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राजस्‍थान बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा: भाजपा देगी युवा को मौका, कांग्रेस का प्रत्याशी लगभग तय

लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर गहमागहमी तेज हो चुकी है। दोनों ही प्रमुख पार्टी के दावेदारों ने जयपुर से दिल्ली तक दौड़ तेज कर दी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 03:21 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 04:24 PM (IST)
राजस्‍थान बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा: भाजपा देगी युवा को मौका, कांग्रेस का प्रत्याशी लगभग तय
राजस्‍थान बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा: भाजपा देगी युवा को मौका, कांग्रेस का प्रत्याशी लगभग तय

उदयपुर, सुभाष शर्मा। लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर गहमागहमी तेज हो चुकी है। दोनों ही प्रमुख पार्टी के दावेदारों ने जयपुर से दिल्ली तक दौड़ तेज कर दी है। कांग्रेस में अगर कोई उलटफेर नहीं होता है तो डूंगरपुर से ताराचंद भगोरा का नाम तय है। भगोरा का नाम पार्टी की ओर से तय किए सिंगल पैनल में है। जबकि भाजपा इस बार यहां से युवा प्रत्याशी को मौका देना चाहती है।

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कांग्रेस की परंपरा के अनुसार इस बार डूंगरपुर जिले से प्रत्याशी तय किया जाएगा। पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा के अलावा यहां से महेंद्र बरजोड़ ने भी अपनी दावेदारी प्रदेश आलाकमान से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष पेश की है। हालांकि भगोरा को उनसे ज्यादा वजनी उम्मीदवार बताया जा रहा है। इधर, भाजपा अभी तक दावेदारी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रही है।

भगोरा की तोड़ के रूप में मजबूत दावेदार की तलाश की जा रही है। भगोरा का लोकसभा चुनाव में पुराना रिकार्ड काफी मजबूत रहा है। वह अभी तक तीन बार यहां से भाग्य आजमा चुके हैं और तीनों ही बार उन्हें सफलता मिली। यही नहीं, भगोरा की जीत हर बार दो लाख मतों से अधिक की रही है। ऐसे में भाजपा इस बार भी मिशन 25 को पूरा करने के लिए कमजोर उम्मीदवार नहीं उतारना चाहती। पार्टी में जिन नामों को लेकर चर्चा जारी हैं, उनमें युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री मुकेश रावत, पूर्व मंत्री कनकमल कटारा, पूर्व पालिका अध्यक्ष कृष्णा कटारा तथा पूर्व मंत्री जीतमल खांट के अलावा मौजूदा सांसद मानशंकर निनामा का नाम शामिल है।

डूंगरपुर जिले से दावेदार की बात की जाए तो भाजपा के पास कनकमल कटारा के अलावा कोई दूसरा चेहरा नहीं है। कटारा फिलहाल भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इस बार वह बहू अनिता कटारा का टिकट नहीं मिला तब भी भाजपा में सक्रिय भूमिका में रहे और इसी के साथ उनके दावेदारी की चर्चा आम हो गई। साथ ही वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के भी करीबी हैं। जिसका फायदा भी उन्हें मिल सकता है। 

हालांकि डूंगरपुर जिले में विधानसभा चुनाव में महज एक सीट मिलना उनकी दावेदारी को कमजोर करती है।भाजपा बांसवाड़ा से ही उतारेगी प्रत्याशी बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र के डूंगरपुर जिले में भारतीय ट्राइबलपार्टी के बढ़ते प्रभाव के चलते भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस इस चुनाव में बांसवाड़ा जिले के वोटों को बटोरना चाहती हैं। डूंगरपुर में बीटीपी के प्रभाव को देखते हुए दोनों ही दलों को वोट बैंक के खिसकने का डर है।भाजपा जहां नए और युवा चेहरे को पॉलिसी अपनाना चाहती है। इस लिहाज से यहां भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री मुकेश रावत और पूर्व पालिकाध्यक्ष कृष्णा कटारा में किसी एक को प्रत्याशी बना सकती है। 

विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा में आरएसएस की ओर से प्रत्याशियों के नाम भेजे गए तो मुकेश रावत को पार्टी भगोरा के समक्ष उतार सकती है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में हकरू मइडा के बाद प्रमुख दावेदार के तौर पर मुकेश रावत तथा महिला प्रत्याशी के रूप में कृष्णा कटारा का नाम पार्टी के समक्ष रखा था। बांसवाड़ा से तीसरे विकल्प के रूप में पूर्व मंत्री जीतमल खांट के रूप में पार्टी के समक्ष विकल्प है। विधानसभा चुनाव में टिकट काटे जाने पर वह पार्टी में बने रहे तथा पूरी तरह सक्रिय भी रहे। 

लोकसभा क्षेत्र में दलीय स्थिति बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा आती हैं। इनमें से तीन सीटें कांग्रेस के हिस्से में आई, जबकि दो-दो पर भाजपा और बीटीपी और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। जबकि साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास सात सीटें तथा कांग्रेस महज एक ही सीट पर विजयी रही।


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