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LokSabhaElection2019: प्रियंका-अनुप्रिया की नई दोस्ती बनेगी भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द

पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अपना दल नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल से हुई मुलाकात ने दोनों दलों के बीच नई दोस्ती की सरगर्मी बढ़ा दी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 09:39 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 01:23 AM (IST)
LokSabhaElection2019: प्रियंका-अनुप्रिया की नई दोस्ती बनेगी भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द
LokSabhaElection2019: प्रियंका-अनुप्रिया की नई दोस्ती बनेगी भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने अपना दल के साथ गठबंधन का रास्ता खोलते हुए उत्तर प्रदेश में भाजपा को झटका देने की तैयारी कर ली है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अपना दल नेता और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल से हुई मुलाकात ने दोनों दलों के बीच नई दोस्ती की सरगर्मी बढ़ा दी है।

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प्रियंका से चर्चा के बाद अनुप्रिया ने भाजपा से अपनी नाराजगी का खुला इजहार कर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अगुआई में तीसरा सियासी समीकरण बनने का संकेत दे दिया।सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस और अपना दल के बीच चुनावी तालमेल पर अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला होने की प्रबल संभावना है। कांग्रेस खेमे में इस बात से इन्कार नहीं किया जा रहा कि अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार से इस्तीफा देकर 27 फरवरी को होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक में भी शामिल हो सकती हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जातीय समीकरण की वजह से अपना प्रभाव रखने वाले अपना दल की भाजपा से नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अनुप्रिया ने गुरुवार रात प्रियंका के घर जाकर उनसे चर्चा की। इसी बैठक में प्रियंका और अनुप्रिया में चुनावी गठबंधन को लेकर सहमति लगभग बन गई है। अनुप्रिया ने खुद कहा कि भाजपा के साथ कुछ मसलों पर गहरे मतभेद हैं। इसका समाधान निकालने के लिए भाजपा को 20 फरवरी तक का समय दिया था मगर अब तक कोई जवाब नहीं आया है।

ऐसा लगता है कि घटक दलों की उन्हें कोई परवाह नहीं। ऐसे में अपना दल खुद का फैसला करने के लिए स्वतंत्र है। अनुप्रिया के बयान से स्पष्ट है कि वह राजग छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने की तैयारी कर चुकी हैं। भाजपा नेतृत्व मिर्जापुर और प्रतापगढ़ के अलावा अनुप्रिया की पार्टी को कोई अन्य सीट देने के लिए तैयार नहीं है जबकि वह चार सीटें मांग रही हैं।


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