Lok Sabha Election 2019: बाबूलाल मरांडी और रवींद्र राय ने एक साथ की शक्ति की अाराधना, यह मांगा आशीर्वाद
झारखंड की राजनीति में बाबूलाल मरांडी और रवींद्र राय कभी एक-दूसरे के पूरक थे। कभी गुरु मरांडी और चेले राय में खूब बनती थी। बाबूलाल ने भाजपा छोड़ा तो उनके पीछे रवींद्र भी हो लिए।
गिरिडीह, जेएनएन। झारखंड की राजनीति के दो ध्रुव पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र राय रविवार को एक साथ नजर आए। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के सरिया ठाकुरबाड़ी टोला स्थित माता के मंदिर में दोनों ने साथ-साथ हाथ जोड़कर अराधना की। दोनों ने माता से आशीर्वाद मांगे। बाबूलाल ने कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में अपनी जीत का आशीर्वाद मांगा। हालांकि राय ने माता से काैन सा आशीर्वाद मांगा यह पता नहीं चल पाया। इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारेे में जितनी मुंह उतनी बातें शुरू हो गई हैं।
झारखंड की राजनीति में बाबूलाल मरांडी और रवींद्र राय कभी एक-दूसरे के पूरक थे। गुरु मरांडी और चेले राय में खूब बनती थी। बाबूलाल ने भाजपा छोड़ा तो उनके पीछे रवींद्र भी हो लिए। हालांकि बाद में दोनों ने अलग-अलग रास्ता पकड़ लिया। राय भाजपा में लाैट प्रदेश अध्यक्ष बने। उन्हें पिछले चुनाव में कोडरमा से प्रत्याशी बनाया और मोदी लहर में चुनाव जीत सांसद बने। दूसरी तरफ झाविमो प्रमुख बाबूलाल, मोदी लहर में लोकसभा और विधानसभा दोनों का चुनाव हार गए। बदली परिस्थित में भाजपा ने रवींद्र राय का टिकट काट राजद की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को कोडरमा से प्रत्याशी बनाया है। इससे अंदर ही अंदर रवींद्र कुपित बताए जाते हैं।
चैत्र नवरात्रि के माैके पर रविवार को झाविमो प्रमुख बाबूलाल मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। मंदिर पहुंचकर उन्होंने मां दुर्गा के सामने मत्था टेका। इस दौरान मंदिर में पूर्व से ही सांसद डॉ. रवींद्र कुमार राय मां दुर्गा की आराधना में लगे हुए थे। मां दुर्गा की आरती का समापन होने के बाद डॉ. राय एवं बाबूलाल मरांडी मिले। मिलन के पूर्व बाबूलाल मरांडी लगभग पन्द्रह से बीस मिनट देवी दुर्गा जी की आरती में हाथ जोड़कर खड़े रहे। इसके बाद दोनों नेता कुछ देर बातचीत कर एक-दूसरे का हाल समाचार लिये। इसी बीच राय की पत्नी विद्या राय से भी बाबूलाल मिले व अपने गंतव्य की ओर चलते बने। कुछ लोग इस मिलन को राजनीतिक बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे पुरानी मित्रता से जोड़ कर देख रहे हैं।
बहरहाल, मामला कुछ भी हो दिल मिले या ना मिले विचार मिले या ना मिले लेकिन रविवार को दो पुराने दोस्त दुर्गा मां के दरबार में जरूर मिले।