम और काम को ये महसूस करती हैं। इन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और शौचालय योजना का लाभ मिला है।
पहाड़ से उतर गोविंदपुर-साहिबगंज सड़क होते हुए अपने-अपने माथे पर बोझ लिए जीरवाबाड़ी लौटती आमरी और बिजली धूप और थकान से थोड़ी देर राहत के लिए आराम करती। टाट बनाने के काम आने वाले एक बोझा झाड़ के साथ ही पत्ते और केन लिए बिजली कहती है कि इसे ले जाकर बाजार में बचेंगे। सब बिकने पर 300 रुपये की कमाई होगी। बात आगे बढ़ी तो वोट तक पहुंची। यह सुन चेहरे पर हल्की सी मुस्कान बिखेर दी। दोनों ने एक-दूसरे की नजरों में नजरें मिलाकर कहा-मोदी।
सांसद से थोड़ी नाराजगी: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे का असर साहिबगंज में भी देखने को मिल रहा है। झारखंड में गंगा सिर्फ साहिबगंज जिले में ही बहती है। नमामि गंगे के कारण ही राजमहल में गंगा किनारे स्थित सिंधी दलान और घाट कुछ ज्यादा ही साफ-सुथरा दिखता है। यहां सुबह-सुबह प्रतिदिन राजमहल नगर पंचायत के सफाईकर्मी विनय अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते दिख जाते हैं। वे स्थानीय सांसद और झामुमो प्रत्याशी विजय हासंदा से नाराज दिखते हैं। कहा-चुनाव जीतने के बाद कभी दिखाई ही नहीं दिए। कहने लगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबगंज विकास के लिए कई बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया। मोदी के लिए भाजपा को वोट करेंगे।
राजमहल में साढ़े चार लाख आदिवासी: राजमहल लोकसभा क्षेत्र का दायरा साहिबगंज के साथ ही पाकुड़ जिला तक सिमटा है। 14.35 लाख मतदाता हैं। इनमें करीब पांच लाख मुस्लिम और 4.50 लाख आदिवासी हैं। यहां झामुमो के विजय हांसदा और भाजपा के हेमलाल के बीच सीधा मुकाबला है। मुस्लिम पूरी तरह से झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा के पक्ष में गोलबंद हो गए हैं। झारखंड और प. बंगाल की सीमा से थोड़ी दूर मुगल पाड़ा मोड़ पर हुमायूं शेख फल की दुकान लगाते हैं। वह साफ कहते हैं-पांच साल में झामुमो सांसद विजय हांसदा ने काम नहीं किया है। राजमहल ही नहीं संताल के दुमका और गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में घूम लीजिए। दुमका में भाजपा और झामुमो तो गोड्डा में भाजपा और झाविमो के बीच मतदाताओं की लामबंदी साफ दिखती है।
तब नाम और अब काम: 2014 के चुनाव में भाजपा के पास सिर्फ मोदी का नाम था। पांच साल बाद नाम के साथ ही मोदी का काम भी है। राजमहल क्षेत्र में बंदरगाह बन रहा है तो दुमका में मेडिकल कॉलेज। भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नूतन तिवारी कहतीं हैं- केंद्र की नरेंद्र मोदी और राज्य की रघुवर सरकार के शासनकाल में संताल में विकास की राजनीति शुरू हुई है। हम चाहते हैं कि संताल के हित में लोग धर्म और जाति की राजनीति से ऊपर उठकर भाजपा के पक्ष में मतदान करें।
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