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LokSabha Election 2019: BIG ISSIU: दस साल से भवन को तरसे आयुर्वेदिक कॉलेज

साहिबगंज में सरकार ने दस साल पहले आयुर्वेदिक कॉलेज की स्वीकृति दी थी। पुराने साहिबगंज इलाके में भाड़े के मकान में कॉलेज खोला गया। एक सत्र में नामांकन के बाद पढ़ाई शुरू हुई।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 01:16 PM (IST)
LokSabha Election 2019: BIG ISSIU: दस साल से भवन को तरसे आयुर्वेदिक कॉलेज
LokSabha Election 2019: BIG ISSIU: दस साल से भवन को तरसे आयुर्वेदिक कॉलेज

साहिबगंज, धनंजय मिश्र। राजमहल लोकसभा क्षेत्र के तालझारी प्रखंड के बांसकोला में आयुर्वेदिक कॉलेज भवन का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था। इस बीच जमीन विवाद के कारण भवन का काम रुक गया। हालांकि कॉलेज का छात्रावास बनाने का काम वहां से कुछ दूर पूरा कर लिया गया था। जैसे तैसे आयुर्वेदिक कॉलेज का संचालन छात्रावास में ही किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव आ गया है। इस मुद्दे को राजमहल क्षेत्र के युवा अब नेताओं के समक्ष शिद्दत से उठाने की तैयारी कर रहे हैं। इस कॉलेज में डी फार्मा आयुर्वेद के दो वर्षीय पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है। इसके लिए सरकार ने 30 सीटों की अनुमति दी है।  

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राजमहल के पहाड़ों पर पर्याप्त हरियाली और जड़ी बूटियों की अधिकता देख यहां छात्रावास के भवन में कॉलेज खोलने की तैयारी की गई थी। तीन साल पहले जैसे तैसे यहां कॉलेज खुला। इस इलाके के पहाड़ों पर पत्थर व्यवसायी गिट्टी निकालते हैं। इसके लिए विस्फोट किया जाता है। विस्फोट का असर छात्रावास भवन पर भी पड़ रहा है। इसमें दरार आ गई है। 

10 साल पहले मिली आयुर्वेदिक कॉलेज की स्वीकृति : साहिबगंज में सरकार ने दस साल पहले आयुर्वेदिक कॉलेज की स्वीकृति दी थी। तब पुराने साहिबगंज इलाके में भाड़े के मकान में कॉलेज खोला गया। एक सत्र में नामांकन के बाद कॉलेज में पढ़ाई शुरू हुई। पर बाद पढ़ाई बंद हो गई। तीन वर्ष पहले इसे  फिर छात्रावास में शुरू किया गया। 

जमीन विवाद के कारण नहीं बना भवन : 10 साल में आयुर्वेदिक कॉलेज को भवन नसीब नहीं होने का कारण जमीन विवाद है। क्योंकि सरकारी जमीन पर छात्रावास तो बन गया। पर, कॉलेज भवन आदिवासी की जमीन पर बन रहा था। 

अभी छात्रावास में पढ़ाई शुरू की गई है। भवन निर्माण की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। कॉलेज को जिस स्थान पर संचालित किया जा रहा है वहां वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा है। रात में विस्फोट से भवन में कंपन होता है। सरकार से मांग की है कि कॉलेज का अपना भवन एवं चहारदीवारी जल्द बनाई जाए। 

-डॉ. वकील कुमार सिंह, प्राचार्य, आयुर्वेदिक कॉलेज, साहिबगंज


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